Singer KK Dies: 'मैंने दिल से कहा ढूंढ लाना खुशी, नासमझ लाया गम तो ये गम ही सही...' नीलेश मिश्रा की कलम से निकला ये गाना जब-जब सुनाई देता है, लोग परदे पर इरफान खान का दर्द अपने अंदर महसूस करते हैं. इस गाने की लाइनों को पढ़ते हुए जिस शख्स की मखमली आवाज आपके जहन में गूंज रही होगी वो इस दुनिया को अलविदा कह चुका है. 90 के दशक में पैदा होने वाले ये बखूबी समझ पाएंगे कि जब उन्होंने जवानी की दहलीज पर कदम रखा होगा तो किस शख्स के गाने सबसे ज्यादा आईपॉड या रेडियो पर सुने हैं. 


आशिकों की आशिकी जाहिर करते थे केके


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वो अपने गानों से बताते थे कि दोस्ती कितनी हसीन है...दिल टूटा आशिक जैसे उन्हीं की आवाज में कह रहा हो तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही. मोहब्बत करने वाला अपनी प्रेमिका की नजरों से नजरें मिलाकर यही कहता होगा- आंखों में तेरी अजब सी- अजब सी अदाएं हैं. न जाने ऐसे कितने ही गीत, कितने संगीत के सुरों को अपनी मदहोश करने देने वाली आवाज से सजाया है  मशहूर सिंगर कृष्णकुमार कुन्नथ (केके) ने, जो अब हमारे बीच नहीं रहे.


 



 


सबसे जुदा थी आवाज


गेंदे के फूलों के बीच जैसे गुलाब खुशबू बिखेरता है, वैसे ही बॉलीवुड इंडस्ट्री में केके की आवाज थी. सबसे अलग, सबसे जुदा. सीधा दिल पर दस्तक देने वाली वो खूबसूरत आवाज महज 53 साल की उम्र में खामोश हो जाएगी, शायद ही किसी ने सोचा हो. गाना चाहे किसी भी थीम पर हो केके ने उसे इतना महसूस करके गाया कि लोग उनके और दीवाने हो गए.


 



 


अचानक कह गए अलविदा


'दिल इबादत', 'जरा सी दिल में दे जगह तू', 'खुदा जाने', 'दिलनशीं', 'तू जो मिला', 'तू ही मेरी शब है' जैसे हजारों यादगार नगमे आज भी लोगों की प्लेलिस्ट में मिल जाएंगे. सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बंगाली, मलयालम, तमिल, गुजराती, तेलुगू गानों को भी केके ने अपनी आवाज दी है.  31 मई को कोलकाता में एक कॉन्सर्ट में अपने गानों से समां बांधने के बाद जब केके की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद आई बुरी खबर ने लाखों-करोड़ों फैन्स का दिल तोड़ दिया. अभी बॉलीवुड ऋषि कपूर, इरफान खान, सुशांत सिंह राजपूत और लता मंगेश्कर जैसे दिग्गजों के निधन से ही उबर न पाया था, इतने में केके की मौत से फैन्स खुद को संभाल नहीं पा रहे. 


 



 


3500 जिंगल्स गाए


दिल्ली के माउंट मैरी से स्कूलिंग और किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले केके ने मार्केटिंग में भी हाथ आजमाए थे. लेकिन किस्मत तो उनकी बॉलीवुड में लिखी थी. फिर क्या था नौकरी से इस्तीफा दिया और आ गए मायानगरी में. 23 अगस्त 1968 को जन्मे दो बच्चों के पिता केके ने फिल्मों में ब्रेक मिलने से पहले 3500 जिंगल्स गाए थे. 1999 क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए 'जोश ऑफ इंडिया' गाना भी गाया था. इसके बाद आई म्यूजिक एल्बम 'पल' के बाद तो जैसे केके के लिए सबकुछ बदल गया.


 



 



संगीत की नहीं ली ट्रेनिंग


किशोर कुमार, आरडी बर्मन, माइकल जैक्सन, ब्रायन एडम्स, बिली जोल जैसे दिग्गजों के शागिर्द रहे केके हमेशा कहते थे कि सिंगर का चेहरा दिखना जरूरी नहीं, उसे सुना जाना चाहिए. हजारों प्यार भरे नगमे देने वाले केके ने कभी संगीत की कोई ट्रेनिंग नहीं ली. सईद कादरी की कलम और एमएम करीम के संगीत के साथ आवारापन बंजारापन गाना जब केके की आवाज में सुनाई पड़ता है तो जीवन के अकेलेपन का अहसान होता है. केके के गाने दर्द में मरहम जैसे होते थे. मोहब्बत से और मोहब्बत कराने वाले, जिंदगी में दोस्तों की अहमियत दिखाने वाले, पलों को पूरी तरह जीने की प्रेरणा देने वाले. अपने गीतों के जरिए तो हम सबके बीच रहेंगे लेकिन दिल यही लाइनें गुनगुना रहा है...


चुपके से कहीं, धीमे पांव से
जाने किस तरह किस घड़ी
आगे बढ़ गए हमसे राहों में
पर तुम तो अभी थे यहीं
कुछ भी न सुना, कब का था गिला
कैसे कह दिया अलविदा...


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