OPINION: सीएम फडणवीस के साथ ठहाके लगाता ठाकरे परिवार, मोदी की छत्रछाया में ही उद्धव का होगा उद्धार!
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OPINION: सीएम फडणवीस के साथ ठहाके लगाता ठाकरे परिवार, मोदी की छत्रछाया में ही उद्धव का होगा उद्धार!

Uddhav Thackeray Meets Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र में मंगलवार को शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात ने राजनीति में नई बहस छेड़ दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी तस्वीर के नीचे फडणवीस के साथ उद्धव और आदित्य ठाकरे ठहाके लगाते दिखे. इसके साथ ही बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र में नई सियासी हलचल होने के कयास लगाए जाने लगे हैं.

OPINION: सीएम फडणवीस के साथ ठहाके लगाता ठाकरे परिवार, मोदी की छत्रछाया में ही उद्धव का होगा उद्धार!

Uddhav Thackeray Under PM Modi Potrait: क्या महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द ही नया समीकरण देखने को मिल सकता है? मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे की मंगलवार को मुलाकात के बाद लोगों के मन में यह सवाल पैदा हो गया है. हालांकि, उद्धव और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने सीएम फडणवीस से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया, लेकिन यह जगजाहिर तथ्य है कि राजनीति में कुछ भी अनायास नहीं होता. राजनेताओं के हर कदम का कोई न कोई खास मतलब होता है.

5 साल बाद इतनी गर्मजोशी में मिले उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस
  
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे मंगलवार को फूलों का गुलदस्ता लेकर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनने की बधाई देने के लिए पहुंचे. दोनों पुराने साथियों ने लगभग पांच साल बाद बेहद गर्मजोशी से एक-दूसरे से हाथ मिलाया. आदित्य ठाकरे ने पूरे आदर के साथ सीएम फडणवीस से मुलाकात की. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शानदार आदमकद तस्वीर के नीचे लगे सोफे पर बैठकर ठाकरे पिता-पुत्र ने फडणवीस के साथ दिल खोलकर ठहाके लगाए. 

सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर वायरल हुईं मुलाकात की तस्वीरें

सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर सामने आई मुलाकात की तस्वीरों को देखकर किसी को यकीन नहीं होगा कि महाराष्ट्र के इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच कभी मनमुटाव भी रहा होगा. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के बाद जिन हालातों में भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूटा और उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी की सरकार बनाई. फिर ढाई साल बाद शिवसेना टूटी और भाजपा ने शिंदे गुट के साथ सत्ता में वापसी की और फिर लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के कब्जे से कई सीटें निकल गईं. 

पांच साल तक जमकर दिखीं फडणवीस और ठाकरे के बीच तल्खियां

इस पूरे पांच साल में देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच जमकर तल्खियां दिखीं. उद्धव ने फडणवीस के लिए 'मातोश्री' के दरवाजे बंद करवा दिए थे. इसके बाद दोनों ने आपसी बातचीत की जगह एक-दूसरे के साथ वर्षों पुरानी दोस्ती भुलाकर सियासी दुश्मनों जैसा व्यवहार करना शुरू कर दिया था. एक-दूसरे पर तमाम तरह के आरोप लगाए जाने लगे. नए-पुराने किस्से खोजे और गढ़े जाने लगे. शिंदे के लिए उपजी ठाकरे की कड़वाहट फडणवीस को भी लपेटने लगी. हालांकि, दोनों नेताओं की ताजा आत्मीय तस्वीरों ने सब कुछ छोड़ने के साथ ही नई शुरुआत के संकेत दिए हैं.

'देश और राज्य के लिए एक साथ काम करने की राजनीतिक परिपक्वता'

उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ सीएम फडणवीस से मिलने पहुंचे शिवसेना के नेताओं में विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे, विधायक अनिल परब, विधायक भास्कर जाधव, विधायक सचिन अहीर, विधायक संजय पोटनिस और विधायक वरुण सरदेसाई भी शामिल थे. मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा, 'आज हमारे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की. यह आगे की ओर एक कदम है. दोनों (सत्ता पक्ष और विपक्ष) को देश और राज्य के हित के लिए एक साथ काम करने की राजनीतिक परिपक्वता दिखानी चाहिए.'

फडणवीस से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने दी राहुल गांधी को नसीहत

वहीं, सीएम फडणवीस से मिलने के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे की कांग्रेस से दूर‍ियां बढ़ती दिखीं. उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए साफ कहा क‍ि अब उन्‍हें वीर सावरकर को लेकर रोना बंद करना चाहिए. उद्धव ठाकरे महाविकास आघाड़ी में सहयोगी कांग्रेस नेता पर पहले हमला बोलने से परहेज करते थे. जबकि, राहुल गांधी शुरू से ही वीर सावरकर को लेकर काफी आक्रामक रुख अपनाते रहते हैं. हाल ही में लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान भी उन्होंने सावरकर के एक लेख का हवाला देते हुए उन पर हमला बोला था. 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और डिप्टी स्पीकर के पद की मांग होगी पूरी?

उद्धव और आदित्य के रुख को देखते हुए महाराष्ट्र में यह चर्चा शुरू हो गई कि आखिर सीएम फडणवीस के साथ बंद कमरे में 15 तक क्या बात हुई कि उनके सुर बदल गए. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे के 24 दिन बाद शिवसेना (यूबीटी) नेताओं की सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में कई कारण बताए जा रहे हैं. इसमें सबसे पहला कारण विपक्षी महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों में शिवसेना (यूबीटी) के पास ज्यादा विधायक हैं. नियम के मुताबिक तय 10 प्रतिशत सीटों से कम संख्या होते हुए भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और डिप्टी स्पीकर के पद पर भी उद्धव दावा कर रहे हैं.

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ठाकरे परिवार की एकता और एकनाथ शिंदे की प्रतिस्पर्धा बड़ी वजह

दोनों नेताओं की दूसरी वजह को लेकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को एक करने की मुहिम को गति देने की है. दोनों भाइयों की राजनीति में नाम मात्र के फर्क होने और सामने बीएमसी चुनाव को देखकर ठाकरे परिवार के एक होने के कयास को मजबूती मिल रही है. हाल ही में कई मौकों पर इसके संकेत भी मिले हैं. राज ठाकरे की पार्टी मनसे का दर्जा खतरा में पड़ने और उद्धव ठाकरे के सामने राजनीतिक संकट के साथ ही एकनाथ शिंदे की दीवार होने से दोनों भाइयों के साथ आने की चर्चा है. 

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उद्धव ठाकरे के लिए क्यों काफी जरूरी है प्रधानमंत्री मोदी की छत्रछाया?

इन दोनों ही मामले में उद्धव ठाकरे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्रछाया काफी जरूरी है. क्योंकि फडणवीस पीएम मोदी के कहने पर उद्धव ठाकरे की मदद कर सकते हैं. वहीं, महायुति में एकनाथ शिंदे की उदासीनता को देखकर भी फडणवीस का ठाकरे परिवार से मुलाकात की चर्चा स्वाभाविक है. इसे शक्ति संतुलन से भी जोड़ा जा रहा है. यह राजनीतिक कदम भी बिना पीएम मोदी की इच्छा के मुमकिन नहीं हो सकता. इस बीच उद्धव के हिंदुत्व को लेकर सिलसिलेवार बयानों और सियासी कदमों से भी साफ संकेत मिल रहे हैं कि अपने उद्धार के लिए जल्द ही वह पीएम मोदी की छत्रछाया हासिल कर सकते हैं.

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