Aamir Khan On His Movies: बॉलीवुड में 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' कहे जाने वाले आमिर खान को उनकी यूनिक फिल्मों के लिए जाना और पसंद किया जाता है. आमिर खान ने अपने लंबे फिल्मी करियर में 48 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, जिसमें से ज्यादातर सुपरहिट रही हैं. आमिर अब 59 साल के हो चुके हैं और अभी भी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं. इन दिनों एक्टर अपनी अपकमिंग फिल्म 'सितारे जमीन पर' को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. 


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इसी बीच उनका एक थ्रोबैक इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' अपनी फिल्म के टेस्ट के बारे में बताते हैं और खुलासा करते हुए बताते हैं कि उनको किस तरह की फिल्में पसंद नहीं है. आमिर खान ने एक बार सुषमा दत्त के साथ अपने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनको सिनेमा में हिंसा और एडल्ट कंटेंट वाली फिल्में पसंद नहीं है. एक शो के लिए वैंकूवर में रहने के दौरान आमिर ने फिल्मों को लेकर अपने विचार शेयर किए थे.



आमिर को नहीं पसंद ऐसी फिल्में 


उन्होंने कहा था कि जो निर्देशक कंपाइलिंग नैरेटिव्स (सम्मोहक कहानियां) बनाने में असफल रहते हैं, वे अक्सर इन चीजों को ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा था कि हिंसा और एडल्ट कंटेंट पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना अच्छी सोच की कमी का भी संकेत होता है. आमिर ने कहा कि उन्हें ऐसी फिल्में पसंद नहीं हैं जो हिंसा और एडल्ट कंटेंट  पर बहुत ज्यादा निर्भर करती हैं. उन्होंने कहा, 'मैं देख रहा हूं कि आज सिनेमा बहुत ज्यादा भद्दा होता जा रहा है. बहुत ज्यादा हिंसा, एडल्ट कंटेंट का बहुत ज्यादा शोषण हो रहा है'. 


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नहीं पसंद हिंसा और एडल्ट कंटेंट


आमिर ने कहा, 'मुझे ऐसी फिल्में देखना पसंद नहीं है और मुझे ऐसी फिल्मों में काम करना भी पसंद नहीं है. मुझे लगता है कि सिनेमा लोगों के मनोरंजन का एक तरीका है. आप अपने दर्शकों का तीन घंटे तक मनोरंजन करते हैं. आप उन्हें कई तरह से उनका मनोरंजन कर सकते हैं. मैं साफ-सुथरे तरीके से उनका मनोरंजन करना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि वे अच्छा समय बिताएं. कुछ भावनाएं ऐसी होती हैं जिन्हें दर्शकों में भड़काना आसान होता है. हिंसा उनमें से एक है और एडल्ट कंटेंट दूसरा'.



क्रिएटिव नहीं होते ऐसी फिल्में बनाने वाले 


आमिर ने आगे कहा, 'वे निर्देशक जो कहानी या परिस्थितियां बनाने और भावनाएं पैदा करने में उतने क्रिएटिव नहीं होते. वे अपनी फिल्म को सफल बनाने के लिए हिंसा और एडल्ट कंटेंट पर सबसे ज्यादा निर्भर करते हैं. उन्हें लगता है कि वे जितनी ज़्यादा हिंसा और एडल्ट कंटेंट फिल्म में डालेंगे, उसके सफल होने की संभावना उतनी ही ज़्यादा होगी. मुझे लगता है कि ऐसा करना बहुत गलत है. हो सकता है, वे कई बार सफल भी हो जाएं, लेकिन इससे समाज को नुकसान होता है'.