Benefits of Sarvangasana: महिला हो या पुरुष रोज करें इस 1 आसन का अभ्यास, मिलेंगे यह 9 जबरदस्त फायदे
Benefits of Sarvangasana: सर्वांगासन पुरुष और महिला दोनों के लिए बेहद फायदेमंद है. इसके नियमित अभ्यास से हमें कई शारीरिक फायदे मिलते हैं. जानिए इसे करने की विधि
Benefits of Sarvangasana: योगा का जीवन में अपना महत्व है. कहा जाता है कि जिनसे योग को अपना लिया वो हमेशा निरोग रहता है. भागदौड़ भरी इस जिंदगी में अगर आपको फिट और स्वस्थ रहना है तो योग एक बेहतर विकल्प है. आप नियमित योग का अभ्यास कर कई बीमारियों से बच सकते हैं. वैसे तो हर एक योगासन का अपना महत्व है, लेकिन सर्वांगासन आपको कई फायदा पहुंचाता है. इस खबर में हम आपके लिए सर्वांगासन की विधि, फायदे और सावधानियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
क्या है सर्वांगासन?
जैसा कि इस आसन के नाम से ही पता चलता है कि यह शरीर के सभी अंगों के लिए फायदेमंद योगासनों में से एक है. इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के साथ-साथ वजन कम करने में फायदा मिलता है. खास बात ये है कि इसका अभ्यास पैरों, हिप्स और जांघों की मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. नियमित रूप से सर्वांगासन का अभ्यास करने से आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है.
सर्वांगासन का अभ्यास करने का तरीका
सबसे पहले योगा मैट या चटाई पर पीठ के बल लेटें.
इसके बाद दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें.
अब पैरों को जमीन से ऊपर की तरफ उठायें और सीधा करें.
फिर अपने पेल्विक को जमीन से ऊपर की तरफ उठाएं.
कंधे, सिर, पेल्विक और पैरों को एक सीधी रेखा में रखें.
शोल्डर यानी कंधे के सहारे उल्टा जमीन पर खड़े होने की मुद्रा में रहें.
अपनी क्षमता के अनुसार इस स्थिति में बने रहें फिर वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं.
सर्वांगासन करने से मिलने वाले फायदे
इसके अभ्यास से बांझपन और गर्भपात जैसी समस्याएं दूर होती हैं.
खास बात ये है कि यह मासिक धर्म संबंधी परेशानियां दूर करता है.
इसके अभ्यास कब्ज से राहत देकर पाचन क्रिया सक्रिय बनाता है.
थकान और दुर्बलता को दूर करने में भी यह आसन लाभकारी है.
इसके नियमित अभ्यास हाथ, कंदे और पीठ को अधिक लचीला बनाता है.
पेट की चर्बी और मोटापा कम करने में भी यह सहायता करता है.
इस आसन का अभ्यास थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करता है.
दिल की मासपेशियां सक्रिय होती हैं.
ये शुद्ध रक्त को दिल तक पहुंचाने में मददगार है.
सर्वांगासन के दौरान बरते ये सावधानियां?
अगर आपको माहवारी या गर्दन में चोट है तो इसके अभ्यास से बचें.
दस्त, सिरदर्द, हाई बीपी की समस्या होने पर इसका अभ्यास न करें.
ध्यान रखें कि इसे शुरुआत में किसी गुरु के निर्देशन में ही करें.
सबसे जरूरी बात ये है कि शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगायें.
Disclaimer:
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.
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