Punjab Politics: `ओए गुरु` क्या बीजेपी में आने वाले हैं...? नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर पंजाब में क्यों गर्म है चर्चा का बाजार
Navjot Singh Sidhu News: पंजाब कांग्रेस (Congress) की प्रदेश चुनाव समिति बैठक में शामिल नहीं होने पर नवजोत सिंह सिद्धू को कारण बताओ नोटिस का सामना करना पड़ रहा है. इसके बाद नवजोत सिद्धू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, `ये दबदबा, ये हकूमत, ये नशा, ये दौलत! सब किरायेदार हैं, मकान बदलते रहते हैं!`
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस के लिए पंजाब में एक बार फिर सियासी मुश्किल बढ़ सकती है. पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पार्टी छोड़ने की सियासी अटकलें तेज हो गई हैं. इसके साथ ही पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर बेहद हमलावर सिद्धू के भाजपा (BJP) में लौटने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.
पंजाब कांग्रेस की बैठक में शामिल नहीं होने पर सिद्धू को कारण बताओ नोटिस
पंजाब कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति बैठक में शामिल नहीं होने पर सिद्धू को कारण बताओ नोटिस का सामना करना पड़ रहा है. इसके बाद सिद्धू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ये दबदबा, ये हकूमत, ये नशा, ये दौलत! सब किरायेदार हैं, मकान बदलते रहते हैं! इसके बाद एक बार फिर से सिद्धू के कांग्रेस (Congress) छोड़ने और भाजपा में लौटने की सियासी अटकलें तेज हो गई हैं. आइए, जानते हैं कि सिद्धू को लेकर पंजाब में चर्चा का बाजार क्यों गर्म है और इसके क्या आधार हैं ?
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष से ज्यादा प्रदेश भाजपा प्रमुख से दोस्ती दिखा रहे नवजोत सिद्धू
कांग्रेस आलाकमान के साथ भी लंबे समय से नहीं दिखे नवजोत सिंह सिद्धू के पुराने दोस्त पूर्व कांग्रेसी नेता सुनील जाखड़ के हाथों में ही इन दिनों पंजाब भाजपा की कमान है. वहीं, पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति (PPCC) के मौजूदा अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से नवजोत सिंह सिद्धू के रिश्ते ठीक नहीं बताए जा रहे हैं. इसके अलावा काफी समय से पंजाब कांग्रेस की बैठकों में नवजोत सिंह सिद्धू हिस्सा नहीं ले रहे हैं. हालांकि, उन्होंने आप पर हमला करना नहीं छोड़ा है. इसके बाद चर्चा होने लगी है कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू फिर से भाजपा में लौटने के रास्ते तलाश रहे हैं?
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले AAP पर हमलावर सिद्धू भाजपा के लिए नरम
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. वहीं, कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है. लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी सरकार को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए बने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में दोनों दल साथ हैं, मगर पंजाब में सीएम भगवंत मान ने सभी 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. इसके बाद पंजाब में दोनों दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बरकरार है. इस बीच पंजाब में आप सरकार पर हमलावर लेकिन भाजपा पर नरम नवजोत सिंह सिद्धू ने 1 फरवरी को पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के चार पूर्व अध्यक्षों के साथ बैठक की थी.
पंजाब कांग्रेस के समानांतर मीटिंग कर नवजोत सिंह सिद्धू ने किया शक्ति प्रदर्शन
पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख रह चुके नवजोत सिंह सिद्धू इसी दिन हुई पंजाब कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में नहीं गए थे. बैठक में बुलाने के लिए पंजाब कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव की चिट्ठी, फोन और मैसेज का भी नवजोत सिंह सिद्धू ने कोई जवाब नहीं दिया था. इससे अलग पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों के साथ बैठक कर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया पर उसकी फोटो भी पोस्ट कर दी. बैठक से एक दिन पहले भी सिद्धू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा था, 'हुनर होगा तो दुनिया कद्र करेगी, एड़ियां उठाने से किरदार ऊँचे नहीं होते.' इसके बाद पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू की अपनी अलग खिचड़ी पकाने को लेकर चर्चा तेज हो गई.
मल्लिकार्जुन खरगे की समराला रैली के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पर हो सकती है कार्रवाई
कांग्रेस की अहम बैठक में शामिल नहीं होने और अलग बैठक करने के बाद कांग्रेस की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था. नवजोत सिंह सिद्धू के शक्ति प्रदर्शन को लेकर आनुशासनिक कार्रवाई के लिए पंजाब कांग्रेस के पदाधिकारियों ने पार्टी आलाकमान को चिट्ठी लिखी है. क्योंकि इससे पहले मोगा में सिद्धू के समर्थन में बिना पार्टी से इजाजत लिए रैली करने वाले दो नेताओं महेशिंदर सिंह और उनके बेटे धर्मपाल सिंह के खिलाफ कांग्रेस कार्रवाई कर चुकी है.
पंजाब के समराला में 11 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे रैली करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस रैली के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पर सख्त एक्शन लिया जा सकता है. हालांकि, चर्चा यह भी है कि नवजोत सिंह सिद्धू इससे पहले ही अपना अगला राजनीतिक कदम बढ़ा सकते हैं.