Parliament: BJP के 20 से ज्यादा सांसदों ने की नाफरमानी, संसद न आने की चुकानी पड़ेगी कीमत?
Advertisement
trendingNow12562948

Parliament: BJP के 20 से ज्यादा सांसदों ने की नाफरमानी, संसद न आने की चुकानी पड़ेगी कीमत?

Parliament Winter Session: लोकसभा में भाजपा के जो सांसद मंगलवार को एक देश एक चुनाव बिल पेश करते समय मौजूद नहीं थे, पार्टी उनको नोटिस भेजेगी. भाजपा के 20 से ज्यादा सांसद आज वोटिंग के वक्त गैरहाजिर थे. जबकि, भाजपा ने आज अपने लोकसभा सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाईन का व्हिप जारी किया था.

Parliament: BJP के 20 से ज्यादा सांसदों ने की नाफरमानी, संसद न आने की चुकानी पड़ेगी कीमत?

One Nation One Election Bill: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में मंगलवार (17 दिसंबर) को महत्वपूर्ण वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया गया. इस दौरान केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 20 से ज्यादा सांसद अनुपस्थित रहे. जबकि इससे पहले भाजपा ने अपने सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी कर सबको सदन में मौजूद रहने के लिए कहा था. इस नाफरमानी और व्हिप जारी होने के बावजूद संसद में नहीं आने के लिए इन सांसदों को कीमत चुकानी पड़ेगी.

लोकसभा में गैरहाजिर अपने सांसदों को नोटिस भेजेगी भाजपा

जानकारी के मुताबिक, अब भाजपा लोकसभा में गैरहाजिर रहे अपने सभी सांसदों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब तलब करेगी. तन लाइन के बेहद अहम व्हिप जारी होने के बाद भी अपने सांसदों की गैरहाजिरी से भाजपा आलाकमान नाराज है बताया जा रहा है. क्योंकि लोकसभा में पेश अहम वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पर वोटिंग के समय उनके 20 से ज्यादा सांसद मौजूद नहीं थे.

संविधान संशोधन विधेयक पर कुल 461 सांसदों ने किया मतदान

लोकसभा के संचालन के नियमों के मुताबिक, संविधान में प्रस्तावित इन दो संशोधनों को लोकसभा से पास करने के लिए वहां मौजूद और मतदान करने वाले दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है. संविधान संशोधन विधेयक को पास करने के लिए हुए मतदान में 461 सदस्यों ने हिस्सा लिया. अगर यह विधेयक पारित करने के लिए मतदान होता तो उन 461 में से 307 को इसके पक्ष में मतदान करना पड़ता, लेकिन केवल 269 ने ही मतदान किया. 

सत्ता पक्ष की ओर से कम मतदान पर विपक्षी कांग्रेस ने बोला हमला

लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने आज के दिन को उदाहरण के रूप में लेते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला. सत्ता पक्ष की ओर से कम वोटिंग को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया "इस विधेयक को समर्थन नहीं मिला है... कई दलों ने इसके खिलाफ बोला है." हालांकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने विधेयक पेश किये जाने से पहले अपने सभी सांसदों को तीन-लाइन का व्हिप जारी किया था. उनके अलावा तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और शिवसेना (शिंदे गुट) सहित एनडीए के सहयोगी दलों ने भी अपने सांसदों की मौजूदगी के लिए व्हिप जारी किया  था.

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में पेश किया बिल

लोकसभा में मौजूद सांसदों के मतदान से पहले केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया. उन्होंने लोकसभा में संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने का प्रस्ताव रखा. 

वन नेशन, वन इलेक्शन बिल के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट

विधेयक पर शुरुआती चर्चा के बाद विपक्ष ने वोट विभाजन की मांग की. इस विधेयक के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 सदस्यों ने मतदान किया. विधेयक पेश किए जाने के बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने तीखे हमले किए. हालांकि, पहले यह बात सामने आई थी कि केंद्र सरकार सोमवार को ही लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्शन बिल' पेश करेगी, लेकिन किसी कारणों से इसे टाल दिया गया और इसे मंगलवार को सदन के पटल पर रखा जा सका.

ये भी पढ़ें - ONOE: दुनिया के किन देशों में एक साथ होते हैं सभी चुनाव? भारत के लिए टेढ़ी खीर क्यों है वन नेशन वन इलेक्शन

व्हिप क्या होता है? राजनीति में कब और कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

अंग्रेजी शब्द व्हिप का मतलब ऐसा चाबुक होता है, जिससे इंसानों या जानवरों को काबू में रखा जाता है. संसदीय राजनीति में पार्टी के सांसदों या विधायकों को आंतरिक तौर पर अनुशासन कायम रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली से निकलकर सामने आए व्हिप का इस्तेमाल पार्टी लाइन का पालन करवाने के लिए किया जाता है. पार्टी का सचेतक यानी चीफ व्हिप या मार्ग दिखाने वाला अनुशासन को बनाए रखने के लिए व्हिप जारी करता है. इसका मतलब है कि पार्टी के सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहना है और उन्हें एकजुट होकर पार्टी लाइन पर वोट करना है.

ये भी पढ़ें - Analysis: आखिर 'एक देश एक चुनाव' कितना जरूरी है.. क्या समय की मांग है देश में एक साथ इलेक्शन कराना?

व्हिप क्या होता है? उल्लंघन करने वाले सांसदों पर क्या कार्रवाई हो सकती है?

मह्तव के आधार पर व्हिप एक लाइन, दो लाइन और तीन लाइन की हो सकता है. इसमें तीन लाइन के व्हिप का पालन करना अनिवार्य होता है. भाजपा ने भी अपने सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. इसका पालन नहीं करने या उल्लंघन करने पर सांसदों के खिलाफ दल बदल रोधी कानून तक लागू हो सकता है. पार्टी की सिफारिश पर उनकी सदस्यता जा सकती है. पार्टी अपने ऐसे सांसदों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि अगर किसी पार्टी के एक तिहाई सदस्य व्हिप का उल्लंघन कर पार्टी लाइन के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करते हैं तो माना जाता है कि पार्टी टूटने के साथ ही नया गुट बन चुका है. 

तमाम खबरों पर नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Hindi News Today और पाएं Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी. देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और रहें अपडेटेड!

Trending news