B`day Special: वो डायलॉग जिन्होंने बॉलीवुड के इस अभिनेता को बना दिया `सदी का महानायक`
एक समय आकाशवाणी ने अमिताभ बच्चन को उनकी इसी आवाज के चलते रिजेक्ट कर दिया था.
नई दिल्ली: 'सदी का महानायक' कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन की संवाद अदायगी आज भी करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करती है. वहीं, एक समय आकाशवाणी ने उन्हें इसी आवाज के चलते रिजेक्ट कर दिया था. इसके बाद इस आवाज ने दुनिया भर में जो पहचान बनाई वह किसी परिचय की मोहताज नहीं है. आज (गुरुवार) अमिताभ के जन्मदिन पर हम आपको उनके कुछ ऐसे ही फेमस डायलॉग्स से रुबरु कराएंगे.
फिल्म : जंजीर
जब तक बैठने के लिए ना कहा जाए, शराफत से खड़े रहो, ये पुलिस स्टेशन है तुम्हारे बाप का घर नहीं.
फिल्म : दीवार
जाओ पहले उस आदमी का साइन लेकर आओ, जिसने मेरे हाथ पर ये लिख दिया. उसके बाद तुम जहां कहोगे वहां साइन कर दूंगा.
फिल्म : डॉन
डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.
फिल्म : अग्निपथ
पूरा नाम विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुभाषिनी चौहान, गांव मांडवा, उमर 36 साल, नौ महीना, आठ दिन, सोलहवां घंटा चालू है.
फिल्म : शोले
तुम्हारा नाम क्या है...बसंती
फिल्म : कालिया
हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है.
फिल्म : दीवार
आज खुश तो बहुत होगे तुम.
फिल्म : नमक हलाल
आई कैन टॉक इंग्लिश, आई कैन वॉक इंग्लिश, आई कैन लाफ इंग्लिश बिकाज़ इंग्लिश इज वेरी फनी लैंग्वेज. भैरो बिकम्स ब्रायन, ब्रायन बिकम्स भैरो, बिकॉज दियर माइंड्स आर वैरी नैरो.
फिल्म : दीवार
आज मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, बैंक बैलेंस है, क्या है तुम्हारे पास.
फिल्म : चुपके चुपके
गोभी का फूल, फूल होकर भी फूल नहीं, सब्जी है. इसी तरह गेंदे का फूल, फूल होकर भी फूल नहीं है.
फिल्म : शराबी
मूछें हो तो नत्थूलाल जैसी हो वरना ना हो.
फिल्म : शहंशाह
रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप होते हैं, नाम है शहंशाह.
फिल्म : दीवार
मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता.
फिल्म : मोहब्बतें
परम्परा, प्रतिष्ठा और अनुशासन. ये इस गुरूकुल के तीन स्तम्भ है. ये वो आदर्श हैं, जिनसे हम आपका आने वाला कल बनाते हैं.
फिल्म : पिंक
'ना' का मतलब 'ना' ही होता है, 'ना' सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक वाक्य होता है, 'ना' अपने आप में इतना मजबूत होता है कि इसे किसी भी व्याख्या, एक्सप्लेनेशन या तर्क-वितर्क की जरूरत नहीं होती.