सोमालिया के लुटेरे कौन हैं.. कहां से आए, किसके लिए हैं सबसे बड़ी मुसीबत?
Somalia: इसको समझने के लिए दो नजरिए को देखने की जरूरत है. ऐसा पहली बार नहीं है कि सोमालिया तट के पास में किसी जहाज को अगवा किया गया है. पहले भी ऐसी खबरें आती रही हैं.
Pirates Of Somalia: सोमालिया तट पर भारतीय नौसेना ने एक मालवाहक जहाज में फंसे 15 भारतीय नागरिकों समेत कुल 21 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. ये तब फंस गए थे जब जहाज पर सोमालिया के लुटेरों ने हमला बोल दिया और सबको बंधक बना लिया था. इसके लिए भारतीय नौसेना का जंगी जहाज आईएनएस चेन्नई अगवा किए गए जहाज एमवी लीला नोरफोक के पास सोमालिया तट के पास पहुंच गया, इसके साथ में मरीन कमांडो मार्कोस को भी भेजा गया और उनके पहुंचते ही डाकुओं ने हथियार डाल दिया और भाग खड़े हुए. आइए जानते हैं कि सोमालिया के डाकू कौन हैं और कहां से आते रहते हैं. कस्को इनसे ज्यादा नुकसान है. क्योंकि लंबे समय से सोमालिया के डाकू चर्चा में रहते हैं.
कहां से आए सोमालिया के डाकू
असल में सोमालिया वो मुल्क है...जहां समंदर में बड़ी तादाद में मछलियां हैं. 1990 तक इसकी अर्थव्यवस्था मछलियों से ही चलती थी. तब यहां समुद्री लुटेरों का कोई खौफ नहीं था. ज्यादातर लोग मछली का व्यापार करते थे, फिर अचानक सिविल वॉर शुरू हो गया. सरकार और नौसेना नहीं रही...इसका फायदा विदेशी कंपनियों ने उठाया. सोमालिया के लोग छोटी नावों में मछली पकड़ते थे. उनके सामने विदेशी कंपनियों के बड़े-बड़े ट्रॉलर आकर खड़े हो गए. लोगों का रोजगार छिनने लगा. इससे परेशान होकर 1990 के बाद इस देश के लोगों ने हथियार उठा लिए और समुद्री लुटेरे बन गए. हालांकि यह भी कहा जाता है कि जब से समुद्री व्यापार शुरू हुआ है, उसी वक्त से लुटेरे भी सक्रिय हो गए थे. हालांकि उस वक्त ये किसी न किसी देश की सेना से जुड़े होते थे. इसलिए इनको दोनों नजरिए से देखने की जरूरत है.
कैसे मचाते हैं लूटपाट
ये समुद्री लुटेरे मालवाहक जहाजों का बड़ा जखीरा देखकर सोमालिया कोस्ट के पास ही हमला बोल देते हैं. मछुआरे से लुटेरे बने लोगों ने उन जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया, जो यहां से गुजरते हैं. जहाज छोड़ने के बदले वो फिरौती लेने लगे. ऐसा माना जाता है कि सोमालिया के इलाके से गुजरने वाला कोई भी शिप लुटेरों के आतंक से नहीं बच सकता. ये लुटेरे पहले जहाज पर कब्जा करते हैं और फिर संबंधित देश से उसे छोड़ने के नाम पर फिरौती मांगते हैं. ये उनके लिए बड़ी मुसीबत हैं जिनके सामानों की आवाजाही उस मार्ग से होती रहती है जहां ये पाए जाते हैं.
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
ऐसा पहली बार नहीं है कि सोमालिया तट के पास में किसी जहाज को अगवा किया गया है. पहले भी ऐसी खबरें आती रही हैं. सोमालिया के समुद्री डाकुओं का हिंद महासागर में काफी आतंकी हुआ करता था. हालांकि, वे जहाज से कोई सामान चोरी नहीं करते थे, लेकिन उनका मकसद व्यापारी जहाजों को अगवा कर उन्हें छोड़ने के बदले कंपनियों से बड़ी रकम वसूल करना होता है.
कई देशों को दे चुके हैं चुनौती
समुद्री लुटेरों का आतंक काफी फैला हुआ है. 2009 में लुटेरों ने अमेरिकी कंपनी मर्स्क ऐलाबामा का जहाज अगवा कर लिया था. इस जहाज में यूएन की राहत सामग्री थी जो युगांडा, केन्या आदि में जानी थी. लुटेरों ने इस जहाज के कप्तान फिलिप्स को भी अगवा कर लिया था. बाद में अमेरिकी नौसेना ने ऑपरेशन कर तीन लुटेरों को मार गिराया था और कैप्टन को बचा लिया था. 2017 में हिंद महासागर ने एक ऑयल टैंकर और एक कारगो शिप पर भी इन्होंने कब्जा कर लिया था.