Mumbai air quality: इधर राजधानी दिल्ली में तो शीतलहर के साथ-साथ प्रदूषण का प्रकोप चल ही रहा है, उधर सर्दियों की शुरुआत के साथ मुंबई के लोग भी सुबह-शाम हल्की ठंड और कम नमी वाले मौसम का अनुभव कर रहे हैं. वहां ठंडी हवाओं का चलना इन दिनों आम हो गया है. लेकिन इन सबके बीच शहर धुंध की चादर में लिपटा नजर आ रहा है. लगातार तीसरे दिन मुंबई की हवा की गुणवत्ता खराब रही, जहां शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स AQ  187 पर पहुंच गया, जो 'मध्यम' श्रेणी में आता है. इससे पहले मंगलवार को AQI 199 के साथ 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया था.


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धुंध के पीछे आखिर कारण क्या है.. 
दरअसल, मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मुंबई में कम नमी और तेज हवाओं की वजह से धुंध छाई हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस साइंसेज NIAS के गुफ़रान बेग ने बताया कि सामान्यतः मुंबई में नमी के कारण वायुमंडल में मौजूद छोटे कण पानी की बूंदों पर चिपक कर हवा को और खराब करते हैं. लेकिन इस समय नमी कम होने के कारण ये कण सतह से ऊपर उठकर वायुमंडल में फंस गए हैं. तेज ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज हवाएं इन प्रदूषक कणों को सतह से ऊपर ले जाती हैं, जहां वे 'इन्वर्शन लेयर' में अटक जाते हैं. यही कारण है कि जमीन से आसमान धुंधला दिखाई देता है.


क्या वहां के लोग हैं जिम्मेदार.. 
धुंध और खराब हवा के पीछे सिर्फ मौसम ही नहीं, बल्कि इंसानी गतिविधियां भी जिम्मेदार हैं. पर्यावरण विशेषज्ञ के अनुसार, खुले में कचरा जलाना, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, वाहनों का धुआं और औद्योगिक उत्सर्जन प्रमुख कारण हैं. निर्माण स्थलों पर नियमों का पालन न करना और वहां से गुजरने वाले ट्रकों से उड़ने वाले कण भी प्रदूषण बढ़ा रहे हैं.


नवी मुंबई और आस-पास के क्षेत्रों की स्थिति
मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) भी धुंध और प्रदूषण से अछूता नहीं है. नवी मुंबई जैसे क्षेत्रों में बड़े निर्माण कार्यों के दौरान नियमों का उल्लंघन और ट्रकों की भारी आवाजाही प्रदूषण को बढ़ा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि सख्त नियम लागू किए जाने की जरूरत है ताकि वायुमंडल को और खराब होने से बचाया जा सके.


वायु गुणवत्ता मापन में भी कमियां?
मुंबई में हवा की गुणवत्ता मापने वाले स्टेशनों की स्थिति भी सवालों के घेरे में है. कई स्टेशन हरित क्षेत्रों में स्थित हैं, जिससे पूरी मुंबई का सटीक चित्रण नहीं हो पाता. भारतीय मौसम विज्ञान संगठन के दिशानिर्देशों के अनुसार, मापन स्टेशनों को शहर के सभी क्षेत्रों में समान रूप से स्थापित होना चाहिए. हालांकि SAFAR प्रणाली मौजूद है, लेकिन इसका मोबाइल ऐप काम नहीं कर रहा है. इससे AQI के सही आकलन पर भी सवाल उठते हैं.


स्थिति सुधारने की जरूरत
शहर के नगर आयुक्त ने हाल ही में बताया कि अधिकांश उद्योग नियमों का पालन कर रहे हैं, लेकिन वाहनों और निर्माण गतिविधियों से उत्सर्जन बड़ी समस्या बने हुए हैं. शुक्रवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई के 30 में से 24 स्टेशनों ने AQI डेटा उपलब्ध कराया, जिनमें से आठ ने 200 से अधिक का 'खराब' AQI दर्ज किया. यह साफ है कि सख्त नियम और बेहतर जागरूकता के बिना मुंबई की हवा को साफ करना मुश्किल होगा. Photo: AI