Shivraj Singh Chouhan: साल 2018. मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने जोरदार जीत दर्ज की. पार्टी ने 114 सीटों पर कब्जा किया और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने. कमलनाथ के शपथग्रहण समारोह में शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे. शपथग्रहण की एक तस्वीर इतिहास में दर्ज हो गई है. इस तस्वीर में कमलनाथ के साथ शिवराज सिंह चौहान के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नजर आ रहे हैं. लेकिन, इस तस्वीर में फोकस शिवराज सिंह चौहान ही हैं. अगर, शिवराज सिंह चौहान इस बार भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं तो शपथग्रहण के दौरान एक बार फिर फोकस उन पर ही होगा.


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शिवराज सिंह चौहान ने जीत लिया दिल


साल 2018 के चुनाव में, मध्य प्रदेश में बीजेपी की हार हुई. पार्टी 230 में से सिर्फ 109 सीट ही जीत पाई. लेकिन, शिवराज सिंह चौहान के अंदाज ने लोगों का दिल जीत लिया था. कमलनाथ के शपथग्रहण समारोह में वो ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ का हाथ थामे नजर आए. शिवराज सिंह चौहान की इसी सहजता ने उनको एक बार फिर जनता के बीच लोकप्रिय नेता बना दिया.


2020 में गिर गई थी कमलनाथ की सरकार


साल 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटों पर कब्जा किया था. इसके बाद कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. वहीं, बीजेपी ने 230 में से 109 सीटों पर जीत हासिल की थी और वो कांग्रेस से सिर्फ 5 सीट ही पीछे थी. साल 2020 में कांग्रेस में बगावत शुरू हो गई और मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गई. फिर शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.


इस बार भी नहीं बदलेगा शिवराज सिंह चौहान का फ्रेम!


साल 2018 से 2023 चुनाव के नतीजे बिल्कुल अलग हैं. बीजेपी ने सारी अटकलों को तोड़ते हुए 163 सीटों पर कब्जा किया है. अगर, इस बार भी शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बनते हैं तो फ्रेम में वो एक बार फिर इसी अंदाज में नजर आ सकते हैं. हां, शायद उनके बगल में कमलनाथ ना दिखें. हालांकि, बीजेपी की जीत के बाद कमलनाथ भी सोमवार को सीएम हाउस पहुंचे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को जीत की बधाई दी. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो वह भी मुझे बधाई देने आए थे.


इस बार बीजेपी ने हासिल की दो-तिहाई बहुमत


मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में सभी 230 सीटों पर 17 नवंबर को वोट डाले गए थे. जनता ने जमकर वोट डाले और 76.22 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2018 से 0.59 प्रतिशत ज्यादा है. इसके बाद 3 दिसंबर को हुई वोटों की गिनती में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की. 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया. भाजपा ने 163 सीटों पर कब्जा किया, जबकि कांग्रेस पार्टी सिर्फ 66 सीटों पर ही सिमट गई. वहीं, एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी के खाते में गई.