Explainer: जानिए उस केस की ABCD, जिसमें CM अरविंद केजरीवाल के जेल जाने तक की आ गई नौबत?
Arvind Kejriwal Arrested: दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने जुलाई 2022 को दिल्ली शराब बिक्री नीति मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कथित तौर पर कहा गया कि इस नीति को बनाने में काफी नीतिगत गलतियां हैं.
ED on Delhi Excise Polcy: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम केजरीवाल को गिरफ्तारी के बाद ईडी के दफ्तर ले जाया जा रहा है. इससे पहले कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वह ईडी की पूछताछ के लिए जाने को तैयार हैं लेकिन इसकी गारंटी देनी होगी कि ईडी उनको गिरफ्तार नहीं करेगी. लेकिन कोर्ट ने उनको किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी. लेकिन जिस आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल फंस गए हैं, आखिर वह है क्या और अब तक उसमें क्या-क्या हुआ. आइए जानते हैं.
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने साल 2021 में दिल्ली शराब बिक्री नीति पेश की थी. लेकिन यह सवालों के घेरे में आ गई. उस वक्त आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया थे. दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने जुलाई 2022 को दिल्ली शराब बिक्री नीति मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कथित तौर पर कहा गया कि इस नीति को बनाने में काफी नीतिगत गलतियां हैं.
क्या सामने आया रिपोर्ट में?
रिपोर्ट में कहा गया कि तत्कालीन आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने मनमाना और एकतरफा फैसला लिया, जिससे राजकोष को 580 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. आरोप यह भी लगाया गया कि शराब कारोबारियों को लाइसेंस फीस, पेनाल्टी हटाने और कोविड-19 के दौरान जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए डिस्काउंट और एक्सटेंशन दिया गया और इन लोगों ने आम आदमी पार्टी के नेताओं और आप सरकार को रिश्वत दी.
इस मामले में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ओफेंस विंग ने गड़बड़ी का अंदेशा जताया और इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने CBI जांच की सिफारिश की थी. CBI ने जो चार्जशीट दायर की, उसमें मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया. पिछले साल 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. एफआईआर में मनीष सिसोदिया समेत 14 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर भी शामिल थे. ईडी ने मार्च में कोर्ट को बताया कि अपराध से हुई कथित आय 292 करोड़ रुपये थी, जो मोडस ऑपरेंडी स्थापित करने के लिए जरूरी था.
ईडी का दावा- दी गई थी रिश्वत
ईडी ने दावा किया कि 'घोटाला' में शराब का कारोबार प्राइवेट कारोबारियों को दिया गया, जिसमें 12 प्रतिशत मार्जिन और 6 प्रतिशत रिश्वत पर बात तय हुई. ईडी ने नवंबर 2021 में कहा था कि पॉलिसी बनाते वक्त काफी सारी गड़बड़ियां थीं और इस नीति को लाया इसलिए गया था ताकि आप नेताओं को फायदा पहुंचाया जा सके. ईडी ने आगे आरोप में कहा कि आप नेताओं के साथ नायर इस मामले में 'बिचौलिया' था, उसे 'साउथ ग्रुप' की ओर से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी. इन लोगों को नियमों को ताक पर रखकर विभिन्न होलसेल कारोबार और रिटेल जोन दिए गए.
दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी में क्या था?
इस प्रस्तावित पॉलिसी के तहत शराब के कारोबार से सरकार खुद को दूर कर लेना चाहती थी. दिल्ली को इसमें 32 जोन में बांटा गया, जिसमें हर किसी में 27 शराब विक्रेता होंगे यानी 272 म्युनिसिपल वॉर्ड में 2-3 प्राइवेट शराब की दुकानें.
इस मामले में 4 अक्टूबर को AAP सांसद संजय सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. ED ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए 9 नोटिस भेजे, लेकिन पूछताछ के लिए केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं हुए. ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की और16 मार्च को कोर्ट ने केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने को कहा. 16 मार्च को ED ने आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में बीआरएस नेता के. कविता को तेलंगाना से गिरफ्तार किया.
केजरीवाल को कब-कब समन?
ईडी ने केजरीवाल को पहला समन 2 नवंबर 2023 को भेजा, दूसरा 21 दिसंबर 2023, तीसरा 3 जनवरी 2024, चौथा 17 जनवरी, पांचवा 2 फरवरी, छठा समन 14 फरवरी, सातवां समन 22 फरवरी, आठवां समन 27 फरवरी और 9वां समन 17 मार्च को भेजा गया था. लेकिन इनमें से एक भी समन पर केजरीवाल पेश नहीं हुए.
अब तक ईडी ने इस मामले में 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जो हैं
1: विजय नायर
2: अभिषेक बोइनपल्ली
3: समीर महेंद्रू
4: पी सरथ चंद्रा
5: बिनोय बाबू
6: अमित अरोड़ा
7: गौतम मल्होत्रा
8: राघव मंगुटा
9: राजेश जोशी
10: अमन ढाल
11: अरूण पिल्लई
12: मनीष सिसोदिया
13: दिनेश अरोड़ा
14: संजय सिंह
15: के. कविता