Spacewalk News: अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सबसे रोमांचक अनुभवों में से एक है - स्पेसवॉक. तमाम तकनीकी बाधाओं को पार करते हुए एस्ट्रोनॉट्स जब अंतरिक्ष में पहुंचते हैं, तो मुक्त अंतरिक्ष में सैर की इच्छा हिलोरें मारने लगती है. अभी तक केवल सरकारी एजेंसियों के एस्ट्रोनॉट्स ही स्पेसवॉक करते थे. 12 सितंबर, 2024 को पहली बार प्राइवेट स्पेसवॉक अंजाम दी गई. स्पेसएक्स के पोलारिस डॉन मिशन में सवार होकर अंतरिक्ष में पहुंचे अरबपति जेरेड इसाकमैन स्पेसवॉक करने वाले पहले गैर-पेशेवर व्यक्ति बने. उनके बाद, मिशन में शामिल सारा गिलिस ने भी स्पेसवॉक की. यह मिशन इसाकमैन ने फंड किया है.


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इतिहास की पहली प्राइवेट स्पेसवॉक का वीडियो


पोलारिस डॉन में चार लोगों का क्रू है जिसमें अन्ना मेनन, सारा गिलिस, स्कॉट पोटेट और जेरेड इसाकमैन शामिल हैं. इसाकमैन और गिलिस की स्पेसवॉक का धरती पर लाइव टेलीकास्ट किया गया. इसाकमैन और गिलिस 15 मिनट के अंतर पर व्हाइट ड्रैगन कैप्सूल से बाहर आए और नीचे मौजूद पृथ्वी से 435 मील (700 किमी) ऊपर तैरे. इसाकमैन सबसे पहले बाहर निकले. उन्होंने अपने अंगों, हाथों और पैरों को हिलाते हुए अपने सूट का टेस्ट किया. फिर वह हैच के अंदर वापस लौट आए. इसके बाद स्पेसएक्स के लिए काम करने वालीं गिलिस बाहर गईं.



स्पेसवॉक क्या है?


अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के मुताबिक, जब भी कोई एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में किसी यान से बाहर निकलता है, तो उसे स्पेसवॉक कहा जाता है. स्पेसवॉक को तकनीकी रूप से EVA कहा जाता है. EVA का मतलब है एक्स्ट्राव्हीक्यूलर एक्टिविटी.


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स्पेसवॉक कैसे करते हैं?


एस्ट्रोनॉट्स जब भी स्पेसवॉक पर जाते हैं तो सेफ्टी के लिए खास स्पेससूट पहनते हैं. स्पेससूट के भीतर सांस लेने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन होती है. जरूरत पर प्यास बुझाने के लिए पानी भी रहता है. एस्ट्रोनॉट्स स्पेसवॉक पर निकलने से घंटों पहले ही स्पेससूट पहन लेते हैं. ये सूट प्रेशराइज्ड होते हैं मतलब उनमें ऑक्सीजन भरी होती है. सूट पहनने के बाद, एस्ट्रोनॉट कुछ घंटों तक शुद्ध ऑक्सीजन में सांस लेते हैं. केवल ऑक्सीजन में सांस लेने से एस्ट्रोनॉट के शरीर में मौजूद सारा नाइट्रोजन बाहर निकल जाता है. अगर नाइट्रोजन से छुटकारा न पाया जाए तो स्पेसवॉक के दौरान एस्ट्रोनॉट के शरीर में गैस के बुलबुले बन सकते हैं.


पूरी तरह तैयार होने के बाद एस्ट्रोनॉट 'एयरलॉक' को खोलते हैं. इस एयरलॉक में दो दरवाजे होते हैं. जब एस्ट्रोनॉट यान के अंदर होते हैं, तो एयरलॉक एयरटाइट होता है, ताकि कोई हवा बाहर न जा सके. जब एस्ट्रोनॉट बाहर स्पेस में जाने के लिए तैयार होते हैं, तो वे पहले दरवाजे से गुजरते हैं और अपने पीछे उसे कसकर बंद कर लेते हैं. फिर वे अंतरिक्ष यान से कोई हवा बाहर निकले बिना दूसरा दरवाजा खोल सकते हैं. स्पेसवॉक के बाद, एस्ट्रोनॉट 'एयरलॉक' के जरिए वापस अंदर चले जाते हैं. स्पेसवॉक करते समय एस्ट्रोनॉट्स सेफ्टी टेदर के जरिए स्पेसक्राफ्ट से जुड़े रहते हैं.


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अंतरिक्ष में पहली बार चहलकदमी किसने की?


अंतरिक्ष में चहलकदमी करने वाले पहले व्यक्ति, रूस के एलेक्सी लियोनोव थे. उन्होंने 18 मार्च, 1965 को पहली स्पेसवॉक की थी. यह 10 मिनट लंबी थी. उसी साल जून में, एड व्हाइट अंतरिक्ष में चहलकदमी करने वाले पहले अमेरिकी बने. व्हाइट ने कुल 23 मिनट तक स्पेसवॉक की थी.



आजकल, स्पेसवॉक काफी लंबी चलती हैं. अब अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के बाहर स्पेसवॉक करते हैं. यह स्पेसवॉक काम के आधार पर पांच से आठ घंटे तक चलती है.


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सबसे ज्यादा बार स्पेसवॉक का रिकॉर्ड


सबसे ज्यादा बार स्पेसवॉक का रूसी अंतरिक्ष यात्री अनातोली सोलोवयेव के नाम है. वे 16 बार स्पेसवॉक कर चुके हैं. उनकी कुल स्पेसवॉक अंतरिक्ष में 82 घंटे से ज्यादा चली. नासा के चार अंतरिक्ष यात्रियों ने भी 10-10 स्पेसवॉक किए हैं. उनके नाम माइकल लोपेज़-एलेग्रिया, पैगी व्हिटसन, बॉब बेहनकेन और क्रिस कैसिडी हैं. इन चारों में से माइकल ने सबसे ज़्यादा समय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर बिताया. उनका कुल समय 67 घंटे से ज़्यादा है.


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