MP CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पहला सरकारी आदेश जारी होते ही सुर्खियों में शामिल हो गया. गृह विभाग ने धार्मिक स्थलों सहित अन्य जगहों पर अनियमित या अनियंत्रित यानी तय स्टैंडर्ड से ज्यादा लाउड स्पीकर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किए जाने के बारे में आदेश जारी किए। मुख्यमंत्री का चार्ज लेने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस मोहन यादव ने कहा कि खुले में मांस बेचने वालों पर कड़ाई बरती जाएगी. एमपी के सीएम मोहन यादव के बुलडोजर को आउट और लाउडस्पीकर डाउन वाले एक्शन को लोगों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राह पर चलने से जोड़ा. एमपी के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव के तेवर को लेकर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, लोगों ने इसको मानने में तेजी दिखाई है. राजधानी भोपाल में रियलिटी चेक में सामने आया है कि अशोक गार्डन इलाके स्थित मस्जिद से पहले 80 से 160 डेसीबल तक गूंजती लाउडस्पीकर की आवाज अब रिहायशी इलाकों में  तय मानक दिन में 55 डेसीबल और रात में 45 डेसीबल पर सेट हो गया है.


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सीएम मोहन यादव के पहले एक्शन पर ही भिड़ीं भाजपा-कांग्रेस


मध्य प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री मोहन यादव के कदम को 'सनातनी एजेंडा' बताया गया है. कांग्रेस के दो मुस्लिम विधायकों ने इन फैसलों को गैर-जरूरी करार दिया. एमएमए आरिफ मसूद ने सीएम के आदेश को ढोंग बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत गुमराह करने वाली है. वहीं, विधायक आतिफ अकील ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद सीएम का पहला आदेश एमपी की महिलाओं और युवाओं के लिए होना चाहिए था. इस तरह धार्मिक स्थलों पर पाबंदियां नहीं लगानी चाहिए. दूसरी ओर, भाजपा के फायर ब्रांड विधायक रामेश्वर शर्मा ने सीएम मोहन यादव के इस सख्त कदम का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पहले मंदिर के सामने जहां चाहे वहां अंडे और मांस की दुकानें खुल जाती थी. कांग्रेस को क्या सिर्फ मस्जिद के लाउडस्पीकर से मोहब्बत है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने स्वागत किया वहीं, कुछ ने गलत बताया. कुछ मुसलमानों का कहना है कि निर्णय अच्छा है और सभी धर्मों के मानने वाले के लिए है.


मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मध्य प्रदेश में मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे. सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर भी पोस्ट कर मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई दी थी. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा था, 'डॉ. मोहन यादव जी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की हार्दिक बधाई! मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में आप मध्य प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सफल होंगे.' वहीं मोहन यादव ने सीएम योगी का आभार जताया था.


लाउड स्पीकर पर सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की गाइडलाइंस क्या है


उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते साल ही ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को उतारने या तय सीमा में बजाने का आदेश दिया था. सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की गाइडलाइंस के मुताबिक रिहायशी इलाकों में दिन के समय 55 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए. वहीं, रात के समय 45 डेसीबल से ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए. धार्मिक स्थलों पर इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर इससे कहीं ज्यादा शोर पैदा करते हैं. एक स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक देश में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे जैसे धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज 110 डेसीबल या उससे ज्यादा होती है. ये शोर काफी खतरनाक साबित हो सकता है. 70 डेसीबल से ज्यादा तेज आवाज इंसानों में मानसिक बदलाव लाकर टेंशन बढ़ा सकती है. ये शोर हमारे शरीर की धमनियों में ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है. स्वास्थ्य के कई मामले में तेज शोर समस्या बढ़ा सकती है.


खुले में मांस बेचने को लेकर भी सख्ती, बिना इजाजत दुकान खोलने वाले पर कार्रवाई


यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी खुले में मांस और अंडे बेचने वालों पर सख्ती की है. उन्होंने कहा कि बिना इजाजत दुकान खोसने वालों पर कार्रवाई की जाए. सरकारी आदेशों में साफ कहा गया है कि तय नियमों के अनुसार यानी लाइसेंस लेकर ही यह कारोबार किया जा सकेगा. इसके बाद एमपी के कई शहरों में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आदेश पर अमल की शुरुआत कर दी है. इससे पहले यूपी में सीएम योगी ने अवैध बुचड़खाने के खिलाफ मुहिम चलाई थी. वहीं, धार्मिक स्थानों के पास और कांवड़ यात्रा के दौरान खुले में मांस-मछली और अंडे की दुकान बंद करने कहा था. सरकारी आदेश के मुताबिक तय लाइसेंस लेकर और सपाई का ध्यान रखते हुए ही इस तरह की दुकान खोली जा सकती है. तब इस आदेश को लेकर भी काफी सियासी बयानबाजियां सामने आई थीं.