आजकल दुनियाभर में किडनी स्टोन (पथरी) की समस्या तेजी से बढ़ रही है. एक्सपर्ट का मानना है कि इसके प्रमुख कारणों में से एक है शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन. जब शरीर को उसकी जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता, तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें किडनी स्टोन का खतरा सबसे प्रमुख है.


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किडनी स्टोन असल में मिनरल्स और नमक की ठोस परतें होती हैं, जो किडनी में जम जाती हैं. यह छोटे रेत के कणों से लेकर बड़े गोल्फ बॉल के आकार तक की हो सकती हैं. जब यूरिन में मिनरल्स की कंसंट्रेशन ज्यादा हो जाती है, तब यह जमाव शुरू हो जाता है. इस स्थिति में, कैल्शियम, ऑक्सलेट और यूरिक एसिड जैसे मिनरल् ठोस रूप लेने लगते हैं और पानी की कमी के कारण यह किडनी स्टोन में तब्दील हो जाते हैं.


कम पानी पीने से कैसे बढ़ता है किडनी स्टोन का खतरा?
मणिपाल हॉस्पिटल (पुणे) के यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अंकित शर्मा के अनुसार, जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो यूरिन की मात्रा कम हो जाती है और यूरिन ज्यादा कंसन्ट्रेटेड हो जाती है. इस कंसन्ट्रेटेड यूरिन में कैल्शियम, ऑक्सलेट और यूरिक एसिड जैसे मिनिरल्स की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी स्टोन बनने का कारण बनते हैं. अगर समय पर ध्यान नहीं दिया जाए, तो यह छोटे-छोटे क्रिस्टल्स बड़े स्टोन में बदल सकते हैं, जो दर्द और अन्य दिक्कतें पैदा कर सकते हैं.


डिहाइड्रेशन होने पर यूरिन का कंसंट्रेशन बढ़ जाता है, जिससे क्रिस्टलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू होती है और किडनी स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है. इस वजह से शरीर में दर्द, यूरिन में खून आना और बार-बार यूरिन की समस्या होती है.


पानी पीने से किडनी स्टोन कैसे रोकी जा सकती है?
यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं, तो यह यूरिन में मौजूद मिनिरल्स और नमक को पतला कर देता है, जिससे किडनी स्टोन बनने की संभावना कम हो जाती है. इसलिए यह जरूरी है कि दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीया जाए, खासकर गर्मियों में या शारीरिक गतिविधि के बाद. गुड़गांव स्थित मणिपाल हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. संदीप मंडल का कहना है कि शरीर को दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी की आवश्यकता होती है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यूरिन पतला रहता है और किडनी स्टोन बनने की संभावना बहुत कम हो जाती है.


किडनी स्टोन की इलाज क्या?
किडनी स्टोन का उपचार स्टोन के आकार और प्रकार पर निर्भर करता है. छोटे स्टोन्स को नेचुरल रूप से बिना किसी सर्जरी के यूरिन से बाहर निकाला जा सकता है, जिसके लिए अधिक पानी पीने की सलाह दी जाती है. जबकि, बड़े स्टोन्स के लिए एक्स्ट्राकॉर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (ESWL), यूरेट्रोस्कोपी और पर्सक्युटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (PCNL) जैसी प्रक्रियाएं की जाती हैं.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.