क्या फिर U टर्न की राह पर चल पड़े हैं नीतीश? बिहार में BJP और JDU में कुछ तो पक रहा!
Advertisement
trendingNow12443724

क्या फिर U टर्न की राह पर चल पड़े हैं नीतीश? बिहार में BJP और JDU में कुछ तो पक रहा!

Bihar Vidhan Sabha Chunav: बिहार की एनडीए सरकार में शायद सब ऑल इज वेल नहीं है. बीजेपी नेताओं और नीतीश कुमार में दूरी फिर से नजर आने लगी है. सरकारी कार्यक्रम होते तो हैं लेकिन किसी में जेडीयू के नेता नदारद रहते हैं तो किसी कार्यक्रम में बीजेपी के नेता नहीं आते. अहम कार्यक्रम में बीजेपी-जेडीयू के नेताओं की गैर-मौजूदगी अब सवाल खड़े करने लगी है. 

क्या फिर U टर्न की राह पर चल पड़े हैं नीतीश? बिहार में BJP और JDU में कुछ तो पक रहा!

Bihar Politics: ओटीटी पर एक वेब सीरीज है. नाम है महारानी. उसमें एक डायलॉग है कि जब-जब आपको लगता कि आप बिहार को समझ गए हैं, तब-तब बिहार आपको चौंका देता है. इस बार भी बिहार की सियासत में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. 

बिहार की एनडीए सरकार में शायद सब ऑल इज वेल नहीं है. बीजेपी नेताओं और नीतीश कुमार में दूरी फिर से नजर आने लगी है. सरकारी कार्यक्रम होते तो हैं लेकिन किसी में जेडीयू के नेता नदारद रहते हैं तो किसी कार्यक्रम में बीजेपी के नेता नहीं आते. अहम कार्यक्रम में बीजेपी-जेडीयू के नेताओं की गैर-मौजूदगी अब सवाल खड़े करने लगी है. 

नीतीश ने पीएम मोदी को लिखा खत

ऐसा सिर्फ एक ही बार हुआ है, ये भी नहीं है. अब नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को मांगों का पुलिंदा खत लिखकर भेज दिया है. 

जब बीजेपी और जेडीयू का बिहार में गठबंधन हुआ था, तब जेडीयू और बीजेपी के नेताओं के बीच नजदीकी दिखी थी. करीब-करीब हर कार्यक्रमों में दोनों ही उपमुख्यमंत्री साथ-साथ नजर आए. लेकिन अब दूरी नजर आ रही है. इसी वजह से कहा जा रहा है कि बिहार सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. नेताओं के मिजाज में बदलाव का इशारा कहीं सत्ता परिवर्तन की तरफ तो नहीं है? राजनीतिक पंडितों से लेकर सियासी हलकों में भी यह सुगबुगाहट उठने लगी है कि क्या सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर भी पाएगी या नहीं?

रिश्तों में क्या वाकई आ गई दरार

यूं तो विधानसभा चुनाव होने में अभी 1 साल का वक्त बचा है. लेकिन बीजेपी-जेडीयू के बीच की रिश्तों में आई ये दरार अब सवाल खड़े कर रही है. क्या बिहार में समय पर होंगे विधानसभा चुनाव? क्या मोदी सरकार केंद्र में स्थिर रह पाएगी? क्या बिहार में सब ठीक है? 

अब आपको उन कार्यक्रमों के बारे में बताते हैं, जिनमें बीजेपी और जेडीयू के नेता नदारद दिखे. कहा यह भी जा रहा है कि चुनाव से एक साल पहले दोनों दलों की दूरी नुकसान पहुंचा सकती है और विपक्ष मजा लूट सकता है. 

19 सितंबर को पटना के बापू सभागार में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर एक प्रोग्राम होन था, जिसमें राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद थे. उन्होंने ही इसकी शुरुआत की. प्रोग्राम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन मौजूद थे. लेकिन जेडीयू का कोई नेता इसमें नजर नहीं आया. होने को तो मुख्यमंत्री को भी इस प्रोग्राम में शामिल होना चाहिए था. लेकिन वह भी नजर नहीं आए.

कार्यक्रमों में नजर नहीं आते मंत्री

इसी तारीख को एक कार्यक्रम और था, जो जेडीयू का था. इसमें सीएम नीतीश ने 4 एक्सप्रेसवे को लेकर हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी. इसमें योजना की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जानी थी. लेकिन विभाग के मंत्री और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ही बैठक में शामिल नहीं हुए.

दरअसल मुख्यमंत्री चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले लंबित कामों को पूरा कर लिया जाए ताकि जनता को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके. सीएम ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम पूरा कर लें. लेकिन इस दौरान मंत्री नितिन नवीन भी मौजूद नहीं थे. इस पर भी सवालियानिशान खड़े हो रहे हैं. 

यह भी पूछा जा रहा है कि क्या गठबंधन की दोनों पार्टियां अपने-अपने तरीके से सरकार चलाने की कोशिश कर रही हैं?

आखिर क्यों दोनों पार्टियों के नहीं मिल रहे दिल?

वहीं दो दिन पहले नवादा अग्निकांड के बाद नीतीश कुमार ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर एक अहम बैठक बुलाई. लेकिन इस बैठक में ना तो एडीजी मौजूद थे और ना ही मुख्य सचिव और डीजीपी. ना ही उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा नजर आए.

21 सितंबर को भी एक सरकारी कार्यक्रम में पर्यटन विभाग की कुछ योजनाओं की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा की, जिसमें मंत्री और बीजेपी नेता नीतीश मिश्रा गायब रहे. यानी अपने ही मंत्रालय की बैठक में वह सीएम के साथ मौजूद नहीं थे.

बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्तों में आई इस दरार से वाकिफ आरजेडी भी है. इसलिए तेजस्वी यादव लगातार इसे लेकर मुख्यमंत्री को घेर रहे हैं. जबकि राजद प्रवक्ता पाला बदलने की बात कहने लगे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक बेमेल गठबंधन का हिस्सा हैं. भले ही बीजेपी और जेडीयू के बीच मसला कोई भी हो. लेकिन बिहार की राजनीति को जानने वाले राज्य में अस्थिरता के माहौल की बात कहने लगे हैं. 

Trending news