`मैं Animal जैसी फिल्मों...` Konkona Sen Sharma ने नहीं देखी रणबीर कपूर की फिल्म; एक्ट्रेस ने बताया पीछे का कारण
Konkona Sen Sharma: हाल ही में `किलर सूप` एक्ट्रेस कोंकणा सेन शर्मा ने अपने इंटरव्यू में पिछले साल रिलीज हुई रणबीर कपूर की ब्लॉकबस्टर फिल्म `एनिमल` को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि उनको इस तरह की फिल्मों को देखने के बाद कैसा लगता है और वो क्या सोचती हैं?
Konkona Sen Sharma On Ranbir Kapoor Animal: बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेसेस में से एक कोंकणा सेन शर्मा इन दिनों अपनी क्राइम ड्रामा सीरीज 'किलर सूप' (Killer Soup) की सफलता को एंजॉय कर रही हैं, जिसको ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया था. इस सीरीज में कोंकणा सेन के साथ मनोज बाजपेयी भी नजर आ रहे हैं. अभिषेक चौबे द्वारा निर्देशित इस सीरीज को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.
सीरीज में कोंकणा ने स्वाति के किरदार में नजर आ रही हैं, जो अपने पति के मर्डर को छिपाने के लिए कई तरह की चाल चलती है. इसी बीच कोंकणा सेन ने इंडिया टुडे के साथ एक खास बातचीत की, जिसके दौरान उन्होंने अपने नेगेटिव किरदार निभाने और ऑन-स्क्रीन हिंसा के बारे में बात की. उसी के बारे में बात करते हुए उन्होंने रणबीर कपूर की पिछले साल रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर 'एनिमल' का भी जिक्र किया.
कोंकणा ने 'एनिमल' पर की खुलकर बात
'एनिमल' के बारे में बात करते हुए कोंकणा सेन शर्मा ने कहा, 'उन्हें विश्वास नहीं है कि वे इस तरह की फिल्म की दर्शक हैं और ऐसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनना शायद उनके लिए ठीक नहीं होगा'. उन्होंने बात करते हुए आगे कहा, 'मैंने अभी तक 'एनिमल' नहीं देखी है और मैं अब काफी उत्सुक हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं इसे थिएटर में देखूंगी, लेकिन शायद मैं इसे घर पर ही देखूंगी, क्योंकि ये एक ऐसी फिल्म नहीं है, जिसके लिए मैं नेचुरली एक्साइटेड हूं, जो बस ठीक है. मैं इस फिल्म की ऐसी दर्शक नहीं हूं और इसे काफी लोगों से बहुत सारा प्यार मिला है, लेकिन मैंने 'एनिमल' नहीं देखी है और मुझे इससे कोई समस्या नहीं है'.
फिल्म के लिए नहीं हैं एक्साइटेड
कोंकणा सेन शर्मा ने आगे बात करते हुए कहा, 'मुझे नहीं लगता कि फिल्मों को ये सब दिखाने की जरूरत है कि हमें कैसे जीना चाहिए. ये कोई प्लेबुक नहीं है. फ़िल्में कोई घोषणा पत्र नहीं हैं. उन्हें प्रचार फिल्में नहीं मानी जाती है. मेरे लिए फिल्में जीवन की खोज की तरह हैं. ये एक क्रिएटिव एक्सप्रेशन की तरह है. मुझे पर्सनली हिंसा या खून-खराबा या स्क्रीन पर जो कुछ भी दिखाया गया है उससे कोई समस्या नहीं है अगर इसका कोई अच्छा कारण है और कल्पनाशील तरीके से किया गया है, तो एक अच्छे क्लाइमेक्स तक, या एक फिल्म निर्माता हिंसा को नजरअंदाज नहीं कर रहा है. आपको कोई कारण ढूंढना होगा'.