Shahjahan Sheikh Sandeshkhali Row: बड़ी खबर है कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) से है. जहां TMC नेता शाहजहां शेख (Shah Jahan Sheikh) गिरफ्तार कर लिया गया है. बशीरहाट कोर्ट में आज शाहजहां शेख की पेशी होगी. 55 दिन से फरार चल रहा शेख शाहजहां आखिरकार पकड़ा गया. आपको बता दें कि शाहजहां शेख संदेशखाली में महिलाओं के साथ कथित गैंगरेप और यौन शोषण का आरोपी है. साथ ही राशन घोटाले को लेकर भी ED को उसकी तलाश थी. 55 दिन पहले जब ED की टीम शाहजहां से पूछताछ के लिए पहुंची थी, तब उसके समर्थकों ने टीम पर हमला किया था, जिसमें टीम के कई लोग घायल भी हो गए थे. बताया जाता है कि कभी बस कंडक्टर था. आइए जानते हैं कि शाहजहां शेख कैसे संदेशखाली में खौफ का किंग बना?


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गिरफ्तारी के बाद भी शाहजहां शेख की अकड़ कम नहीं


बता दें कि संदेशखाली के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के बाद लोकल महिलाओं ने जश्न मनाया. शाहजहां शेख 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. इसके बाद बेल पर तुरंत सुनवाई के लिए जब शाहजहां शेख का वकील हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने कहा कि उसे कस्टडी में ही रहने दो. हमें उससे हमदर्दी नहीं. उसके खिलाफ 43 केस पंडिंग हैं. हालांकि, गिरफ्तारी के बाद भी शाहजहां शेख की हेकड़ी कम नहीं हुई. बशीरहाट कोर्ट में जब उसे ले जाया जा रहा था तब वह सीना ताने दिखा.



सांसद-विधायक से भी ताकतवर है शाहजहां शेख


बता दें कि शाहजहां शेख संदेशखाली केस का मुख्य आरोपी है. पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उसे आखिरकार पकड़ लिया है. शाहजहां शेख की पहचान TMC के ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है पर उसका असली धंधा कुछ और है. बताया जाता है कि इलाके में किसी सांसद या विधायक से ज्यादा ताकतवर और लोकप्रिय शाहजहां है. इतना ही नहीं उसे 'भाई' भी कहा जाता है.


कभी ईंट भट्ठे पर मजदूर था शाहजहां शेख


लेकिन शाहजहां के लिए ये सब हमेशा से नहीं था. 2000 के दशक तक उसने कभी कंडक्टर का काम किया तो कभी सब्जियां बेचीं. शाहजहां शेख ने काम की शुरुआत मछली फॉर्म पर कार्मचारी के तौर पर की थी. फिर कुछ वक्त के लिए ईंट भट्ठे पर भी काम किया. लेकिन आज संदेशखाली के चारों तरफ फैला काला पानी शाहजहां का काला साम्राज्य है. नॉर्थ 24 परगना जिले में कई मछली फार्म पर उसका कब्जा है तो कई ईंट भट्टों और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का भी मालिक उसे बताया जाता है.


शाहजहां शेख कैसे कायम किया वर्चस्व?


शाहजहां शेख पर लगे आरोप 90 के दशक की फिल्मों में दिखाए जाने वाले गुंडों के आतंक की याद ताजा कर देते हैं. तो वहीं दूसरी तरफ संदेशखाली की गलियों से निकलकर बंगाल में काला साम्राज्य खड़ा करने की कहानी भी किसी फिल्म से कम नहीं है. 42 साल का शाहजहां शेख पश्चिम बंगाल में TMC की सरकार आने से पहले तक CPM के साथ था. कभी एक मजदूर रहे शाहजहां शेख ने इलाके में अपना वर्चस्व कायम करने में राजनीतिक रसूख की मदद ली, जिसमें वो अपने चाचा के दम पर दाखिल हुआ.


चाचा ने कराई थी सियासत में एंट्री


शाहजहां शेख के चाचा मोस्लेम शेख संदेशखाली में CPM के ताकतवर नेता थे. वो पंचायत प्रमुख भी रह चुके थे. चाचा की बदौलत ही शाहजहां की सियासत में एंट्री हुई. चाचा की देखरेख में शाहजहां ने पहले मछली का कारोबार संभाला. इसके बाद शाहजहां की शानो-शौकत बढ़ने लगी. अपने चाचा की मदद से उसने इलाके में अपनी पकड़ मजबूत कर ली.


TMC के करीब कैसे आया शाहजहां शेख?


2004 में शाहजहां शेख एक ईंट भट्ठे पर यूनियन लीडर बना. 2006 में वो CPI(M) में शामिल हो गया. 4 साल तक सत्ता पक्ष में रहने के बाद 2010 से वो TMC नेताओं के करीब आने लगा. 2011 में CPI(M) राज्य की सत्ता से बेदखल हो गई और ममता बनर्जी की अगुवाई में TMC की सरकार बनी. सत्ता बदलते ही शाहजहां ने भी अपना पाला बदल लिया और 2013 वो TMC में आ गया. TMC में आने के बाद शाहजहां शेख का कद और काले कारनामे भी बढ़ते गए. 2018 में शाहजहां सरबेरिया अगरहाटी ग्राम पंचायत का डिप्टी हेड बन गया.


शाहजहां के संदेशखाली का सुल्तान बनने की कहानी


सत्ता के दम पर उसने मछली पालन और जमीनों की खरीद फरोख्त के कारोबार में अपना दबदबा बढ़ाया. यहीं से शाहजहां संदेशखाली का सुल्तान बन गया. TMC के बैनर तले शाहजहां शेख अपनी ताकत में इजाफा करता गया. उसने धीरे-धीरे संपत्ति हासिल करके खुद की छवि एक रॉबिनहुड की बना ली. बताया जाता है कि शाहजहां ने अपने कारोबार के लिए इलाके के सैकड़ों बेरोजगार युवाओं को काम पर रखा. उन्हें मोबाइल और बाइक दिलाई. क्षेत्र में कुछ लोगों के लिए वो मसीहा बन गया तो वहीं कुछ लोगों के लिए खलनायक.


फूट गया शाहजहां शेख के पाप का घड़ा


यही वजह रही कि 2011 से 2024 तक संदेशखाली की महिलाएं शाहजहां शेख के आतंक को सहती रहीं और कुछ बोल नहीं पाईं. शाहजहां शेख सुर्खियों में तब आया जब राशन घोटाले के मामले में 5 जनवरी को उससे पूछताछ के लिए पहुंची ED की टीम पर हमला किया गया. उसी दिन से वो फरार था. ED की कार्रवाई के बाद ही संदेशखाली की महिलाओं में हिम्मत आई और उन्होंने शाहजहां शेख के काले कारनामों की एक-एक परत खोलकर रख दी और अब उसके काले साम्राज्य की परतें भी खुलने लगी हैं.


शाहजहां शेख की दौलत


शाहजहां शेख की संपत्ति कितनी है इसे लेकर भी तमाम सवाल हैं. पंचायत चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, शाहजहां शेख के पास 17 कारें हैं. 43 बीघा जमीन है. बैंक बैलेंस करीब 2 करोड़ रुपये का है और 2 करोड़ रुपये के ही गहने भी हैं. शाहजहां शेख अपना पेशा बिजनेस बताता है. हालांकि, लोगों का दावा है उसकी संपत्ति इससे काफी ज्यादा है. शाहजहां के ऊपर कई क्रिमिनल केस भी दर्ज हैं.