कास्ट: सलमान खान, आयुष शर्मा, महिमा मकवाना, सचिन खेड़ेकर, महेश मांजरेकर, सयाजी शिंदे, उपेन्द्र लिमये, जेस्सू सेन गुप्ता, निकितन धीर


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निर्देशक: महेश मांजरेकर


नई दिल्ली: बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान (Salman Khan) और आयुष शर्मा (Ayush Sharma) की फिल्म 'अंतिम - द फायनल ट्रुथ' (Antim - The Final Truth) का अंजाम अब केवल सलमान खान (Salman Khan) के डाई हार्ड फैन्स ही तय करेंगे. जाहिर है मूवी बहनोई आयुष शर्मा (Ayush Sharma) के लिए बनाई गई है और एक बात जो इस मूवी से आयुष (Ayush Sharma) के लिए फायदेमंद हो सकती है, वो ये कि आयुष (Ayush Sharma) को खुलकर खेलने का मौका मिला है, जो काम वो अपनी पहली मूवी में नहीं कर पाए थे, उस रोमांटिक इमेज को तोड़कर उन्हें जबरदस्त तरीके से एक्शन सींस, भाई गिरी और बॉडी दिखाने का मौका मिला है. ऐसे में उनकी थोड़ी बहुत फैन फॉलोइंग बनने की तो पूरी उम्मीद है, लेकिन मूवी को हिट करवाने का दारोमदार अभी भी सलमान (Salman Khan) के फैंस के ऊपर ही है.


कैसी है फिल्म की कहानी?


कहानी में कुछ भी नया नहीं, पुणे शहर में नेताओं, गुंडों और बिल्डर्स की लॉबी है, जिसके चलते जमीनों पर कब्जा आम है, यहां तक कि महाराष्ट्र केसरी की जमीन को भी औने पौने दामों में धमका कर खरीद लेते हैं. ये उस शहर में आम बात है यहां खुद को हिंद केसरी और हिंदुस्तान का भाई कहने वाला इंस्पेक्टर राजवीर सिंह यानी सलमान खान (Salman Khan) तैनात है. हिंद केसरी का बेटा राहुल यानी आयुष शर्मा (Ayush Sharma) ये बर्दाश्त नहीं कर पाता और एक दो मारपीट के बाद एक नेता नान्या उसे अपने गैंग में शामिल कर लेता है और अपने दुश्मनों की हत्या तो करवाता ही है, जमीनों पर कब्जे के काम में भी लगा देता है. राहुल धीरे धीरे बड़ा हो रहा है, लेकिन उसका पिता और गर्लफ्रेंड दोनों ही इन हरकतों के चलते उससे रिश्ता तोड़ लेते हैं.


क्या है महेश मांजरेकर का किरदार?


गर्लफ्रेंड के पिता के तौर पर खुद डायरेक्टर महेश मांजरेकर रोल में हैं, जो पूरी मूवी में शराब पीकर ज्ञान बांटते फिरते हैं. इंस्पेक्टर राजवीर लगातार राहुल को चेतावनी देता रहता है, गुंडों को आपस में लड़वाता है और राहुल को पसंद भी करता रहता है. फिर मूवी का अंत वैसा ही होता है, जैसा कि दीवार, वास्तव, खलनायक जैसी हीरो के गैंगस्टर बनने वाली मूवीज में हुआ था.  


नहीं दिया सब किरदारों पर बराबर ध्यान


ऐसा लगता है कि मूवी में केवल एक किरदार को ही उभारना था, आयुष शर्मा (Ayush Sharma) यानी राहुल को, उसके चलते बाकी के किरदारों पर महेश मांजरेकर ने ध्यान नहीं दिया, किरदार आपस में ही अपनी बातें काटते नजर आते हैं. सलमान (Salman Khan) के किरदार को एक दमदार और सुपरमैन पुलिस इंस्पेक्टर के तौर पर पेश किया गया, लेकिन लगता है जब डायरेक्टर बोलता था, उसी सीन में वो सुपरमैन थे, बाकी में लाचार. उसके सामने विधायक धाने में बता रहा है कि कैसे मर्डर किया, वो लाचार दिखता है, उसके सामने एक नेता की हत्या होती है और वो गुंडे का वरदी उतारकर लड़ने का चैलेंज ले रहा है.


खूब दिखी सलमान खान की दबंगई


कभी कभी सलमान (Salman Khan) के रोल में राजवीर इतना हिम्मती दिखता है कि विधायक के करीबी को मारपीट कर फौरन पब्लिक से गवाह तैयार कर लेता है, और राहुल के तीन तीन मर्डर केस में उसे कोई गवाह नहीं मिलता. ऐसे ही पिट्या के रोल में अभिनेता सलमान (Salman Khan) के एक कॉल पर थाने में आकर पैरों पर प़ड़ जाता है, दारोगा के एक थप्प़ड़ पर पेशाब कर देता है और दूसरी बार मिलता है तो सलमान से बिलकुल नहीं डरता. राहुल पूरी मूवी में डरता नहीं दिखता और आखिर में गुंड़ों से डरकर सब्जियों की फड़ के नीचे छुपकर बैठ जाता है. तो कब कौन किरदार क्या टर्न ले लेगा ये समझना मुश्किल था.   


लॉजिक को सिरे से नकारती फिल्म


पूरी मूवी में सलमान जैसा ब्रिलिएंट इंस्पेक्टर कभी सीसीटीवी की बात नहीं करता, कोई भी धड़ाधड़ मर्डर्स के बीच मोबाइल कैम से शूट नहीं करता, मीडिया पूरी मूवी से लापता रहती है. ऐसा लग रहा है मूवी मांडवा के दौर में फिल्माई गई है. जो महाराष्ट्र केसरी रहा है, वो पूरी मूवी में बोरी उठाने का काम करता है, जैसे वो कुश्ती वाले बच्चों को कोचिंग नहीं दे सकता था.


बारीकियों को किया गया नजरअंदाज


महाराष्ट्र केसरी शुद्ध सांस्कारिक उत्तर भारतीय हिंदी बोलता है, जबकि उसका बेटा उसी से मराठी शब्दों से लबरेज गुंडों वाली हिंदी बोलता है, एक ही घर में सालों से रह रहे लोग आपस में दो अलग अलग भाषाओं में कैसे बात कर सकते हैं. मूवी की शुरूआत में ही एक मुजरा जैसा आइटम गाना रखा गया, उसके बोलों में इंस्टाग्राम की स्टोरी, चिंगारी, हैशटैग, ट्विटर आदि घुसाने के चक्कर में ना ही वो गाना रह गया और ना ही आइटम. फिल्म का एक ही गाना युवा लड़कों को समझ आ सकता है, वो है ‘आज भाई का बर्थडे है’, लेकिन वो जिस भाई का बर्थडे था, उसे मूवी में देखकर वो शायद ही गुनगुनाएं. गणपति सोंग भी ठीक-ठाक बन पड़ा है.


महेश मांजरेकर ने लगा लिए सब फॉर्मूले


मराठी मूवी मालुषी पैटर्न का रीमेक है ये मूवी, वास्तव और हथियार जैसी मूवीज डायरेक्ट कर चुके महेश मांजरेकर ने डायरेक्ट की तो उन्होंने लगता है कि अपने सारे पुराने फॉरमूले इस्तेमाल कर लिए. इसलिए इंस्टाग्राम स्टोरी वाला गाना छोड़कर बाकी कोई भी नया फॉरमूला अपनाने से परहेज रखा गया. यहां तक कि कोई दिमाग लगाए इसलिए खुलेआम लाशें गिरते रहने के बावजूद पुलिस इंस्पेक्टर से बड़ा कोई अधिकारी तक नहीं दिखाया गया, वही मानो पूरा शहर संभाल रहा हो. वास्तव, हथियार की तरह इमोशनल एंगल काफी हैं, लेकिन मां जैसे इमोशनल रिश्ते को साइलेंट करके पिता पर फोकस किया गया है.


उपेंद्र की एक्टिंग ने दिखाया खूब कमाल


बाकी एक्टर्स की बात करें तो सचिन खेड़ेकर राहुल के पिता के रोल में हैं, मंझे हुए अभिनेता हैं, लेकिन जिस तरह का रोल है, उसको बस करते दिखते हैं, छाप छोड़ने में कामयाब नहीं होते. सयाजी शिंदे को भी दारोगा के रोल में ज्यादा कुछ करने को नहीं मिला, उसी तरह बंगाली अभिनेता जेस्सू सेन गुप्ता और निकितन धीर भी गुंडों जैसे छोटे रोल में हैं, जो दोनों की प्रतिभा के साथ न्याय नहीं है. उपेन्द्र लिमये जरूर नान्या के रोल में छाप छोड़ते दिखते हैं. मूवी में वरुण धवन भी एक गाने में दिखते हैं, कोशिश नई अग्निपथ जैसे गणपति सोंग सीक्वेंस जैसी थी.  


कहां कमजोर पड़ गई भाई की फिल्म?


सबसे खास है मूवी का पेस, वो जरूर महेश मांजरेकर ने बनाए रखा है, जहां मूवी कमजोर होती दिखती है, वो सलमान को सीन में ले आते हैं, लेकिन आयुष कहीं से कमजोर ना हो जाए, इसका ध्यान रखा है. इसी के चलते हीरोइन भी कोई नामचीन नहीं ली गई, बल्कि टीवी एक्ट्रेस महिमा मकवाना को आयुष के साथ फीमेल लीड के तौर पर लिया गया है. ये भी ध्यान रखा गया कि हीरोइन बहुत ग्लेमरस ना हो.  लेकिन चूंकि कहानी में कुछ नया नहीं था, और मूवी का लॉजिक से कोई वास्ता नहीं था, और सलमान पर फोकस करके नहीं बनाई गई है, इसलिए लोगों को शायद ही पसंद आए. लेकिन ये भी सच है कि बॉक्स ऑफिस पर सलमान की मूवीज की किस्मत आम दर्शकों से ज्यादा उनकी कट्टर फैन फॉलोइंग तय करती है. ये अलग बात है कि सलमान खान की इस मूवी से देश भर में वकीलों के गुट नाराज हो सकते हैं क्योंकि पुलिस इंस्पेक्टर के रोल में वो थाने में आने वाले वकील के मुंह पर कई बार पानी फेंकते हैं, एक बार तो जूठा भी.


स्टार रेटिंग: 2.5