Can Bra Cause Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं की मौत के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. माना जाता है कि इस कैंसर का जोखिम ज्यादा देर तक टाइट ब्रा पहनने से भी बढ़ता है. लेकिन क्या यह दाव शत प्रतिशत सच है? इसका जवाब आप इस लेख में एक्सपर्ट से जान सकते हैं.
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Breast Cancer Awareness Month 2024: WHO की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में दुनियाभर में 2.3 मिलियन ब्रेस्ट कैंसर के मामले थे. वहीं, इससे मरने वाले लोगों की संख्या 6 लाख 70 हजार थी. वैसे तो ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों में भी होता है, लेकिन महिलाओं में इसका जोखिम सबसे ज्यादा होता है. कैंसर का ये प्रकार महिलाओं में होने वाली मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण भी है.
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को लेकर कई सारी अवधारणाएं समाज में बनायी गयी हैं. जिसमें से एक है लंबे समय तक ब्रा पहनना, खासकर अंडरवायर ब्रा. कई महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित हैं. डॉ. रोहन खंडेलवाल, प्रमुख सलाहकार और सीके बिरला अस्पताल गुड़गांव के ब्रेस्ट सेंटर के प्रमुख बताते हैं कि किसी भी साइंटिफिक रिसर्च में इस दावे को सच नहीं बताया गया है.
क्या है ब्रा से ब्रेस्ट कैंसर होने का लॉजिक
एक्सपर्ट का मानना है कि इस भ्रांति की शुरुआत शायद इस सिद्धांत से हुई कि टाइट ब्रा लिंफैटिक सिस्टम को ब्लॉक कर देती है, जिससे ब्रेस्ट टिश्यू में टॉक्सिन जमा हो सकते हैं. इस सिद्धांत के अनुसार, अंडरवायर ब्रा का दबाव शरीर की टॉक्सिन को बाहर निकालने की प्रक्रिया को रोक सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि, यह विचार कई लोगों को विश्वास दिलाने वाला लगा, लेकिन इसे किसी वैज्ञानिक डेटा से समर्थन नहीं मिला है.
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ब्रा और ब्रेस्ट कैंसर में कोई संबंध नहीं!
डॉ. बताते हैं कि कई स्टडी किए गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होता है. इन शोधों में ब्रा पहनने की अवधि, अंडरवायर ब्रा का उपयोग, और महिलाओं की अन्य आदतों को ऑब्जर्व किया गया. लेकिन निष्कर्षों में ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा पहनने के बीच किसी तरह का सीधा संबंध नहीं मिला है. जिससे यह प्रूव होता है कि ब्रा पहनने के तरीके या उसकी अवधि का कैंसर के जोखिम पर कोई असर नहीं पड़ता है.
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम के कारक
ब्रेस्ट कैंसर शरीर की कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों के कारण होता है, जो अक्सर आनुवंशिकी और जीवनशैली के विकल्पों के कारण होता है. इसके लिए जिम्मेदार सामान्य कारक में बढ़ती उम्र, मेडिकल हिस्ट्री, जेनेटिक म्यूटेशन, स्मोकिंग, शराब पीना, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, देर से मेनोपॉज और कम उम्र में पीरियड होना शामिल हैं.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.