आपके मस्तिष्क को स्वस्थ और तेज रखने के लिए आप क्या खाते हैं? वैज्ञानिकों का कहना है कि मछली आपके आहार में शामिल करने के लिए एक बेहतरीन भोजन है, खासकर वसायुक्त मछली. ये मछलियां ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो मस्तिष्क के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.


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2021 की एक रिसर्च के अनुसार, कुछ मछलियों को ब्रेन हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद माना गया है. शोधकर्ता बताते हैं कि ऐसा इसलिए है क्योंकि इंसान का ब्रेन ज्यादातर वसा से बना है. इसमें फैटी एसिड डीएचए, विशेष रूप से उच्च मात्रा में पाया जाता है. यह फैट हमारे मस्तिष्क के ऊतकों में कोशिका झिल्ली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और तंत्रिका स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होता है, जिससे पूरे शरीर में संकेतों को सुचारू रूप से प्रवाहित करने में मदद मिलती है. ऐसे में यदि आप अपने ब्रेन को लंबे समय तक हेल्दी रखना चाहते हैं तो यह मछलियों को डाइट में शामिल करना शुरू कर दीजिए-



हेरिंग

हेरिंग एक छोटी मछली है, जिसका मतलब है कि यह खाद्य श्रृंखला में कम है और इसमें कम पारा होता है. हेरिंग में ओमेगा-3 फैटी एसिड ईपीए और डीएचए की मात्रा अधिक होती है, जो सीखने और याददाश्त को बढ़ावा देने में मदद करती है. ऐसे में डिमेंशिया की बीमारी से बचाव में यह मछली काफी मददगार होती है.


मैकेरल

मैकेरल हेरिंग के समान है, यह एक छोटी मछली है जिसमे ओमेगा-3 ईपीए और डीएचए की मात्रा अधिक होती है. 100 ग्राम मैकरेल में 898 ईपीए और 1400 डीएचए होता है. इससे ब्रेन के सभी हिस्से को अपने फंक्शन को करने में सपोर्ट मिलता है.  


सैमन
 
सैमन ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ-साथ विटामिन डी, विटामिन ई और कई बी विटामिनों का एक अच्छा स्रोत है. इसे खाने से ब्रेन को सही तरह से फंक्शन करने में मदद मिलती है. साथ ही कई बीमारियों का जोखिम भी कम होता है.


सार्डिन

सार्डिन छोटी मछली होती हैं जिनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा बहुत अधिक होती है. अपेक्षाकृत सस्ती होने के कारण इन्हें मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक किफायती विकल्प भी माना जाता है. 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सार्डिन एंटी-इंफ्लेमेटरी, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम और जिंक से भरपुर होता है जो इसे दिमाग के साथ दिल के लिए भी फायदेमंद बनाता है. 


टूना 

टूना एक और लोकप्रिय मछली है जो ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ प्रकार के टूना में पारा का स्तर अधिक हो सकता है. इसलिए अलबाकोर टूना जैसे कम पारा वाली मछलियों को चुनना सबसे अच्छा है.

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आहार में इन मछलियों को शामिल करने के टिप्स


वैज्ञानिक सप्ताह में कम से कम दो बार फैटी मछली खाने की सलाह देते हैं.
खाना पकाने के स्वस्थ तरीकों का उपयोग करें, जैसे कि ग्रिलिंग, बेकिंग या स्टीमिंग.
गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और छोटे बच्चों को किंग मछली, शार्क, स्वोर्डफ़िश जैसी उच्च पारा वाली मछलियों से बचना चाहिए.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.