जब मुंबई की सड़कों पर सोते थे जावेद अख्तर, 3 दिन तक रहे भूखे, बोले- `आज भी वह ट्रॉमा...`
Javed Akhtar: अनुभवी स्क्रिप्ट राइटर और गीतकार जावेद अख्तर ने अपने हालिया इंटरव्यू में अपने बचपन और पिता के साथ अपने संबंधों को लेकर बात की. जावेद अख्तर ने अपने गरीबी के दिनों और कम उम्र में अपनी मां को खोने के बारे में भी बताया. जावेद अख्तर बताया कि जब वह महज आठ साल के थे, तब उन्होंने अपनी मां को खो दिया था.
Javed Akhtar: अभुवी स्क्रिप्टराइटर, गीतकार और लेखक जावेग अख्तर आज फिल्म इंडस्ट्री का जाना माना और बड़ा नाम हैं. उन्होंने अपने करियर में अपने काम के दम पर कई नेशनल अवॉर्ड, पद्मश्री और पद्म भूषण जैसे बड़े अवॉर्ड हासिल किए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जावेद अख्तर ने कभी मुंबई की सड़कों पर दिन काटे, गलियों में सोए और कई दिनों तक भूखे पेट भी रहे हैं. जावेद अख्तर ने अपने हालिया इंटरव्यू में बचपन और मुंबई में शुरुआती दिनों को याद किया है.
जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मोजो स्टोरी के साथ एक इंटरव्यू में उस वक्त को याद किया, जब वह 19 साल के थे और मुंबई की सड़कों पर सोते थे. उन्होंने बताया कि पिता के साथ उनकी रिलेशनशिप काफी समस्या वाली थी, जिसकी वजह से उनके शुरुआती दिन काफी संघर्ष भरे रहे थे. उन दिनों को याद करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, ''मुझे वह याद है और मैं इस जीवन के लिए बहुत आभारी महसूस करता हूं. इसके बारे में दुखी होने या सताया हुआ महसूस करने के बजाय, मैं जीवन के लिए बहुत आभारी महसूस करता हूं.''
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'यदि उस रात जब मैं बहुत भूखा था, तो मुझे केवल एक...'
जावेद अख्तर ने आगे बताया कि आज जब उनके लिए मुंबई में समुद्र के नजारे वाले आलीशान घर में नाश्ता लाया जाता है, तो उन्हें लगता है कि वह किसी नाटक का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ''मैं जिंदगी के प्रति शुक्रगुजार महसूस करता हूं. मेरे पास इतना सारा खाना है. मैं अपनी डाइनिंग टेबल पर कई बार बैठता हूं और सोचता हूं कि यदि उस रात जब मैं बहुत भूखा था, तो मुझे केवल एक ही डिश मिल जाती तो मुझे कितना आनंद आता. एक तरफ मैं उन मुश्किल दिनों को याद करता हूं, लेकिन दूसरी तरफ मैं बहुत आभारी महसूस करता हूं, क्योंकि ऐसे करोड़ों लोग होंगे, जिन्होंने मेरी तरह कष्ट सहे, लेकिन उन्हें कोई रिवॉर्ड नहीं मिला.''
'केवल एक चीज जो आप जानते हैं, वह यह है कि आप भूखे हैं'
उन दिनों को याद करते हुए, जब वह कुछ नहीं खाते थे, 79 साल के गीतकार ने कहा, ''ऐसे 2-3 किस्से हैं, जिन्होंने मुझे बुरी तरह से परेशान किया है और आज भी वह ट्रॉमा मेरे साथ है.'' इसके बारे में और बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, ''2-3 दिनों तक भूखे रहने के बाद तीसरे दिन एक इंसान और कुत्ते में कोई फर्क नहीं रह जाता है. आपकी गरिमा और आत्म-सम्मान की सारी भावनाएं, सब कुछ इतना अस्पष्ट और फोकस से बाहर हो जाता है. केवल एक चीज जो आप जानते हैं, वह यह है कि आप भूखे हैं.''