मेनोपॉज के बाद महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है. पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस दौरान महिलाओं के दिल और ब्लड वेसेल्स की सेहत को बेहतर बनाने के लिए चुकंदर के जूस पर अध्ययन किया. शोध में पाया गया कि रोजाना चुकंदर का जूस पीने से ब्लड वेसेल्स का काम बेहतर हो सकता है, जिससे भविष्य में दिल की बीमारी का खतरा कम हो सकता है.


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चुकंदर के जूस में हाई मात्रा में नाइट्रेट पाया जाता है, जो शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित कर देता है. नाइट्रिक ऑक्साइड ब्लड वेसेल्स को फैलाने में मदद करता है, जिससे ब्लड सर्कुलेटरी सिस्टम में खून का फ्लो आसान हो जाता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, नाइट्रिक ऑक्साइड की ब्लड वेसेल्स को चौड़ा करने की क्षमता खून का फ्लो और ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सीमित होने की अवधि के दौरान विशेष रूप से मददगार होती है, जैसे कि दिल का दौरा पड़ना.


24 महिलाओं पर हुआ अध्ययन
डेविड प्रॉक्टर और जॉसलिन डेलगाडो स्पीकूजा के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने यह अध्ययन किया. अध्ययन में 50 और 60 के दशक की 24 मेनोपॉज महिलाओं को शामिल किया गया. इन महिलाओं को एक हफ्ते के लिए रोजाना चुकंदर के जूस की मात्रा दी गई. कुछ हफ्तों बाद प्रतिभागियों को नाइट्रेट रहित चुकंदर का जूस पिलाया गया. शोधकर्ताओं ने यह नहीं बताया कि उन्हें कौन सा जूस दिया जा रहा है.


नाइट्रेट रिच चुकंदर का जूस
अध्ययन के परिणामों से पता चला कि नाइट्रेट रिच चुकंदर का जूस पीने से ब्लड वेसेल्स का काम बेहतर हुआ. शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि मेनोपॉज के बाद के वर्षों में ब्लड वेसेल्स के काम में यह सुधार बना रहता है, तो इससे दिल की बीमारी का खतरा काफी कम हो सकता है. हालांकि चुकंदर के जूस के लंबे समय तक सेहत के फायदों पर अभी तक अध्ययन नहीं किया गया है.


शोधकर्ताओं का क्या कहना?
शोधकर्ताओं का कहना है कि चुकंदर के जूस का सेवन मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ब्लड वेसेल्स के सेहत की रक्षा करने में बहुत उपयोगी हो सकता है. अध्ययन में शामिल महिलाओं को चुकंदर के जूस का सेवन जारी रखने की इच्छा दिखी. अध्ययन के नतीजे यह बताते हैं कि चुकंदर का जूस लाखों महिलाओं के लिए उम्र बढ़ने के साथ ब्लड वेसेल्स के सेहत को बेहतर बनाने में मददगार हो सकता है.