तालिबान से की थी संघ की तुलना, अब जावेद अख्तर के खिलाफ क्यों वापस हो गया वो केस?
Javed Akhtar: अपने गानों के साथ-साथ अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाले गीतकार जावेद अख्तर को 3 साल पुराने एक मामले में बड़ी राहत मिली है. चलिए जानते हैं आखिरी क्या था ये पूरा मामला?
Javed Akhtar On RSS Statement: हिंदी सिनेमा के जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में छाए रहते हैं, जिसके लिए उनको काफी ट्रोल भी किया जाता है. 3 साल पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर एक ऐसे बयान दिया था, जिसके बाद उनको ट्रोलिंग के साथ-साथ कानूनी पचड़ों का भी सामना करना पड़ा था. संघ से जुड़े एक वकील ने उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया था. अब खबर आ रही है कि वकील ने अपने उस केस को वापस ले लिया है.
दरअसल, 2021 में जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से की थी. अब इस मामले में उनको बड़ी राहत मिली है. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, इस मामले में RSS से जुड़े वकील संतोष दुबे ने अपनी शिकायत वापस ले ली है. इसके बाद कोर्ट ने जावेद अख्तर को बरी कर दिया. ये मामला 2021 में जावेद अख्तर के एक इंटरव्यू से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने RSS और तालिबान के बीच समानता पर कमेंट किया था. इस बयान के बाद उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे.
की गई थी शिकायत और माफी की मांग
2021 में दिए गए इस बयान को लेकर संघ से जुड़े वकील वकील संतोष दुबे ने जावेद अख्तर को नोटिस भेजा था. उन्होंने अख्तर से बिना शर्त माफी मांगने और अपने बयान वापस लेने की मांग की थी. वकील ने हर्जाने के तौर पर 100 करोड़ रुपये की मांग भी की थी. जावेद अख्तर के इनकार के बाद दुबे ने मुंबई की मुलुंड मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. उसके अगले साल यानी 2022 में कोर्ट ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जावेद अख्तर को समन भेजा और सुनवाई शुरू की थी.
अंतिम समझौता और शिकायत वापसी
वकील संतोष दुबे ने अदालत को बताया कि अख्तर की टिप्पणी से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान गया है. इसके बाद, 2023 में जावेद अख्तर की याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने इस दावे को स्वीकार किया था. कोर्ट ने माना था कि वकील के दोस्तों और क्लाइंट्स के बीच उनकी छवि पर असर पड़ा है. अदालत में कई सुनवाइयों के बाद मामला 8 नवंबर, 2024 को पूरी तरह से सुलझ गया है. वकील संतोष दुबे ने अदालत में कहा कि दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता से विवाद खत्म हो गया है और उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली.
कोर्ट का फैसला और नतीजा
वकील संतोष दुबे के इस कदम के बाद मजिस्ट्रेट ने मुकदमे को रद्द कर दिया और जावेद अख्तर को बरी कर दिया. इस पूरे विवाद ने 2021 से 2024 तक कई मोड़ लिए, लेकिन आखिर में मामला सुलह के साथ खत्म हो गया. जावेद अख्तर अब इस कानूनी झंझट से फ्री हो चुके हैं. वहीं, अगर उनके काम की बात करें तो पिछले दिनों जावेद अख्तर, सलीम खान के साथ अपनी डॉक्यूमेंटरी सीरीज़ 'Angry Young Men' को लेकर सुर्खियों में बने हुए थे, जो 20 अगस्त 2024 को प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई थी. जिनमें उनकी पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ के कुछ पल दिखाए गए हैं.
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