Sunny Deol Birthday: बीते कुछ दशक में सनी देओल की छवि पाकिस्तानियों को ठिकाने लगाने वाले हीरो की बन चुकी है. खास तौर पर गदर और गदर 2 जैसी फिल्मों ने इसमें बड़ा रोल निभाया है. इसके अलावा उनकी इंडियन, मां तुझे सलाम, हीरो: लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई, जाल: द ट्रैप जैसी फिल्मों ने उनकी पाकिस्तान विरोधी छवि को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है. ऐसा लगता है कि वह बॉलीवुड में पाकिस्तान के दुश्मन नंबर वन हीरो हैं. उनके मुकाबले कोई और चेहरा ऐसे रोल में जमता नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने करियर में सनी ने एक फिल्म ऐसी भी की, जिसमें उन्होंने एक पाकिस्तानी आर्मी अफसर का रोल निभाया है.


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सनी देओल की एंट्री
साल 2007 में पंजाबी फिल्म निर्माता अमितोज मान ने फिल्म बनाई थी, काफिला. यह फिल्म अवैध अप्रवासियों के मुद्दे पर आधारित थी. इसमें भारतीयों के एक ग्रुप की कहानी थी, जो इंग्लैंड जाना चाहता है लेकिन तमाम वजहों से उन्हें वीजा नहीं मिलता. ऐसे में ये लोग अवैध ढंग से यूरोप जाने की योजना बनाते हैं और उस रास्ते पर बढ़ निकलते हैं. दो घंटे 27 मिनट की इस फिल्म में करीब एक घंटे बाद सनी देओल की एंट्री होती है. इससे पहले पूरी कहानी भारतीय मुसाफिरों के काफिले पर केंद्रित रहती है. फिल्म में सुदेश बेरी ऐसे व्यक्ति की भूमिका में हैं, जो इन सभी लोगों को मानव तस्करों के हवाले करने की योजना पर काम करते हुए इन्हें फंसा देता है.


भारत में जिंदगी
कहानी तब आग बढ़ती है जब ये मानव तस्कर सबको लेकर रूस में प्रवेश करते हैं और इसके बाद सबके सामने मुश्किलें आने लगती हैं. एक समय ऐसा आता है, जब उनकी जान भी खतरे में पड़ जाती है. तभी सनी देओल सामने आते हैं और इस काफिले के रक्षक बन जाते हैं. वह अपना परिचय समीर के रूप में देते हैं, जो तमाम देशों के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने की तरकीबें जानता है. कई उतार-चढ़ावों और कुछ लोगों की मौत के बाद इस काफिले में शामिल लोगों को एहसास होता है कि भारत में ही उन्हें अच्छा जीवन मिल सकता है.


वतन वापसी
तब समीर यानी सनी फिर उन्हें भारत लौटने में मदद करते हैं. हालांकि इस काफिले के पाकिस्तान पहुंचने पर भारतीयों को मालूम चलता है कि सनी पाकिस्तानी सेना अधिकारी समीर अहमद खान है. सनी फिल्म में ‘पाकिस्तान पैंदाबाद’ (पाकिस्तान हमेशा अमर रहे) का नारा लगाते हैं, लेकिन साथ ही भारतीयों और पाकिस्तानियों के बीच कोई अंतर नहीं मानते. आखिर में वह भारतीयों अपनी मातृभूमि में लौटने में मदद करते हैं. फिल्म में दो पाकिस्तानी अभिनेत्रियों, सना नवाज और सारा लोरेन ने भी एक्टिंग की थी.