Manoj Bajpayee on Hansal Mehta: एक्टर मनोज बाजपेयी अपनी प्रोफेशनल और निजी जिंदगी को लेकर काफी मुखर रहते हैं. अपने को-स्टार्स और दोस्तों के बारे में अच्छा या बुरा कुछ भी कहने से वह जरा भी नहीं कतराते हैं. अपनी नई फिल्म 'भैयाजी' को लेकर मनोज बाजपेयी फिर सुर्खियों में हैं. इस फिल्म के प्रमोशल के लिए वह इंटरव्यूज दे रहे हैं. अपने एक लेटेस्ट इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने हंसल मेहता के साथ अपने पिछले मतभेदों का खुलासा किया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इसका उनके ऊपर क्या प्रभाव पड़ा. 


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मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने सिद्धार्थ कन्नन के साथ इंटरव्यू में संघर्ष के शुरुआती दिनों में हंसल मेहता (Hansal Mehta) के साथ अपने मतभेदों पर अफसोस जताया. उन्होंने बताया कि उन्हें कैसा महसूस हुआ था, जब प्रोटेस्टर्स ने हंसल मेहता पर स्याही फेंक दी थी. 


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'उनको यह नहीं पता, मैं अपने बाथरूम में गया और खूब रोया'
मनोज बाजपेयी ने कहा, ''वह हमारे लिए मुश्किल वक्त था. मेरा करियर मुझसे दूर जा रहा था. वह करियर जिसे मैंने कड़ी मेहनत के बाद बनाया था. इस प्रोजेक्ट में कई अनचाहे लोग घुस आए थे, कुछ मेरी वजह से तो कुछ हंसल की वजह से. इसके बाद चीजें सही नहीं हुईं. हां, आपको बुरा लगता है, लेकिन मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं, जो तर्कों को खुद पर असर डालने देता है. मुझे जो बुरा लग रहा है वह यह है कि हंसल को उस विरोध-प्रदर्शन से गुजरना पड़ा और लोगों ने उनके चेहरे पर स्याही फेंकी. जब ऐसा हुआ, तो उनको यह नहीं पता, मैं अपने बाथरूम में गया और खूब रोया.''


'हंसल हमेशा मेरे लिए सपोर्टिव रहे हैं'
अभिनेता ने आगे कहा, ''उन जैसे शख्स के साथ ऐसा कैसे हो सकता है? चाहे कुछ भी हुआ हो, हंसल हमेशा मेरे लिए सपोर्टिव रहे हैं. जब उनकी मां का देहांत हुआ, मेरा दिल टूट गया, क्योंकि वह मुझे खाना खिलाती थीं. मैं जब भी हंसल मेहता के घर जाता था, उनकी मां हमेशा मेरे सामने खाना परोस देती थीं, ये सोचकर कि मैंने खाना नहीं खाया होगा.''


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'मेरी भावनाएं हमेशा गुस्से के रूप में सामने आतीं'
उन्होंने आगे कहा, ''आप चाहे कितने भी स्ट्रॉन्ग क्यों ना हो, आप एक प्वॉइंट के बाद टूट जाते हैं. जो कुछ भी हुआ, उसकी वजह से हम एक-दूसरे पर चिल्लाए. अगर आप आज मुझसे पूछे तो मैं उन बातों को साथ लेकर नहीं चल रहा हूं. यह एक सफर का हिस्सा है. फिर चाहे वह हंसल और मैं हों, अनुराग कश्यप या मैं हों. राम गोपाल वर्मा या मैं हों. हमारे बीच कई मतभेद हुए. लेकिन मेरी एकमात्र समस्या यह थी कि मेरी भावना गुस्से की थी मैं गुस्से में इसे निकाल लेता था. इससे मेरे दोस्तों को अधिक दुख पहुंचता था. अगर मैं उनके सामने रोता तो उन्हें बुरा नहीं लगता, लेकिन मेरी भावनाएं हमेशा गुस्से के रूप में सामने आतीं. इसलिए जब भी मैं अपनी भड़ास निकालता था तो सामने वाला पूरी तरह से निराश हो जाता था.''



हंसल मेहता के साथ मनोज बाजपेयी ने की 2 फिल्में 
बता दें कि मनोज बाजपेयी और हंसल मेहता ने 'दिल पे मत ले यार' में साथ काम किया था, जिसमें तब्बू, आदित्य श्रीवास्तव, सौरभ शुक्ला और विजय राज थे. इसके बाद उन्होंने बायोपिक-ड्रामा फिल्म 'अलीगढ़' में भी साथ काम किया, जिसमें राजकुमार राव उनके को-स्टार थे.