Raj Kapoor ने ‘मेरा नाम जोकर’ के लिए अपनी ही फिल्म से लिया था आइडिया, बोल्ड सीन के लिए बदल दी थी हीरोइन

‘मेरा नाम जोकर’ को रिलीज हुए आज 50 साल पूरे हो गए हैं. इस फिल्म की 50 वीं सालगिराह पर जानिए इससे जुड़ी खास बातें....

Fri, 18 Dec 2020-5:04 pm,
1/7

जब मेरा नाम जोकर में राज कपूर ने रखे 2 इंटरवल

‘बहुरूपिया’ के डब्बाबंद होने के बाद राज कपूर (Raj Kapoor) को लग चुका था कि यही एक ऐसी फिल्म है, जो उनकी कहानी और उनके दर्द को देश के सामने और उनके फैंस के सामने ला सकती है. वैसे भी राज कपूर को ‘संगम’ के बाद एक सुपर डुपर हिट की तलाश थी. हालांकि ‘बहरूपिया’ में वैजयंती माला थीं, लेकिन ‘मेरा नाम जोकर’ में उन्होंने बैजयंती माला की जगह सिम्मी ग्रेवाल, पदमिनी और एक रूसी हीरोइन को कास्ट किया, यानी हर हाल में मेगा फिल्म बनानी थी. तभी तो मनोज कुमार, दारा सिंह, धर्मेन्द्र जैसे चेहरे भी मूवी में नजर आए. ‘मेरा नाम जोकर’ का स्क्रीनप्ले लिखने का जिम्मा सौंपा उन्होंने ख्वाजा अहमद अब्बास को, जो कि आज अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ के डायरेक्टर के तौर पर ज्यादा जाने जाते हैं. राज कपूर की ज्यादातर फिल्में उन्होंने ही लिखी थीं. ‘मेरा नाम जोकर इतनी लम्बी हो गई थी कि उसमें दो इंटरवल रखने पड़े थे, कुल 255 मिनट की फिल्म थी. हालांकि, बाद में उसके एडिट वर्जन भी जारी किए गए. शेमारू ने काफी बाद में इसका फुल वर्जन 2 इंटरवल्स के साथ ही रिलीज किया था. फिल्म को बनाते-बनाते ही 6 साल लग गए. इसी फिल्म से ऋषि कपूर को लांच किया गया, राज कपूर के बचपन के रोल में, जो पहले शशि कपूर को मिलते थे.

2/7

जब मैडम तुसाद म्यूजियम में चली ‘मेरा नाम जोकर

शुरू में ‘मेरा नाम जोकर’ (Mera Naam Joker) नहीं चली, राज कपूर काफी निराश हुए, वो अपना सारा पैसा, सारी क्रिएटिवटी, सारे रिश्ते इस मूवी में झोंक चुके थे. लेकिन उसमें काफी नुकसान हुआ. बाद में और आज भी यही मूवी बॉलीवुड की कालजयी फिल्मों में गिनी जाती है. 1980 में वो फिल्म फिर रिलीज हुई और सुपर डुपर हिट साबित हुई. लोग राज कपूर को याद करते हैं, तो इस फिल्म का ‘गीत जीना यहां,..मरना यहां’ के बिना राज कपूर का सफर पूरा नहीं होता. कुछ ही साल पहले जब मैडम तुसाद म्यूजियम के लिए दिल्ली के रीगल सिनेमा को बंद करने का फैसला लिया गया तो राजकपूर की जिन दो फिल्मों को आखिरी शोज के रूप में चलाने का फैसला किया गया वो थी ‘संगम’ और ‘मेरा नाम जोकर’.

3/7

इस बोल्ड सीन के लिए बदल दी राजकपूर ने हीरोइन!

राज कपूर (Raj Kapoor) इस मूवी के लिए कोई भी समझौता करने के तैयार नहीं थे, सो ‘जब मेरा नाम जोकर’ बनाई तो अपनी पूरी जान लगा दी. दो दो बोल्ड सींस प्लान किए गए, अपने इतनी कम उम्र के बेटे ऋषि को अपनी टीचर के प्यार में गिरफ्तार दिखा दिया, जो छुप कर अपनी टीचर को खेत में कपड़े बदलते देखता है. पहला बोल्ड सीन तो यही था. उस सीन को तब इतना बोल्ड माना गया था, जिसके चलते आज भी लोग ये सीन करने वाली सिमी ग्रेवाल को जानते हैं. दूसरा सीन फिल्माया गया था पदमिनी पर. पदमिनी इस मूवी में एक जेबकतरा मीनू बनी है, जो लड़कों के वेश में रहती है, एक दिन फाइट सीन में उसकी शर्ट छाती के पास फट जाती है और कुछ सेकंड तक राज कपूर हैरानी से पदमिनी को देखने लगते हैं. यहां पदमिनी ने भी हिम्मत से वो सीन फिल्माया, इससे पहले किसी डायरेक्टर ने ऐसा सीन किसी बड़ी हीरोइन के साथ करने की हिम्मत नहीं दिखाई थी. राजकपूर ने उन पर एक पारदर्शी साड़ी में भी बोल्ड सीन शूट किया. वहीं ‘बहुरूपिया’ में उनके साथ ‘संगम’ वाली हीरोइन बैजयंती माला भी थीं, जिनको पहली बार राजकपूर ने ही बिकिनी पहनाई थी, लाल रंग की बिकिनी में श्री कृष्ण की तरह वो खुद तो उनके कपड़े पेड़ पर लेकर चढ़ गए थे और नीचे तालाब में बिकिनी में नहाती, तैरती बैजयंती माला पर पूरा गाना शूट किया था. लेकिन बताया जाता है ‘मेरा नाम जोकर’ में वो ये सीन करने को तैयार नहीं थीं. सो उनकी जगह पदमिनी को मौका दिया गया. लेकिन राज साहब सीन हटाने को तैयार नहीं हुए.

4/7

सिमी ग्रेवाल ने ऐसे दी थी राज कपूर को अपनी गुरुदक्षिणा

सिमी ग्रेवाल दो ही मूवीज की वजह से जानी जाती हैं. हालांकि, बाद में उनके सेलेब्रिटी इंटरव्यू शो के चलते जाना गया. पहली मूवी थी ‘मेरा नाम जोकर’ और दूसरी थी ‘कर्ज’. दोनों में ही राजकपूर के बेटे ऋषि कपूर भी उनके साथ थे. फौजी परिवार की इस लड़की सिमी को लंदन में स्कूलिंग करने के दौरान ही उनको फिल्मों में काम करने का शौक चढ़ा, वहां कई स्टूडियोज के वो चक्कर लगाती थीं. हिंदी फिल्में करने से पहले सिमी ने बस एक हिंदी फिल्म देखी थी, वो थी राज कपूर (Raj Kapoor) की ‘आवारा’. राजकपूर को एक अंग्रेजी लहजे वाली बोल्ड किस्म की लड़की चाहिए थी, मॉर्डन टीचर के रोल में. सिमी ने ‘टारजन गोज टू इंडिया’ में ऐसा ही रोल किया था. ‘मेरा नाम जोकर’ के बाद वो घर घर में मशहूर हो गईं. राजकपूर ने ही उन्हें डायरेक्शन में जाने के टिप्स दिए और सिगा आर्ट इंटनेशनल नाम से एक कंपनी शुरू कर दी. पहली मूवी बनाई मिथुन चक्रवर्ती के साथ ‘रुखसत’, उससे उन्हें समझ आ गया कि मूवी बनाना कितना मुश्किल है. सो सोचा डॉक्यूमेंट्री बनाते हैं. शुरूआत की अपने गुरु राज कपूर से. बीमार राजकपूर को गुरुदक्षिणा में अपनी पहली डॉक्यूमेंट्री ‘लिविंग लीजेंड राज कपूर’ दी. ये एक इंटरनेशनल चैनल के लिए थी. राज कपूर भी फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान बेड पर बीमारी में पड़े होने के बावजूद अपनी खुशी को छुपाकर नहीं रख पाए थे.

 

5/7

सेट पर धर्मेन्द्र को शराब पीना पड़ा था काफी भारी

‘मेरा नाम जोकर’ (Mera Naam Joker) के परदे पर भले ही धर्मेन्द्र राज कपूर के बॉस हों, लेकिन सेट पर ठीक उलटा था. एक दिन धर्मेन्द्र भी राज कपूर के गुस्से का शिकार बन गए. दरअसल, कभी शराब के टब में डूबे रहने वाले राज कपूर के सैट पर शराब बैन थी. ऐसे में कोई पीकर आता था तो उनका गुस्सा उस पर उतर जाता था. एक दिन उन्होंने सेट के कोने पर पड़ी बेंच पर नशे में धुत धर्मेन्द्र को पड़ा पाया, तो उन्होंने धर्मेन्द्र पर चिल्लाना और उन्हें हिलाना शुरू कर दिया और तभी छोड़ा जब धर्मेन्द्र ने पैरों में गिरकर माफी मांग ली. उसके बाद धरमजी उनके सेट पर पीना भूल गए.

6/7

राजकुमार ने राज कपूर से कही थी ये बातृ

एक बार राज कपूर (Raj Kapoor) भिड़ गए थे राजकुमार से, मामला खासा दिलचस्प था. जब राज कपूर अपना ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मेरा नाम जोकर’ (Mera Naam Joker) बना रहे थे, तो उन्होंने कैमियो के लिए कई सितारों से बात की, जिसमें मनोज कुमार, धर्मेन्द्र, सिमी ग्रेवाल आदि तो थे ही राजकुमार भी थे. राज कुमार को उन्होंने सर्कस के एक जादूगर का रोल ऑफर किया. राज कुमार ने जवाब दिया कि ‘अगर मुझे अपनी फिल्म में लेना चाहते हो तो पहले अपने बराबर का कोई रोल मेरे लिए क्रिएट करो’. राज कपूर खून का घूंट पीकर रह गए. प्रेम चोपड़ा की बर्थडे पार्टी में दोनों फिर फिर मिले, राजकपूर नशे में धुत्त थे, जब सामने बैठे मुस्कराते राजकुमार पर नजर पड़ी तो वो आपा खो बैठे और उन्हें ‘ब्लडी मर्डरर’ तक बोल डाला. दरअसल, राजकुमार हीरो बनने से पहले पुलिस इंस्पेक्टर थे और उन पर एक मर्डर का इल्जाम भी था. राजकुमार उनसे ये कहकर निकल गए कि ‘मैं खूनी रेपिस्ट हो सकता हूं, लेकिन तुम्हारे पास नहीं आऊंगा, पहले फिल्म बनाना सीख लो’. जब शुरूआत में ‘मेरा नाम जोकर’ पिट गई, तो राजकुमार ने चुटकी भी ली थी कि राज कपूर को फिल्म मेकिंग का कोर्स कर लेना चाहिए.

7/7

नीतू सिंह कपूर को याद रहा, सिमी ग्रेवाल भूल गईं

कपूर खानदान के लिए ये बड़ा दिन है. कितनी विडम्बना की बात है कि कोरोना काल में ऋषि कपूर भी नहीं रहे. वो रहते तो शायद बड़ा जश्न होता क्योंकि राज साहब की तरह उनके लिए भी ये मूवी बेहद खास थी. आज न राजकपूर जिंदा हैं, न पदमिनी और न ही ऋषि कपूर और दारा सिंह. मनोज कुमार और धर्मेन्द्र तो वैसे ही गेस्ट रोल में थे, लेकिन इस मूवी की एक हीरोइन अभी जिंदा हैं सिमी ग्रेवाल, शाम तक उनकी तरफ से कोई ट्वीट नहीं देखा गया. वो ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं, उनको शायद याद नहीं रहा, लेकिन कपूर खानदान की बहू नीतू सिंह कपूर को याद रहा और उन्होंने इंस्टाग्राम पर इस मूवी के 50 साल पूरे होने पर एक स्पेशल पोस्ट की है वो भी अपने पति ऋषि कपूर के लिए. 

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link