'Laxmii'


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कास्ट: अक्षय कुमार, कियारा आडवाणी, आयशा रजा मिश्रा, शरद केलकर, तरुण अरोरा, अश्विनी कालसेकर, मनु ऋषि चड्ढा, राजेश शर्मा के साथ और भी कई किरदार हैं.


निर्देशक: राघव लॉरेंस


अवधि: 2 घंटे 21 मिनट


कहां देखें: डिज्नी + हॉटस्टार


क्रिटिक रेटिंग: 2.5 / 5


'लक्ष्मी' कहानी:
फिल्म में अक्षय कुमार आसिफ का किरदार निभा रहे हैं. आसिफ एक ऐसा व्यक्ति हैं जो तर्क और विज्ञान में विश्वास रखता है. इसी बीच वो एक किन्नर भूत के बस में आ जाता है. शरद केलकर ने किन्नर भूत की भूमिका निभाई है. फिल्म की शुरुआत हंसी-मजाक से होती हैं. आगे चलकर एक अंधेरे रहस्य का पता चलता है.


'लक्ष्मी' रिव्यू
'लक्ष्मी' ऐसे लोगों की कहानी हैं जो लोग भूतों में विश्वास नहीं रखते, लेकिन उनका पाला भूत से पड़ता है. इस तरह की कहानियां पहले भी सामने आई हैं. ये बॉलीवुड में हिट फार्मूला है, लेकिन इस फिल्म को ऐसे ही नहीं जाने दिया जा सकता क्योंकि ये तमिल हॉरर-कॉमेडी फिल्म 'कंचना' की आधिकारिक हिंदी रीमेक है. ये कहानी अक्षय कुमार के किरदार के इर्द-गिर्द ही घूमती रही. कंचना को भी राघव लॉरेंस ने ही निर्देशित किया था, लेकिन फिल्म में मुख्य किरदार आर. सरथकुमार ने निभाया था. 


इस फिल्म की शुरआत अक्षय कुमार और उनकी पत्नी बनी कियारा आडवाणी के माता-पिता की 25वीं सालगिरह से होती है. दोनों को उनकी मां सालगिरह पर घर बुलाती हैं. किआरा के बड़े भाई की भूमिका मनु ऋषि और उनकी पत्नी की भूमिका अश्विनी कालसेकर ने निभाई है. अक्षय एक मुस्लिम व्यक्ति आसिफ का किरदार निभा रहे हैं, जिसे कियारा का परिवार बड़ी मुश्किल से स्वीकार करता है, लेकिन ये बात इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी. आसिफ  25वीं सालगिरह के मौके पर घर आता है और सभी के दिलों को जीत लेता है और फिर उसका सामना किन्नर भूत से होता है. 


फिल्म की कहानी है कमजोर 
अक्षय कुमार को लक्ष्मी के रूप में देखना रोंगटे खड़े कर देता है. अक्षय की चाल, उनके डायलॉग, उनके एक्सप्रेशन सभी को रोक के रखने वाले थे. फिल्म में अक्षय के रोल को देखना ही सबसे मजेदार है. फिल्म में डरा देने वाले सीन काफी कम हैं, लेकिन जो लोग जरा भी हॉरर फिल्में नहीं देखते उनको शायद ये सीन थोड़े डरावने लगें. फिल्म हॉरर से ज्यादा कॉमेडी फिल्म लग रही है. फिल्म में कॉमिक सीन भी ज्यादा जानदार नहीं हैं. कहीं न कहीं अच्छी कॉमेडी के तौर पर ये फिल्म नहीं उभरी है. फिल्म की कहानी कमजोर नजर आई. वहीं डायलॉग भी कम दमदार है.  


'कंचना' की रीमेक है 'लक्ष्मी' 
'कंचना' की रीमेक 'लक्ष्मी' कई पैमानों पर खरी नहीं उतरी. 2018 में आई स्त्री को लगातार इस फिल्म से जोड़ कर देखा जा रहा है. स्त्री भी इसी शैली की फिल्म थी और वो लोगों को काफी पसंद आई थी. इस फिल्म ने एक ऊंचा बेंचमार्क सेट कर दिया है. फिल्म में सिर्फ अक्षय का नया रूप ही एक्स फैक्टर है, बाकी फिल्म फीकी नजर आ रही है. कियारा का किरदार फिल्म में कुछ खास करता नजर नहीं आ रहा है. 


शरद केलकर काफी प्रभावी
फिल्म में कोई किरदार जो सभी को मात दे रहा है, वो है शरद केलकर का. शरद केलकर को ट्रेलर में नहीं दिखाया गया था. वे फिल्म में सरप्राइज पैकेज की तरह सामने आए हैं. अभिनेता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह एक अंडररेटेड जेम हैं. वैसे अगर शरद को फिल्म में और अधिक स्क्रीन स्पेस मिलता तो वे और निखर के सामने आते. 


 



फिल्म से थी अधिक उम्मीद
पंचलाइन और वन-लाइनर्स के साथ हॉरर-कॉमेडी फ्लिक में डायलॉग्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. फरहाद सामजी ने अच्छी कोशिश की है, लेकिन उनसे उम्मीदें ज्यादा थी, क्योंकि उन्होंने पहले भी कई ब्लॉकबस्टर दी हैं. 


बस 'बम भोले' ही कमाल 
गानों की बात करें तो 'बम भोले' बेहद एनर्जेटिक है और अक्षय का ये डांस नंबर बहुत ही शानदार है. पांच मिनट लंबा गाना काफी प्रभावी है. 


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