कोरोना की तीसरी लहर आएगी या नहीं? विशेषज्ञों ने कही बड़ी बात, बचाव का तरीका भी बताया
केंद्र सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन भी कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कह चुके हैं.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में काफी हाहाकार मचाया है. जब लोग कोरोना की दूसरी लहर से उबरे भी नहीं है कि कोरोना की तीसरी लहर की भी आशंका सामने आ गई है. केंद्र सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन भी कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कह चुके हैं. ऐसे में हमने बीएचयू के प्रोफेसर और वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर सुनीत कुमार सिंह से बात की और कोरोना की तीसरी लहर के बारे में उनसे जानने की कोशिश की.
लापरवाही से पैदा हुआ संकट
प्रोफेसर सुनीत कुमार सिंह ने बताया कि पिछले साल फैला कोरोना संक्रमण काबू में आ गया था. हालात सामान्य होने की तरफ बढ़ चले थे. लेकिन इस दौरान लोगों द्वारा लापरवाही की गई, जिसके चलते हमें कोरोना की दूसरी लहर का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर देशवासियों ने फिर से लापरवाही दिखाई और कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया तो कोरोना की तीसरी क्या चौथी-पांचवी लहर भी आ सकती है. उन्होंने ये भी बताया कि कोरोना की तीसरी लहर कुछ जगहों पर अपना असर दिखा सकती है लेकिन अगर लोगों ने सावधानी बरती तो संभव है कि बड़े स्तर पर यह कोई नुकसान ना पहुंचाने पाए.
ऐसे कर सकते हैं बचाव
प्रोफेसर सुनीत कुमार सिंह ने कोरोना की तीसरी लहर से बचाव का तरीका भी बताया. उन्होंने कहा कि हमें मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोने जैसे कोरोना नियमों का पालन करना होगा. इससे हम कोरोना की तीसरी लहर को रोक सकते हैं. उनके अनुसार, जिस तरह से सरकार लॉकडाउन लगाकर संक्रमण की चेन तोड़ने की कोशिश कर रही है, ऐसे में सरकार की सक्रियता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी. हालांकि इसमें समाज को भी पूरा योगदान देना होगा और लापरवाही बिल्कुल ना करें.
डब्लूएचओ ने की गलती
प्रोफेसर सिंह ने बताया कि पिछले साल डब्लूएचओ ने बताया था कि कोरोना वायरस वाटर ड्रोपलेट्स से फैलता है. मतलब आदमी जब छींकता, खांसता है तो उसके मुंह से निकले करीब 10 माइक्रोन के ड्रॉपलेट्स संक्रमण बढ़ाते हैं. लेकिन अब डब्लूएचओ ने मान लिया है कि कोरोना वायरस एयर बोर्न है. मतलब ये कि यह काफी समय तक हवा में भी रह सकता है और इससे ज्यादा लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा है. माना जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का कारण भी वायरस को लेकर कम जानकारी प्रमुख वजह बनी.