Explainer: रेमंड के शेयर में क्यों आया भूचाल, एक ही ट्रेडिंग सेशन में 40% तक गिरा स्टॉक
Share Market: दिग्गज कंपनी रेमंड के शेयर में गुरुवार (11 जुलाई) को भारी गिरावट देखी गई. शेयर में यह टूट कंपनी के उस फैसले बाद देखी गई जिसमें कारोबार को अलग-अलग करने का निर्णय लिया गया है.
Raymond Shares Price: बजट से पहले भारतीय शेयर बाजार में उठा-पटक देखी जा रही है. बुधवार के बाद गुरुवार को भी सेंसेक्स में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखी गई. शेयर बाजार में यह गुरुवार सुबह रेमंड कंपनी के शेयर में कारोबारी सत्र की शुरुआत में बड़ी टूट देखी गई. इसके साथ ही यह शेयर करीब 40 प्रतिशत से ज्यादा टूटकर 1852 रुपये पर आ गया. रेमंड के शेयर में यह गिरावट लाइफस्टाइल बिजनेस को अलग करने के फैसले के बाद देखी गई. कंपनी के इस निर्णय जानकारी मिलने के बाद निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी, जिससे शेयर में तेजी गिरावट देखने को मिली.
पांच शेयर के लिए रेमंड लाइफस्टाइल के चार शेयर मिलेंगे
अलग किये गए कारोबार को अगस्त-सितंबर के करीब स्टॉक एक्सचेंज पर अलग से लिस्टेड किया जाएगा. रेमंड के मौजूदा निवेशकों को उनके पास मौजूद रेमंड के हर पांच शेयर के लिए रेमंड लाइफस्टाइल के चार शेयर मिलेंगे. आज इस आवंटन के लिए रिकॉर्ड डेट है. आज रेमंड के शेयरों की कीमत कम है क्योंकि आज ही वो रिकॉर्ड डेट है जिसके बाद लाइफस्टाइल बिजनेस को अलग करने का फैसला किया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि रेमंड कंपनी मं अब सिर्फ उनका मूल कारोबार बचा है और लाइफस्टाइल कारोबार अलग हो चुका है.
दोपहर बाद शेयर में देखी गई तेजी
शुरुआती गिरावट के बाद रेमंड के स्टॉक की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी हुई. शुरुआती कीमत से 3.07% की बढ़त के साथ एक शेयर की कीमत 2,009.80 रुपये पर पहुंच गई. कुछ ब्रोकरेज फर्मों को उम्मीद है कि इस बदलाव के बाद रेमंड लिमिटेड का शेयर गिरकर 1,415 रुपये के करीब पहुंच जाएगा. इसमें रियल एस्टेट कारोबार के लिए 1200 रुपये और इंजीनियरिंग बिजनेस के लिए 215 रुपये शामिल थे. उन्होंने बताया कि लाइफस्टाइल बिजनेस की 2,930 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर लिस्टिंग की जा सकती है.
बिजनेस को अलग करना कंपनी की बड़ी प्लानिंग
ब्रोकरेज फर्म इनक्रेड इक्विटीज (InCred Equities) ने अंदाजा लगाया कि लाइफस्टाइल बिजनेस का सही प्राइस 1982 प्रति शेयर, रियल एस्टेट का 1086 और इंजीनियरिंग का 499 प्रति शेयर है. लाइफस्टाइल बिजनेस को अलग करना कंपनी की बड़ी प्लानिंग का हिस्सा बताया जा रहा है. रेमंड अपने रियलएस्टेट बिजनेस को भी अलग करने की सोच रही है. इस पूरी प्रक्रिया में 15-18 महीने लग सकते हैं. इसके बाद रेमंड कंपनी में सिर्फ उनका इंजीनियरिंग का कारोबार ही रह जाएगा.
रेमंड के 1 शेयर के बदले रियल एस्टेट का 1 शेयर
लाइफस्टाइल बिजनेस के शेयर मिलने का 4:5 का रेश्यो है यानी रेमंड के 5 शेयर के लिए लाइफस्टाइल कंपनी के 4 शेयर मिलेंगे. यही रियल एस्टेट के लिए 1:1 है यानी रेमंड का 1 शेयर के बदले रियल एस्टेट का 1 शेयर मिलेगा. अरिहंत कैपिटल मार्केट्स का कहना है कि यह कदम तीन अलग-अलग कारोबार को बनाने के लिये उठाया गया है ताकि कंपनी का ज्यादा फायदा हो सके. रेमंड की रियल एस्टेट के लिए उन्होंने बताया कि ठाणे में 100 एकड़ जमीन है. इसमें से 40 एकड़ पर काम चल रहा है. इससे 8 साल में करीब 9,000 करोड़ का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है. बाकी 60 एकड़ जमीन को मिलाकर 8 साल में 25,000 करोड़ का फायदा हो सकता है.
अरिहंत कैपिटल ने यह भी बताया कि कंपनी ने कुछ दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर (JDA) 7,000 करोड़ के रेवेन्यू का प्लान तैयार किया है. यह मुनाफा अगले 4-5 साल में मिल सकता है. रियलएस्टेट बिजनेस के लिए कंपनी के पास 500 करोड़ नगद मौजूद हैं और अगले दो साल में उन्हें ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं है. अगले तीन साल में रियल एस्टेट बिजनेस सालाना 4,000 करोड़ कमा सकता है और उनका मार्जिन (EBITDA) 25% के आसपास रहने का अनुमान है.