नई दिल्ली: नवरात्र में नौ दिन का व्रत रखना आसान नहीं होता और अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो फास्ट रखने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर कर लें. गर्भावस्था को मां के लिए एक तपस्या माना जाता है इसलिए इस दौरान किसी भी व्रत को करना जरूरी नहीं होता है. मां और बच्चे के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसे सही नहीं माना जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान का पूरा ध्यान रखना ही मां की अहम जिम्मेदारी मानी गई है. लेकिन अगर आप अपनी डाइट को सुधारने और अपनी धार्मिक मान्यताओं की तसल्ली के लिए व्रत रखना चाहती हैं तो इसे करने में कोई बुराई नहीं है.


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गर्भावस्था के दौरान व्रत कैसे करें और किन-किन बातों का रखें ध्यान एक बार उस पर नजर जरूर डाल लें. 


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एक टाइम अच्छे से खाना खाएं 
अगर आपको खून की कमी है तो उन्हें व्रत के दौरान आयरन की भरपूर मात्रा का सेवन करना चाहिए ताकी आपके शरीर में कमजोरी न आए. शास्त्रों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को एक समय का भोजन करने का विधान है. इसीलिए अपने एक टाइम के खाने में विटामिन से भरपूर हरी पत्तियों, फल और दूध का सेवन भरपूर मात्रा में करें.


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दूध की मात्रा बढ़ा दें 
व्रत के दौरान कैल्शियम की जरूरत को पूरा करने के लिए दिन में दो से तीन बार दूध पिएं. दूध कैल्शियम का स्रोत तो है ही साथ ही यह आपके शरीर में एनर्जी बनाएं रखने में भी मदद करता है. प्रेग्नेंसी में व्रत रखने का एक फायदा ये है कि इस दौरान उबला और सात्विक खाना मां और बच्चे की सेहत के लिए अच्छा रहता है.



दवाओं का ध्यान रखें 
इस दौरान अपनी जरूरी दवाईयों का सेवन समय पर करते रहना भी आपकी जिम्मेदारी है. व्रत के दौरान ज्यादा तली-भुनी चीजों को खाने से बचें. पानी की भरपूर मात्रा का सेवन करें ताकी आपके शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते रहें. गर्भावस्था के दौरान निर्जला व्रत न करें. एक साथ खूब सारा पानी पीने के बजाए दिन में कई बार नींबू पानी पिएं, नारियल पानी या फलों का जूस लें. गर्भवती महिलाओं को व्रत के दौरान चाय, कॉफी का सेवन बहुत अधिक नहीं करना चाहिए.