Delhi Electricity New Price: राजधानी दिल्ली के लोगों अब बिजली के बढ़े हुए दाम वाले बिल का भुगतान करना होगा. दिल्ली में लोगों के घरों तक बिजली पहुंचाने वाली दो डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने टैरिफ में इजाफा किया है. बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (BYPL) ने अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं. 


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कब चुकाना होगा बढ़ा हुआ बिजली बिल


बिजली के बढ़े हुए दाम के मुताबिक बिल एक मई से ही जोड़कर जुलाई महीने में आएगा. इसका मतलब आपके घर और दफ्तरों में 1 मई के बाद इस्तेमाल की गई बिजली का बिल बढ़े हुए दाम के साथ जोड़ा जाएगा. प्राइस हाइक 1 मई से 3 महीने के लिए लागू रहेगी. इसलिए जुलाई में आने वाले बिलों में बढ़ोतरी नजर आएगी. जबकि,  दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन ( DERC) की ओर से बुनियादी बिजली शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है.


दो डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने बढ़ाया टैरिफ


बीवाईपीएल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में टैरिफ में 6.15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. वहीं, बीआरपीएल के अंतर्गत आने वाले इलाकों में 8.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि, तीसरी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने बिजली के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है.  BYPL के तहत में पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली के हिस्से आते हैं और BRPL के अंतर्गत दक्षिणी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के क्षेत्र आते हैं.


पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली के रहने वालों के लिए बढ़ी कीमत


BYPL के ग्राहकों को 37.75 फीसदी के बढ़े हुए PPAC का सामना करना पड़ा है. इसके तहत 0 से 200 यूनिट ब्रैकेट के लिए नई दर 4.12 रुपये प्रति यूनिट है. उच्च खपत वाले ब्रैकेट में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. इसके मुताबिक, 201-400 यूनिट के लिए दर अब 6.18 रुपये प्रति यूनिट और 1200 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने वालों के लिए यह बढ़कर 11.00 रुपये प्रति यूनिट हो गई है.


दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली में रहने वालों का नया टैरिफ


BRPL के अंतर्गत आने वाले इलाके के उपभोक्ताओं के लिए PPAC बढ़कर 35.83 फीसदी हो गया है. यानी इन इलाकों में 0-200 यूनिट बिजली खपत के लिए बेस प्राइस एडजस्टमेंट 3.00 रुपये से बढ़कर 4.07 रुपये प्रति यूनिट हो गया है. उच्च खपत ब्रैकेट की दरें भी काफी बढ़ गई हैं. यानी 201-400 यूनिट बिजली की खपत करने वाले लोगों को अब 2021-22 के टैरिफ ऑर्डर में 4.50 रुपये की तुलना में 6.11 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा. 1200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करने वालों को 8 रुपये की तुलना में 10.87 रुपये प्रति यूनिट कीमत का भुगतान करना होगा.


PPAC क्या है? क्यों बढ़ रहा आर्थिक दबाव


दिल्ली के इन दो डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के बिजली उपभोक्ताओं पर आर्थिक दबाव बढ़ने का मुख्य कारण पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट यानी PPAC में हुआ तिमाही संशोधन है. पिछले कुछ वर्षों में PPAC की दरों में काफी बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली के तमाम इलाकों में बिजली की सप्लाई करने वाली विभिन्न डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) पर इसका बड़ा असर पड़ा है.


TPDDL और NDMC पर कितना बढ़ा PPAC


पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट पीपीएसी में नए संशोधन के बाद दो डिस्कॉम BRPL और BYPLने बिजली की दरों में  बढ़ोतरी की है. जबकि TPDDL और NDMC जल्द ही ऐसा कर सकती है. BRPL और BYPL की तरह ही टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) के PPAC में 37.88 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, शहर के सबसे पॉश इलाकों में पावर सप्लाई करने वाली और सरकारी मालिकाना वाली नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) का PPAC सबसे ज्यादा 38.75 फीसदी बढ़ा है.


उपभोक्ताओं की जेब पर कितना बढ़ेगा भार?


BYPL कंज्यूमर्स की जेब पर 6.15 फीसदी का अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ेगा.  PPAC के मुताबिक, BRPL और TPDDL और NDMC प्रत्येक में 8.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, इनमें से BRPL और BYPL ने फिलहाल बिजली की कीमतें बढ़ाई हैं. आने वाले दिनों में बाकी दोनों डिस्कॉम के भी बिजली बिल बढ़ाने के संकेत हैं. क्योंकि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन या डिस्कॉम से राहत के कोई संकेत नहीं मिले हैं. ऐसे में दिल्ली में रहने वाले बाकी लोगों को भी माली दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.  


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दिल्ली में तिमाही आधार पर लागू होता है PPAC


NTPC और NHPC जैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) को सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी कमीशन (CERC) मासिक आधार पर PPAC लागू करने के लिए अधिकृत करता है. इसके उलट दिल्ली डिस्कॉम तिमाही आधार पर PPAC को लागू करते हैं, लेकिन दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) से पूरी तरह से वैरिफिकेशन और अप्रूवल के बाद ही इसे लागू किया जाता है. इसका मतलब दिल्लीवासियों को तीन महीने के बाद होने वाली समीक्षा पर नजर रखनी पड़ेगी.


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