Deepfake Video: सचिन तेंदुलकर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से Viral हो रहा है जिसमें वो एक App का प्रमोशन करते हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि इस वीडियो की असलियत कुछ और ही है. दरअसल सोशल मीडिया पर तेजी से स्प्रेड हो रहे वीडियो की सच्चाई किसी के भी होश उड़ा सकती है. दरअसल इस वीडियो में दिखाई दे रहा शख्स असल में सचिन तेंदुलकर नहीं है. असल में ये एक Deepfake वीडियो है जिसे देखने के बाद खुद सचिन तेंदुलकर भी हैरान हैं और डरे हुए हैं, उन्होंने इस वीडियो को रिपोर्ट करने की मांग तक कर डाली है. 


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क्या होता है डीपफेक वीडियो 


Deepfake वीडियो एक ऐसी तकनीक है जिससे किसी भी व्यक्ति के चेहरे को किसी दूसरे व्यक्ति के चेहरे से बदला जा सकता है. यह तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का इस्तेमाल करती है.


क्यों डरे हुए हैं सेलेब्रिटीज 


Deepfake वीडियो बनाने के लिए, पहले किसी व्यक्ति के चेहरे के कई अलग-अलग वीडियो और तस्वीरों को कलेक्ट किया जाता है, फिर, इन वीडियो और तस्वीरों को AI और ML का इस्तेमाल करके एक मॉडल बनाया जाता है. इस मॉडल को किसी दूसरे व्यक्ति के चेहरे के वीडियो या तस्वीर के साथ इस्तेमाल किया जाता है. इससे उस व्यक्ति के चेहरे को किसी दूसरे व्यक्ति के चेहरे से बदला जा सकता है.


Deepfake वीडियो का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल मनोरंजन के लिए किया जा सकता है, जैसे कि किसी फिल्म या टीवी शो में किसी व्यक्ति के चेहरे को बदलना. इसका इस्तेमाल राजनीति में भी किया जा सकता है, जैसे कि किसी नेता के चेहरे को किसी विवादित बयान देते हुए दिखाना. इसका इस्तेमाल किसी शख्स या किसी संस्था को बदनाम करने के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि किसी व्यक्ति के चेहरे को किसी अपराध करते हुए दिखाना. हाल ही में साउथ ऐक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर आ गया था जिसके बाद भारत सरकार अलर्ट मोड पर आ गई थी, अब सचिन तेंदुलकर का वीडियो सोशल मीडिया पर आने से सेलेब्रिटीज के बीच हड़कंप मचा हुआ है.


Deepfake वीडियो एक खतरनाक तकनीक हो सकती है. इसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाने या उसे बदनाम करने के लिए किया जा सकता है। इसलिए, Deepfake वीडियो को पहचानना और उसकी पहचान करना महत्वपूर्ण है.


Deepfake वीडियो को कैसे पहचाना जा सकता है? 


Deepfake वीडियो को पहचानने के लिए कई तरीके हैं जिनके बारे में आपको भी जान लेना चाहिए, ये तरीके आपको ये फर्जी वीडियो पहचानने में मदद कर सकते हैं. 


चेहरे के हावभाव और भावों पर ध्यान दें


Deepfake वीडियो में चेहरे के हावभाव और भाव प्राकृतिक नहीं लग सकते हैं. उदाहरण के लिए, चेहरे के भाव अचानक बदल सकते हैं, या चेहरे की मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है. इसके अलावा, चेहरे के हावभाव और भाव वीडियो के कॉन्टेक्स्ट के अनुरूप नहीं हो सकते हैं.


वीडियो की गुणवत्ता पर ध्यान दें


Deepfake वीडियो की गुणवत्ता अक्सर खराब होती है. वीडियो में धुंधलापन, झिलमिलाहट, या रंग की असमानता हो सकती है. इसके अलावा, वीडियो में अजीब दिखने वाले दृश्य हो सकते हैं, जैसे कि किसी व्यक्ति का मुंह बिना किसी कारण के हिलना.


वीडियो के कॉन्टेक्स्ट पर ध्यान दें


वीडियो की कहानी संभव है या नहीं, इस पर ध्यान दें. उदाहरण के लिए, क्या यह संभव है कि कोई नेता किसी विवादित बयान दे रहा हो, या कोई व्यक्ति किसी अपराध कर रहा हो? यदि वीडियो की कहानी संभव नहीं लगती है, तो यह एक Deepfake हो सकता है.


Deepfake वीडियो की पहचान करने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग करें


कुछ कंपनियां Deepfake वीडियो की पहचान करने के लिए सॉफ्टवेयर प्रदान करती हैं. यह सॉफ्टवेयर चेहरे के हावभाव और भावों, वीडियो की गुणवत्ता, और वीडियो के कॉन्टेक्स्ट का विश्लेषण करके Deepfake वीडियो की पहचान करने में मदद करता है.