`वेश्याओं को रोमांटिक बनाने...` पाकिस्तानी डॉक्टर ने की `हीरामंडी` की आलोचना; विवेक अग्निहोत्री ने भी दिया साथ
Vivek Agnihotri Slam Heeramandi: अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर पहचाने जाने वाले निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने हाल ही में संजय लीला भंसाली की पहली सीरीज `हीरामंडी` की जमकर आलोचना की. अग्निहोत्री ने कहा कि बॉलीवुड अक्सर वेश्यालयों और वेश्याओं को ग्लैमराइज दिखाने का ही काम करता है.
Vivek Agnihotri Slam Sanjay Leela Bhansali Heeramandi: साल 2022 में आलिया भट्ट् की 'गंगूबाई काठियावाडी' की अपार सफलता के बाद संजय लीला भंसाली अपनी पहली वेब सीरीज 'हीरामंडी' को लेकर काफी समय से सुर्खियों में बने हुए हैं, जो इसी महीने की शुरुआत यानी 1 मई को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई है. सीरीज को दर्शकों का मिक्स रिएक्शन मिल रहा है. सीरीज में बॉलीवुड इंडस्ट्री के कई बड़े चेहरे एक साथ अपने दमदार अभिनय करते नजर आ रहे हैं.
सीरीज में मनीषा कोइराला से लेकर सोनाक्षी सिन्हा और अदिति राव हैदरी जैसी एक्ट्रेस नजर आ रही हैं. इसके अलावा सीरीज में फरदीन खान, ऋचा चड्ढा, संजीदा शेख, शेखर सुमन और उनके बेटे अध्ययन सुमन जैसे तमाम दिग्गज कलाकार भी नजर आ रहे हैं. साथ ही सीरीज में संजय लीला भंसाली की भतीजी शर्मिन सहगल भी नजर आ रही हैं. इसी बीच 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द वैक्सीन वॉर' के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने भी सीरीज को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
विवेक अग्निहोत्री ने की 'हीरामंडी' की आलोचना
हमेशा अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले विवेक ने सोशल मीडिया पर संजय लीला भंसाली की सीरीज को लेकर अपनी राय साझा की है. साथ ही उन्होंने उस पाकिस्तानी डॉक्टर की भी तारीफ की है, जिसने इस सीरीज की जमकर आलोचना की. डायरेक्टर ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'हम्द नवाज (Hamd Nawaz) की ओर से एक बहुत अच्छी आलोचना. मैंने ये सीरीज तो नहीं देखा है, लेकिन मैं लाहौर की हीरामंडी में कई बार गया हूं. बॉलीवुड में तवायफों और रेड लाइट एरिया को रोमांटिक बनाने की फितरत है'.
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पाकिस्तानी डॉक्टर ने क्या कहा?
वहीं, पाकिस्तानी डॉक्टर हम्द नवाज ने संजय लीला भंसाली की 'हीरामंडी' की आलोचना करते हुए एक तस्वीर के साथ पोस्ट कर लिखा, 'अभी हीरामंडी देखी. इसमें हीरमंडी के अलावा सब कुछ मिला. मेरा मतलब है कि या तो आप अपनी कहानी 1940 के लाहौर में सेट न करें, या अगर आप ऐसा करते हैं तो आप इसे आगरा की जगह से, दिल्ली की उर्दू, लखनवी पोशाक और 1840 के माहौल में सेट ना करें. एक लाहौरी होने के नाते मैं इसे अपना नहीं पा रही हूं'.