IPC 420: आज 1 जुलाई को देशभर में नए आपराधिक कानून लागू हो चुके हैं. ब्रिटिश काल से चले आ रहे कानूनों को खत्म कर दिया गया. इनकी जगह तीन नए.. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने ले ली है. वहीं, आईपीसी (1860), सीआरपीसी (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है. नए कानून के लागू होते ही धाराएं भी बदल गईं... देश में अब नई धाराओं में ही मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा जिस धारा की हो रही है.. वो 420 है. लोग 420 को मिस कर रहे हैं. आइये जानते हैं इस धारा से जुड़ी यादों के बारें में.


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हर घर में बसता है 420!


धारा 420 की लोकप्रियता आज भी इस कदर है कि कोई न कोई किसी को इस वक्त 420 जरूर बोल रहा होगा. दोस्ती यारी.. यहां तक कि पैरेंटिंग में भी 420 धारा का धड़ल्ले से इस्तेमाल होता रहा है. आम बोलचाल में बोली जाने वाली ये सबसे ज्यादा लोकप्रिय धारा है. मजाकिया अंदाज में दोस्त अपने जिगरी यार को इस धारा, यानी 420 कहकर कभी न कभी जरूर पुकारे होंगे. गलती होने पर या कामचोरी सामने आने पर माता-पिता अपने बच्चों को भी 420 कह देते हैं. भारत के हर घर में 420 बसता है!


यहां देखें बदली हुई धाराएं...



420 की जगह अब धारा 318..


कानूनों के बदलाव के बाद अब ऐसा नहीं हो सकेगा. क्योंकि धारा 420 की जगह अब धारा 318 ने ले ली है. जिसे जुबान पर चढ़ने में लंबा वक्त लग जाएगा.. या यह भी हो सकता है कि 318 सिर्फ दस्तावेजी रह जाए.. मतलब इसका इस्तेमाल सिर्फ कानूनी प्रक्रिया में ही हो और आम बोलचाल में 420 का चलन जारी रहे.  


सिनेमा नहीं भूल पाएगा 420..


धारा 420 लोगों के बीच तो फेमस है ही.. लंबे समय से इसका दखल सिनेमा जगत में भी रहा है. यहां तक कि फिल्मों के शीर्षक में 420 का इस्तेमाल हो चुका है. 164 साल की इस धारा का बॉलीवुड में बरसों पहले ही प्रवेश हो चुका था. एक फिल्म आई थी 'श्री 420'.. 1955 में रिलीज हुई 'श्री 420' को राज कपूर ने निर्देशित और निर्मित किया था. इसमें राज कपूर, नर्गिस, और नादिरा ने लीड रोल निभाया था. 'श्री 420' 1955 की सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म थी. इस फिल्म का गाना "मेरा जूता है जापानी" आज भी लोग गुनगुनाते रहते हैं.



'श्री 420' की ही तरह 'चाची 420' भी


'श्री 420' की ही तरह आपको कमल हासन अभिनीत फिल्म 'चाची 420' भी जरूर याद होगी. इस फिल्म को भी उस वक्त खूब सराहना मिली थी. आज भी लोग इस फिल्म को देखना पसंद करते हैं. 1997 में रिलीज हुई 'चाची 420' के निर्माता और निर्देश कमल हासन ही थे. इसमें तब्बू, मीना, और जेमिनी गणेशन ने भी अहम रोल निभाया था. इस फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था. 'चाची 420' बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी. यह 1997 की सबसे अधिक कमाई करने वाली तमिल फिल्मों में से एक थी.



420 से जुड़ाव खत्म नहीं हो सकता..


ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आज के जमाने और पुराने जमाने के लोगों का 420 से जुड़ाव खत्म नहीं होने वाला है. यहां तक कि आने वाली पीढ़ी भी 420 का जिक्र जरूर करेगी. नए कानूनों के लागू होने के बाद 420 इतिहास जरूर बन चुका है लेकिन इस इतिहास की चर्चा आने वाले लंबे समय तक होती रहेगी. एक चर्चा यह भी हो रही है कि 420 के इतिहास बनने के बाद अब कहावतों को भी अपडेट करना होगा.


बना रहेगा 420 का बोलबाला


सोशल मीडिया पर 420 पर कही जाने वाली कहावतों पर लंबी बहस छिड़ी हुई है. लगों का कहना है कि धारा 420 की कमी खलेगी, जो हर किसी के दिमाग में अंदर तक घुस चुकी है. चालाक और धोखेबाज किस्म के लोगों पर यह धारा सटीक बैठती थी. लोग बोलचाल में कहते रहे हैं कि फला व्यक्ति तो 420 है. कभी-कभी माता-पिता डांटते वक्त कह दिया करते थे.. 'चारसौबीसी मत करो'. नए कानूनों के आने के बाद धारा 420 के खत्म होने के साथ ही एक युग का भी अंत हो गया है. ये भी कहना गलत नहीं होगा कि लोगों के जहन में घुस चुकी धारा 420 की जगह 318 नहीं ले सकेगी. 318 बोलचाल में उतनी फेमस नहीं हो पाएगी.. जितनी 420 है. कागजों में.. कानून प्रक्रिया में 318 ने 420 की जगह जरूर ले ली है लेकिन बोलचाल में 420 का बोलबाला हमेशा बना रहने वाला है.