नई दिल्ली: अमेरिका अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सदस्य नहीं रहा. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) सरकार ने WHO को इस बाबत अपना फैसला भेज दिया है. ये WHO और अन्य देशों के लिए जबरदस्त झटका हो सकता है. बताते चलें कि ट्रंप सरकार ने कोरोना वायरस मामले में आरोप लगाया था कि WHO चीन के अधीन काम काम रहा है. साथ ही अप्रैल महीने से अमेरिकी सरकार ने WHO को फंडिंग देना भी बंद कर दिया था.


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अमेरिकी मीडिया के मुताबिक ट्रंप सरकार ने WHO से अपनी सदस्यता (Membership) वापस लेने से संबंधित पत्र भेज दिया है. 6 जुलाई, 2021 के बाद अमेरिका WHO का सदस्य नहीं रह जाएगा. 1984 में तय नियमों के तहत किसी भी सदस्यता वापस लेने के साल भर बाद ही देश को WHO से निकाला जाता है. इसके अलावा अमेरिका को WHO के सभी बकाए चुकाने होंगे.


अमेरिकी सिनेटर रॉबर्ट मेनेन्डेज ने ट्विट करके इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिका द्वारा WHO से अलग होने संबंधि सूचना प्राप्त हुई है. ट्रंप सरकार के इस फैसले से अमेरिका बीमार और अकेला पड़ जाएगा.


 



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बताते चलें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल महीने में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने की घोषणा कर दी थी. WHO को दिए जाने वाले अनुदान राशि को भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया था. अमेरिका का आरोप है कि चीन में कोरोना वायरस की पहचान और उसे महामारी घोषित करने में WHO ने जानबूझकर देरी की. साथ ही अब WHO चीनी सरकार के इशारों पर काम करने लगा है.


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