Vice President mimicry: शायद विपक्ष का समय खराब चल रहा है.. हर चाल उलटी पड़ जा रही है. भाजपा को घेरने के चक्कर में विपक्ष खुद ही भंवरजाल में फंसता जा रहा है. ताजा उदाहरण संसद का ही ले लीजिए. विपक्ष ने उपराष्ट्रपति से पंगा मोल लेकर खुद के लिए गड्ढा खोद लिया. इस गड्ढे को गहरा करने का काम अब भाजपा करेगी. संसद की सुरक्षा में चूक का मामला विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा था. मुद्दे को उछाला भी गया. लेकिन विपक्ष भूल गया कि संवैधानिक पद की एक गरिमा होती है और इसे तार-तार नहीं करना चाहिए. लेकिन विपक्ष ने ऐसा ही किया.. और अब स्थिति ये है कि विपक्ष भाजपा को घेरते-घेरते.. खुद घिर गया है.


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खुद के पैर पर मार ली कुल्हाड़ी..


संसद की सुरक्षा में चूक के मामले से तो आप वाकिफ होंगे. लेकिन सबसे ज्यादा करीब से इसे सांसदों ने देखा. जब पीला धुआं छोड़ते हुए दो युवकों ने पूरी संसद को दहशत में डाल दिया. इसके बाद देश की सबसे सुरक्षित इमारत पर सियासत शुरू हो गई. पूरे देश में विपक्ष ने इसे भाजपा को घेरने के लिए संवेदनशील मुद्दा बना दिया. भाजपा जब तक विपक्ष पर पलटवार करती तब तक विपक्ष ने ही भाजपा को नया मुद्दा दे दिया.  


डेरेक ओ-ब्रायन का हल्ला बोल


वार-पलटवार की कहानी फिर संसद आ पहुंची. लोकसभा में फैला धुआं टीएमसी नेताओं को ज्यादा हताहत किया था. इतना कि डेरेक ओ-ब्रायन, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से ही उलझ पड़े. पहले भड़के फिर हल्ला करते हुए सभापति के करीब वेल तक पहुंच गए. सभापति ने डेरेक को तुरंत सस्पेंड कर दिया. यहां से डेरेक का बीड़ा टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उठा लिया. उन्होंने विपक्ष की इज्जत पलीद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. संसद भवन में ही उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल करने लगे.


कल्याण बनर्जी की मिमिक्री


उन्होंने अपने साथ-साथ पूरे विपक्ष का मजाक बना दिया. संसद की गरिमा को तार-तार करने के लिए अब विपक्ष के 141 सांसद निलंबति हैं. भाजपा ने भी कल्याण बनर्जी की मिमिक्री को हाथों-हाथ लिया. संवैधानिक पद का मजाक उड़ाने के साथ-साथ भाजपा ने इस पूरे मुद्दे को जाट के अपमान से भी जोड़ दिया. विपक्ष पर जाट ही नहीं ओबीसी के अपमान का भी आरोप लगा दिया.


भाजपा ने कर दी ऐसी की तैसी


भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने यहां तक कह दिया कि विपक्ष ने राष्ट्रपति को भी अपमानित किया है. उन्हें इसलिए अपमानित किया गया क्योंकि वे अनुसूचित जनजाति से आतीं हैं. इसके बाद उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अपमान किया क्योंकि वे किसान पुत्र हैं और जाट समाज से आते हैं. उन्होंने पीएम मोदी के अपमान के मामले को भी ताजा कर दिया. जोशी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं थे तब उन्हें ओबीसी होने के लिए अपमानित किया गया, वे प्रधानमंत्री भी बन गए, तब भी उन्हें अपमानित किया गया. विपक्ष अब खुद घिर गया है.


विपक्ष खोज रहा काट..


इन सब के बीच राहुल गांधी ने भी कुछ ऐसा किया कि वे इस लड़ाई के पात्र बन गए. जब टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी उपराष्ट्रपति की मिमिक्री कर रहे थे तब राहुल उन्हें अपने फोन में कैप्चर कर रहे थे. न चाहते हुए भी संवैधानिक पद के अपमान के आरोप के छींटे राहुल पर भी पड़े. तीन राज्यों की हार के बाद यह तोहमत राहुल को भारी पड़ सकती है. वैसे मामला संजीदा होते देख विपक्ष ने डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू तो कर दी है. लेकिन लोकसभा चुनाव सिर पर होने के कारण भाजपा भी इस मुद्दे को ठंडा नहीं होने देना चाहेगी. विपक्ष के पास इसका कोई जवाब नहीं है. जाहिर है कि विपक्ष के उठाए मुद्दे से भाजपा को ही पॉलिटिकल माइलेज मिल रहा है.