Maharashtra Results: राज ठाकरे की MNS ने मुंबई में कैसे की उद्धव-आदित्य की मदद? अमित को क्यों नहीं जिता पाए
Maharashtra Assembly Election 2024 Results: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे ने दिखाया कि टकराव और सियासी दुरियों के बावजूद कैसे राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने मुबंई में उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना (यूबीटी) को बनाए रखने में मदद की. हालांकि, उन्हें रिटर्न गिफ्ट नहीं मिल सका और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे का चुनावी डेब्यू नाकाम रंग नहीं जमा सका.
How Raj Thackeray Helped Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में निराशाजनक प्रदर्शन करने के बावजूद राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने चुनावी नतीजों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. इससे शिवसेना (यूबीटी) के लिए ठाकरे परिवार के गढ़ कहे जाने वाले मुंबई पर नियंत्रण बनाए रखने का रास्ता साफ हो सका. यहां तक कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के वर्ली सीट से जीत सकने में भी मनसे का योगदान रहा.
राज ठाकरे की मदद ने आखिर कैसे बचाया उद्धव सेना का सियासी वजूद?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) द्वारा जीती गई 20 सीटों में से 10 सीटें मनसे उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त वोटों से कम अंतर से तय की गईं. यह योगदान उद्धव सेना को अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित हुआ. खासकर राजधानी मुंबई में, 10 में से आठ करीबी मुकाबले में शिवसेना (यूबीटी) जीत दर्ज कर सकी. वहीं, मुंबई के बाहर भी ऐसी दो सीटें रहीं, जहां मनसे के चलते उद्धव सेना को जीत मिल गई.
राज ठाकरे उम्मीदवार नहीं उतारते तो उद्धव को कितनी सीटें मिलतीं?
महाराष्ट्र में मुंबई समेत इन 10 सीटों पर अगर राज ठाकरे मनसे के उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में नहीं उतारते तो, नतीजे में शिवसेना (यूबीटी) की कुल सीटें घटकर आधी यानी महज 10 पर रुक जाती. साथ ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना और महायुति गठबंधन को महाराष्ट्र में 10 अतिरिक्त सीटें मिल जातीं. इन सीटों पर मनसे उम्मीदवारों ने एकनाथ शिंदे की शिवसेना के प्रत्याशियों के खासकर मराठी वोट काट लिए. इसके चलते उद्धव सेना को मुंबई में अपना किला बरकरार रख पाने में मदद मिल गई.
मनसे को मुंबई में नहीं मिल सका शिवसेना (यूबीटी) से कोई फायदा
मुंबई में माहिम, वर्ली, विक्रोली, जोगेश्वरी ईस्ट, दिंडोशी, वर्सोवा, कलीना, वांद्रे ईस्ट विधानसभा सीटों पर शिवसेना (यूबीटी) को मनसे की वजह से चुनावी जीत मिली. वहीं, मुंबई से बाहर वाणी और गुहागर सीट पर भी मनसे उम्मीदवारों ने सीधे तौर पर शिवसेना (यूबीटी) को फायदा पहुंचाया. हालांकि, मनसे को शिवसेना की वजह से कोई फायदा नहीं मिल सका. मुंबई पर ठाकरे परिवार का वर्चस्व खत्म नहीं होने देने में अपनी भूमिका निभाने वाले राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे मुंबई की माहिम सीट पर उद्धव सेना के उम्मीदवार ने हरा दिया.
मुंबई की राजनीति को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं 'ठाकरे' की चालें
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे के आकंड़े के मुताबिक देखें तो मनसे ने उद्धव सेना के लिए मुंबई में राजनीतिक स्थिति को बनाए रखने में एक बड़ी और निर्णायक भूमिका निभाई. महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे ने साफ कर दिया कि ठाकरे परिवार में आपसी रिश्ते जैसे भी हों, उनकी चालें सीधे तौर पर मुंबई की राजनीति को प्रभावित करती हैं. वहीं, आदित्य और अमित दोनों चचेरे भाइयों के लिए चुनावी सबक हमेशा याद रहने वाला है. आइए, मुंबई की आठ और उसके बाहर की दो मिलाकर उन सभी 10 सीटों के नतीजे जानते हैं, जिन पर उद्धव सेना को मनसे की वजह से जीत नसीब हो सकी.
मनसे के कारण आदित्य जीते, शिवसेना (यूबीटी) के चलते अमित की हार
मुंबई की सीटों में माहिम में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे चुनाव लड़े और 33,062 वोट हासिल किए. यहां उद्धव सेना के उम्मीदवार महेश सावंत ने शिवसेना के सदा सरवणकर को 1,316 वोटों के अंतर से हराया. अगर शिवसेना (यूबीटी) का उम्मीदवार नहीं होता तो अमित अपनी पहली चुनावी लड़ाई जीत सकते थे. वर्ली में आदित्य ठाकरे ने शिवसेना के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा को 8,801 वोटों से हराया. यहां मनसे उम्मीदवार संदीप देशपांडे ने 19,367 वोट हासिल किए थे. इसका मतलब, वर्ली से आदित्य ठाकरे की लगातार दूसरी जीत में मनसे की बड़ी भूमिका है.
मुंबई की बाकी सीटों पर मनसे ने कैसे की शिवसेना (यूबीटी) की मदद?
मुंबई की विक्रोली में उद्धव सेना के उम्मीदवार ने 66,093 वोट हासिल करने के बाद 15,526 वोटों से जीत हासिल की. मनसे उम्मीदवार को यहां 16,813 वोट मिले. जोगेश्वरी ईस्ट में शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार ने 77,044 वोट हासिल किए और 1,541 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. जबकि मनसे को 64,239 वोट मिले थे. डायडोची में जीत का अंतर 6,182 वोट था. शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार को 76,437 वोट मिले थे और मनसे कैंडिडेट ने 20,309 वोट हासिल किया था. वर्सोवा में शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार को 65,396 वोट मिले और वह 1,600 वोटों से जीता. मनसे उम्मीदवार ने यहां 6,752 वोट हासिल किए थे.
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शिवसेना (यूबीटी) की जीत के अंतर से ज्यादा मनसे ने काटे शिंदे के वोट
कलिना में शिवसेना (यूबीटी) को 59,820 वोट मिले और जीत का अंतर 5,008 वोट था. यहां भी मनसे ने शिंदे सेना के 6,062 वोट काटे थे. इसी तरह मुंबई की वांड्रे ईस्ट सीट पर यूबीटी उम्मीदवार ने 57,708 वोट पाकर 11,365 वोटों से जीत दर्ज की. इस सीट पर मनसे उम्मीदवार को 16,074 वोट मिले थे. वहीं, मुंबई के बाहर वानी विधानसभा सीट पर शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार को 94,618 वोट मिले और वह 15,560 वोटों से जीता. यहां भी मनसे उम्मीदवार को 21,977 वोट मिले थे. इसी तरह, गुहागर में जीत का अंतर 2,830 वोट था. शिवसेना (यूबीटी) को 71,241 वोट और मनसे को 6,712 वोट मिले थे.
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महाराष्ट्र चुनाव में कैसा रहा महायुति और महा विकास आघाड़ी का प्रदर्शन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा ने 149 सीटों पर चुनाव लड़कर 132 सीटें हासिल की. शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिलीं. वहीं, विपक्षी महा विकास आघाड़ी में कांग्रेस ने 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बावजूद महज 16 सीटों पर जीत दर्ज की. शिवसेना (यूबीटी) को 20 और एनसीपी (एसपी) को 10 सीटों पर जीत मिल सकी. इस तरह महायुति लगातार दूसरी बार सत्ता पर कब्जा बनाए रखने में कामयाब हो गई.
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