नई दिल्ली: गीतकार और अभिनेता पीयूष मिश्रा का कहना है कि स्टार वह होता है, जिस पर निर्माता पैसा लगाता है. पीयूष को 46 साल की उम्र में मौका मिला और उसके बाद उन्हें पहचान मिली. उन्होंने कहा कि गीता में लिखा है कि एक बार किया गया कर्म बिना अपना फल दिए नष्ट नहीं होता है. मिश्रा ने कहा, 'मुझे पहला मौका 46 की उम्र में फिल्म 'गुलाल' से मिला. इसके बाद मेरी पहचान बनी. स्टार अभी भी नहीं हूं. स्टार वह होता है, जिस पर निर्माता पैसा लगाता है.' 


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उन्होंने कहा, 'कई लोगों ने मुझसे पूछा कि मौका नहीं मिल रहा था तो आपने फिल्म उद्योग छोड़ क्यों नहीं दिया? लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था. गीता में लिखा है कि एक बार किया गया कर्म बिना अपना फल दिए नष्ट नहीं होता है.' मिश्रा ने इसी पर अमेरिकी अभिनेता मॉर्गन फ्रीमैन का उदाहरण दिया, जिन्हें 55 साल की उम्र में मौका मिला था.


एक हिंदी चैनल के कार्यक्रम के में पीयूष मिश्रा ने अपने सुमधुर गीत सुनाए. मिश्रा ने अपने गीत 'जब शहर हमारा सोता है..', 'एक बगल में चांद होगा..' और 'आरंभ है प्रचंड..' को सबको सुनाया. मिश्रा ने अपनी कविताएं सुनाई उन्होंने 'क्यों आते हो अंकल मुझको डर लगता है' पढ़ी. मिश्रा ने अपने प्रिय संगीतकार ओ.पी. नैयर के नाम भी एक गाना गाया. जिसके बोल थे 'ऐसा तो होता है.'


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