Loksabha Election 2024: राजस्थान में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड (Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case) में गुरुवार को दोनों आरोपियों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित कर दिया गया. वहीं, गोगामेड़ी परिवार की सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही परिवार के सदस्यों को आत्मरक्षा के लिए 10 दिनों के भीतर हथियार का लाइसेंस मंजूर करने का भी वादा किया गया है. राज्य के पुलिस प्रमुख ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच के लिए तेजतर्रार आईपीएस अफसर दिनेश एमएन की अगुवाई में विशेष जांच दल (SIT) का भी गठन कर दिया गया. इसके बाद राजस्थान में राजपूत समाज के लोगों का विरोध प्रदर्शन तो थम गया है, लेकिन राजनीतिक तौर पर गहमागहमी बढ़ गई है. राजस्थान विधानसभा चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद इस बड़ी आपराधिक वारदात को लेकर लोगों के गुस्से को भुनाने की कवायद शुरू हो गई है. इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों आमने-सामने आ गए हैं. क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 6 महीने से भी कम समय बचा है.


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किसके इशारे पर एफआईआर में अशोक गहलोत का नाम शामिल


राजपूत समाज के दंबग नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर में घुसकर और दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या को लेकर राजस्थान में पहले पुलिस और प्रशासन के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा. इसके बाद जयपुर के मेट्रो मास अस्पताल पहुंचे भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार को निशाने पर ले लिया. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गोगामेड़ी हत्याकांड की निंदा की. भाजपा नेता दीया कुमारी ने तो सीधे तौर पर अशोक गहलोत का नाम ले लिया. गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. इसके बाद भाजपा के कई नेताओं ने सिलसिलेवार तरीके से कांग्रेस और अशोक गहलोत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत की ओर से दर्ज करवाई गई एफआईआर में अशोक गहलोत और डीजीपी के नाम का जिक्र कर कहा गया कि पूरी जानकारी दिए जाने के बावजूद सुरक्षा में लापरवाही बरती गई. इसके साथ ही राजस्थान में यह सवाल गूंजने लगा कि आखिर किसके इशारे पर एफआईआर में गहलोत का नाम शामिल किया गया है. 


अशोक गहलोत के खिलाफ कांग्रेस नेता भी हमलावर, देरी पर सवाल


राजस्थान विधानसभा चुनाव नतीजे सामने आने के बाद असोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कार्यवाहक सीएम बने हुए हैं. नई सरकार का गठन हुआ नहीं है. इसलिए राज्यपाल कलराज मिश्र को भी आगे बढ़ना पड़ा है. वहीं, नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री के सामने इस हत्याकांड की जांच और कार्रवाई को लेकर बड़ी चुनौती तैयार खड़ी होगी. लाल डायरी के जरिये देश भर में सुर्खियां बटोर चुके पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने तो चेतावनी देते हुए कहा, 'पुलिस और अफसर तुरंत कार्रवाई करें वरना प्रतिकूल परिणामों के लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे.' कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तो सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के साथ उदयपुर में अंजाम दिए गए कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए अपनी ही पार्टी के नेता अशोक गहलोत को घेरा. उन्होंने कहा कि धमकियों की जानकारी मिलने पर सरकार ने सुरक्षा इंतजाम किए होते तो इन दोनों को बचाया जा सकता था. प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का करीबी बताया जाता है. 


आपराधिक वारदात में राजनीतिक एंगल जांच का विषय, मगर चर्चाएं तेज


दूसरी ओर गोगामेड़ी हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के शूटर्स रोहित गोदारा और संपत नेहरा के सोशल मीडिया पोस्ट जिस तरह वायरल हुए हैं, उसे देखते हुए भी कई तरह के संदेह उपजते हैं. राजनीति और अपराध के गठजोड़ को लेकर सब हैरत में हैं. क्योंकि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद करणी सेना के आपसी मतभेद के बाद अलग संगठन बनाने, गोगामेड़ी के साल 2013 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने और तीसरे नंबर पर रहने, उनकी पत्नी शीला शेखावत का निर्दलीय नामांकन दाखिल कर वापस लेने, कारोबार और आर्थिक लेन-देन जैसे कई मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है. सुखदेव सिंह गोगोमेड़ी हत्याकांड में राजनीतिक एंगल की बात भले ही जांच का मुद्दा हो, लेकिन इसको लेकर बयानबाजी से साफ पता चलता है कि सियासी दलों का वोट बैंक पर निशाना है.


कुछ राजपूत संगठनों ने भाजपा पर भी निकाला गुस्सा, पूछा- क्या यह महज संयोग है


दूसरी ओर, सुखदेव सिंह हत्याकांड को लेकर कुछ राजपूत संगठनों ने शुरुआत से ही सोशल मीडिया पर भाजपा पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. कांग्रेस के करीबी बताए जाने वाले ऐसे एक संगठन राजपूत मारवाड़ महासभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने कहा कि क्या संयोग है कि भाजपा सरकार आते ही राजपूत समाज के लोगों को निशाना बनाया जाता है. खांगटा ने कहा कि साल 2003 में राजपूत समाज के नेता वीरेंद्र सिंह नांगला की असामाजिक तत्वों ने हत्या कर दी थी. साल 2013 में आनंदपाल सिंह का पुलिस ने कथित एनकाउंटर कर दिया. वहीं, 2023 में राजपूत समाज के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की घर में घुसकर दिन दहाड़े हत्या कर दी गई. यह काफी दुखद है और इसकी गहराई से तहकीकात होनी चाहिए. वहीं, गोगोमेड़ी की पत्नी शीला शेखावत ने तो हत्याकांड में विदेशी आतंकवादियों के गिरोह के शामिल होने का भी शक जताया है. गोगामेड़ी की हताया की जिम्मेदारी लेने वाला गैंगस्टर रोहित गोदारा के फिलहाल कनाडा में छिपे होने की जानकारी सामने आई है.