कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो पहचानने और इलाज में देरी से जानलेवा बन जाती है. ऐसे में अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एक नई वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य इस घातक बीमारी को होने से पहले खत्म कर देना है. 


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इस वैक्सीनेशन का फोकस न केवल कैंसर के इलाज पर होगा, बल्कि इसके शुरुआती स्टेज यानी "प्री-कैंसर" को पहचानने और उसे रोकने पर भी होगा. शोधकर्ताओं का मानना है कि कैंसर पूरी तरह से विकसित होने से पहले तक यह कई वर्षों तक शरीर में अनदेखा बना रहता है. इस प्रोजेक्ट को GSK, एक प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर आगे बढ़ाया जा रहा है.


कैंसर को रोकने की कोशिश

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सारा ब्लैगडन के गाइडेंस में यह प्लान कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने की दिशा में अहम कदम हो सकता है. उनका कहना है, कैंसर अचानक से नहीं होता, यह कई वर्षों में विकसित होता है. इस दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, जो पहली नजर में दिखाई नहीं देते.
 


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कैंसर ट्यूमर बनने में लगते हैं 20 साल

नॉर्मल सेल्स को कैंसर सेल्स में बदलने में 20 सालों तक का समय ले सकता है. ऐसे में इस नए वैक्सीनेशन का लक्ष्य इन प्रि-कैंसर बदलावों को पहचानना है, ताकि वैक्सीन उन कोशिकाओं को निशाना बना सके जो कैंसर बनने की ओर अग्रसर होती हैं. 


पहले स्टेज पर कैंसर का इलाज

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह वैक्सीनेशन सफल होता है, तो यह कैंसर को इसके शुरुआती चरण में ही रोकने में सक्षम होगा. इस शोध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी उपयोग किया जा रहा है, ताकि कोशिकाओं को डिटेल से एनालिसिस किया जा सके. 

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आसान होगी कैंसर मरीजों की जिंदगी

यह प्रोजेक्ट कैंसर से बचाव के लिए एक अहम कदम हो सकता है, लेकिन अभी इसे पूरी तरह से विकसित करने और परीक्षण करने में समय लगेगा. यदि यह वैक्सीनेशन सफल होता है, तो यह भविष्य में कैंसर के उपचार और रोकथाम के लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.