Kartik Aryan Film: कछुए और खरगोश की कहानी कितनी पुरानी है हम नहीं जानते. शायद ही कोई ऐसा नहीं हो, जिसने यह कहानी बचपन में न सुनी हो. आगे भी यह सुनाई जाती रहेगी क्योंकि यह कभी पुरानी नहीं पड़ सकती. कछुए और खरगोश की रेस बचपन में भले मनोरंजक लगती है, मगर बड़े होकर आंखें खोलती है. समय-समय पर इसके रूप भी बदलते रहते हैं. निर्देशक शशांक घोष की फ्रेडी असल में कछुए और खरगोश की ही कहानी है. बिल्कुल नए जमाने की. नए किरदारों और नए तेवरों के साथ. इस कहानी में ट्विस्ट और टर्न नादान नहीं बल्कि बड़े ‘किलर’ हैं. मासूम प्यार से शुरू होने वाला खेल अंत आते-आते इतना खूनी हो जाता है कि चालाक खरगोश सचमुच के कछुए का कत्ल करके उसका सूप बना पी जाता है! मगर यह कहानी कछुए के कत्ल के साथ खत्म नहीं होती. अधिक खूनी हो जाती है.


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सिनेमाघरों की फिल्म ओटीटी पर
कार्तिक आर्यन अपने अब तक के करियर के एक बेहतरीन परफॉरमेंस के साथ यहां हैं. फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है. फिल्म देखकर आप समझ सकते हैं कि 2022 में बॉक्स ऑफिस पर लगे झटकों ने बॉलीवुड का आत्मविश्वास कितनी बुरी तरह हिला दिया है. ऐसी फिल्म जो सिनेमाघरों में दर्शकों को खींच सकती थी, उसे संदेह और शक में डायरेक्ट ओटीटी पर रिलीज किया गया है. अपने कंटेंट की ताकत न पहचान पाना मेकर्स की विफलता है. फ्रेडी कार्तिक आर्यन का सिनेमा है और इसे निर्देशक शशांक घोष का भी अब तक का सबसे दिलचस्प काम कहा जा सकता है. फ्रेडी हर लिहाज से उनकी खूबसूरत (2014) और वीरे दी वेडिंग (2018) से बिल्कुल अलग और आगे की फिल्म है. फ्रेडी थ्रिलर है, जिसमें प्यार का खूनी खेल फिल्म बढ़ने के साथ-साथ रोचक होता जाता है.



कहानी के ट्विस्ट एंड टर्न
फ्रेडी की कहानी परवेज शेख ने लिखी है और आम सिनेमा से काफी अलग है. फिल्म पारसी किरदारों को केंद्र में रखती है और एक अलग माहौल रचती है. फ्रेडी जिनवाला (कार्तिक आर्यन) डेंटिस्ट है. डॉक्टर होने के बावजूद उसमें आत्मविश्वास की बेहद कमी है. यह कमी कदम-कदम पर झलकती है. उसका कोई दोस्त-संगी-साथी नहीं है. सिवा पालतु कछुए हार्डी के. फ्रेडी को जीवनसाथी की तलाश है और हर लड़की पहली मुलाकात में उसे रिजेक्ट कर देती है. तभी एक दिन फ्रेडी के क्लीनिक में आती है, कैनाज ईरानी (अलाया एफ.). खूबसूरत और मासूम. पति के हाथों आए दिन पिटती हुई. फ्रेडी को उससे प्यार हो जाता है और वह कैनाज को पति के जुल्मों से बचाना चाहता है. कैनाज भी उससे प्यार करती है. फ्रेडी कैनाज के पति का कत्ल कर देता है, लेकिन यहां से कहानी करवट बदलती है. फ्रेडी के सामने राज खुलता है कि कैनाज, रुस्तम (सज्जाद देलाफरोज) से प्यार करती है. दोनों के पास फ्रेडी के हत्यारे होने के सबूत हैं. वे उससे चुपचाप बिना शर्त अपनी जिंदगी से दूर होने को कहते हैं. फ्रेडी राजी है मगर सिर्फ इतना चाहता है कि कैनाज आमने-सामने एक बार माफी मांग ले कि पति से छुटकारा पाने के लिए उसने फ्रेडी का इस्तेमाल किया! कैनाज इंकार करती है, फ्रेडी को बेइज्जत करती है. रुस्तम फ्रेडी को पीटता है. यहां से चीजें बदलती है और एक प्रेम कहानी बदले की आग का थ्रिलर बन जाती है.


एक कदम आगे कार्तिक
फ्रेडी शुरू से अंत तक बांधे रहती है. यह किश्त-दर-किश्त सीन वाला सिनेमा नहीं है. मुकम्मल कहानी है और यह बात इसे सुंदर बनाती है. फ्रेडी की रफ्तार में निरंतरता है और कहीं रोमांच कम नहीं होता. फ्रेडी और कैनाज का रिश्ता खूबसूरत मोड़ से शुरू होकर कैसे घिनौना होता जाता है, यह देखना दिलचस्प है. यह जरूर है कि परवेज शेख ने कहानी को सिनेमाई बनाते हुए कुछ घटनाओं को थोड़ा अतिरंजित बनाया है. तर्क से छूट ली है. इसके बावजूद फिल्म की विश्वसनीयता और थ्रिल कम नहीं पड़ता. कार्तिक का सधा अभिनय फिल्म को मजबूत सहारा देता है. वरुण धवन के शुरुआती करियर में जैसे बदलापुर (2015) ने चौंकाया था, वैसी ही फ्रेडी में कार्तिक चौंकाते हैं. यह उनकी अब तक की इमेज से हटकर किरदार है और यह काम उन्हें अपनी पीढ़ी के एक्टरों से एक कदम आगे ले जाता है. एक ही बरस में कार्तिक भूल भुलैया 2 और फ्रेडी जैसी बिल्कुल अलग-अलग रेंज की फिल्में करते हैं. फ्रेडी मनोरंजक है और खास तौर पर कार्तिक के फैन्स के लिए जरूर देखने जैसी फिल्म है. कैमरावर्क अच्छा है. एडिटिंग में कसावट है. फिल्म कहीं शिथिल नहीं होती. अलाया एफ. कंधे से कंधा मिलाकर कार्तिक के साथ चलती हैं और यहां वह लंबी रेस की उम्मीद जगाती हैं. सज्जाद देलाफरोज भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. फ्रेडी इस सप्ताह रिलीज हुई चार फिल्मों में सब रोचक और मनोरंजक कंटेंट है.


निर्देशकः शशांक घोष
सितारेः कार्तिक आर्यन, अलाया एफ., सज्जाद देलाफरोज,
रेटिंग ***1/2


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