एंग्जाइटी एक मेंटल डिसऑर्डर है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एंग्जाइटी का शिकार व्यक्ति अत्यधिक भय और चिंता और इससे संबंधित गड़बड़ी का अनुभव कर सकता है. यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो इसका परिणाम काफी संकट या कामकाज में महत्वपूर्ण हानि हो सकती है. ऐसे में, लक्षणों की पहचान करना और प्राथमिकता के आधार पर डॉक्टर से परामर्श करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. अक्सर तनाव से भ्रमित होने पर, यह समझना जरूरी है कि तनाव ज्यादातर बाहरी होता है, जबकि एंग्जाइटी मुख्य रूप से आंतरिक होती है.


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हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, पोषक तत्वों की कमी से एंग्जाइटी का लेवल प्रभावित हो सकता है. यदि आप एंग्जाइटी से पीड़ित है तो अपनी डाइट में ये पांच पोषक तत्वों को शामिल करना सुनिश्चित करें. आइए जानते हैं कि वो 5 पोषक तत्वों कौन-कौन से हैं?


1. विटामिन डी और के
आपके शरीर में इन विटामिन की कमी नहीं होनी चाहिए, विशेष रूप से k2 और d3. ये उन लोगों के लिए जरूरी है जो ऐसी लाइफस्टाइल जीते है या ऐसी जगह रहते हैं जहां उन्हें पर्याप्त मात्रा में धूप नहीं मिलती है.


2. जिंक और कॉपर
कम जिंक और ज्यादा कॉपर का लेवल एंग्जाइटी में योगदान कर सकता है. जिंक और कॉपर का सामान्य रेंज जानने के लिए टेस्ट करवाएं.


3. मैग्नीशियम
शरीर में मैग्नीशियम का कम लेवल एंग्जाइटी और डिप्रेशन से लिंक है. अगर आपका मैग्नीशियम लेवल कर है तो आप सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं.


4. ओमेगा 3 फैटी एसिड
ओमेगा 3 फैटी एसिड के कारण भी एंग्जाइटी लेवल ट्रिगर होता है.  सैल्मन, मैकेरल, टूना, हेरिंग और सार्डिन जैसी मछली, अलसी के बीज, चिया सीड्स, अखरोट, अलसी का तेल, सोयाबीन का तेल और कनोला का तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है.


5. बी कॉम्प्लेक्स
ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनकी आपको अपने सेरोटोनिन, डोपामाइन और अन्य न्यूरोट्रांसमीटर हार्मोन बनाने में सक्षम है. बी कॉम्प्लेक्स उनमें से एक आवश्यक है.


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