Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी सरकार को हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन में खींचतान थमती नहीं दिखती. इंडिया गठबंधन (INDIA) में समाजवादी पार्टी, शिवसेना और लेफ्ट पार्टियों सहित ज्यादातर सहयोगी दलों ने मल्लिकार्जुन खड़गे को चेयरमैन बनाने के ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके बावजूद खड़गे के नाम के एलान में आखिर क्यों देरी हो रही थी?


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INDI Alliance में चेयरमैन के लिए क्यों उछाला जा रहा मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम


इंडिया (INDI Alliance) में शामिल तमाम पार्टियों को एहसास है कि इंडिया गठबंधन की ओर से बोलने वाले एक प्रतिष्ठित और अनुभवी राजनेता की सख्त जरूरत है. माना जा रहा है कि परिपक्व उम्र, राजनीतिक अनुभव और प्रतिष्ठा के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे की अनुसूचित जाति (एससी) से होने और दक्षिण भारतीय पृष्ठभूमि लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए काफी मददगार हो सकता है. इससे पहले इंडिया गठबंधन में अपने लिए यही भूमिका चाहने वाले शरद पवार और नीतीश कुमार भी इस विचार के साथ ही आगे बढ़ रहे थे. हालांकि गठबंधन में शुरुआती रस्साकशी के बाद खड़गे के नाम को लेकर आमराय बनती दिखी. गठबंधन की बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि कुछ लोगों का सुझाव था कि गठबंधन की अगुवाई मल्लिकार्जुन खड़गे करें.  इस पर सभी लोग सहमत थे. 


जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने क्यों ठुकराया इंडिया गठबंधन के संयोजक पद का प्रस्ताव


जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से इंडिया गठबंधन के संयोजक पद को ठुकराने और कांग्रेस के ही किसी नेता को इसकी जिम्मेदारी दिए जाने की बात कहने के बाद कई तरह के कयास लगाए जाने लगे. माना जा रहा था कि इंडिया की दिल्ली बैठक में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल की ओर मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम के प्रस्ताव पर नीतीश कुमार नाराज हो गए थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसके बाद उनसे फोन पर बातचीत की थी. वहीं, नीतीश कुमार को संयोजक बनाने के लिए 3 जनवरी को होने वाली इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक आखिरी वक्त में टल गई थी. 


मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का चेयरमैन बनाने को लेकर कांग्रेस के अंदर ही क्यों एतराज 


सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे विपक्षी गठबंधन में अधिकतर सदस्यों ने मल्लिकार्जुन खड़गे को चेयरमैन पद पर नियुक्त करने के लिए हामी भर दी है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जरूरी नहीं कि चेयरमैन को इंडिया गठबंधन के संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाएगा. इसके बावजूद खड़गे का नाम आगे बढ़ाने पर सबसे बड़ी आपत्ति उनकी ही पार्टी की ओर से आई. रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के कई दिग्गज नेता गांधी परिवार पर किसी और की छाया डालने के भी खिलाफ हैं. इसके अलावा खड़गे का कद बढ़ने को लेकर विरोधी खेमे की ओर से अंदरखाने की सियायत भी जारी है.


मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर क्या है कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष, नजदीकी सहयोगियों में टक्कर


कांग्रेस और विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में मल्लिकार्जुन खड़गे के बढ़ते महत्व और बाद में होने वाले स्पष्ट फायदे की उम्मीदों के साथ उनके दो प्रमुख सहयोगियों सैयद नसीर हुसैन और गुरदीप सिंह सप्पल के बीच सत्ता संघर्ष चल रहा है.पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के साथ काम करने और राज्यसभा टीवी नेटवर्क का नेतृत्व करने के बाद कांग्रेस ज्वाइन करने वाले सप्पल के ज्यादातर भारतीय नेताओं और राहुल गांधी के स्टाफ के सदस्यों के साथ दोस्ताना संबंध हैं. वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे के पुराने सहयोगी और कर्नाटक से आने वाले हुसैन दिल्ली की सत्ता की राजनीति के कामकाज और तौर तरीकों से कम परिचित हैं. हाल ही में एक रियायत के तौर पर उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के कार्यालय का प्रभारी बनाया गया है.


गठबंधन के साथियों को चेयरमैन खड़गे ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए दिया न्योता


दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन के समन्वय समिति के नेताओं की ऑनलाइन बैठक के बाद शनिवार को गठबंधन के चेयरमैन मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया. खड़गे ने लिखा, ''बैठक में शामिल सभी लोग इस बात को लेकर खुश थे कि लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत सही दिशा में जा रही है. कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ आने वाले कार्यक्रमों पर चर्चा की. इसके साथ ही राहुग गांधी की 14 जनवरी से शुरू होने वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी समय और सुविधा के मुताबिक शामिल होने के लिए सहयोगी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया.''


बैठक के बाद खड़गे के आवास पर पहुंचे थे केजरीवाल, वेणुगोपाल ने बताया शिष्टाचार भेंट


इसके बाद शनिवार शाम को ही दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पहुंचे. खड़गे और राहुल गांधी के साथ केजरीवाल और राघव चड्ढ़ा की मुलाकात को कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने एक सामान्य शिष्टाचार बैठक बताया. गठबंधन में खड़गे को चेहरा बनाने का प्रस्ताव देने वाले में ममता बनर्जी के अलावा अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे. गठबंधन सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सीट शेयरिंग पर भी सहयोगी दलों में आम राय बनाने की कोशिश की जा रही है.