कब्ज, एसिडिटी और गैस: सर्दियों में बढ़ जाती हैं पाचन संबंधी समस्याएं, इन 5 नैचुरल तरीकों से करें ठीक
Digestive problems: सर्दियों में पाचन कैसे सुधारें? खैर, हेल्दी डाइजेशन बनाए रखना कोई रॉकेट साइंस नहीं है. अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में मामूली बदलावों के साथ आप अपने पेट की सेहत का अच्छा ख्याल रख सकते हैं.
Digestive problems: हर किसी को कभी न कभी गैस, एसिडिटी, कब्ज, सीने में जलन या दस्त जैसी पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कुछ लोगों को पेट दर्द की समस्या अधिक होती है. जबकि पेट की समस्याएं लोगों में आम हैं और अक्सर होती हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे सामान्य या स्थायी हैं. आप हमेशा समस्या का समाधान और बेहतर पाचन कर सकते हैं. आपके पेट की स्थिति शरीर के हर दूसरे हिस्से को प्रभावित कर सकती है, जिसमें आपकी स्किन, इम्यून सिस्टम, स्लीप साइकिल, दिल, दिमाग और बहुत कुछ शामिल है. नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं जिससे आप पाचन में सुधार कर सकते हैं.
प्रोसेस्ड फूड कम करें
प्रोसेस्ड फूड पाचन तंत्र के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होते हैं. इनमें फाइबर की मात्रा कम होती है जो खाने के पाचन को मुश्किल बना सकती है और एसिडिटी जैसी पेट की समस्याओं को बढ़ा सकती है.
अधिक फाइबर खाएं
फाइबर कोलन को स्वस्थ रखने में मदद करता है. यह मल को नरम बनाता है, किसी भी टॉक्सिक कम्पाउंड के प्रभाव को कम करता है और खराब बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करता है. डेली डाइट में सब्जियों का जूस, फल, सूप, सलाद, सब्जी और साबुत अनाज को शामिल करें.
पेट के एसिड को बूस्ट करें
पेट में एसिड कम होने से डकार, गैस, हार्टबर्न, सिरदर्द और थकान होती है. सुबह एक गिलास पानी में नींबू की कुछ बूंदे और एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर पिएं. ये ड्रिंक शरीर के लिए हेल्दी होता है. बस याद रहे कि एप्पल साइडर विनेगर का सेवन कम मात्रा में करें.
प्रोबायोटिक फूड
प्रोबायोटिक लाभकारी बैक्टीरिया से भरे होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट, पुरानी सूजन को कम और पेट की सेहत के लिए अच्छे होते है. इसलिए अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ और पेट को साफ रखने के लिए फर्मेंटेड फूड्स जैसे- फर्मेंटेड सब्जियां, नारियल केफिर और प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स का सेवन करें.
हाइड्रेटेड रहना
भोजन को बेहतर ढंग से पचाने के लिए आपके पूरे पेट में हेल्द मसल्स की आवश्यकता होती है. इसके लिए हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है जो म्यूकोसल लिनिंग की सेहत में मदद करता है और उचित पाचन के लिए छोटी आंतों के बैक्टीरिया का समर्थन करता है. इससे कब्ज की समस्या भी नहीं होती है.
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