Cricket World Cup 2023: सुपर फिट होने के बाद भी क्रिकेटर्स को क्यों आते हैं क्रैम्प?
क्रिकेट का खेल अपने खिलाड़ियों से सबसे अच्छी शारीरिक फिटनेस, चुस्ती और मानसिक सहनशक्ति की मांग करता है. हालांकि, प्रोफेशनल क्रिकेटर्स की गजब की फिटनेस के बावजूद, मैच के दौरान क्रैम्प की घटनाएं एक लगातार समस्या बनी हुई हैं.
क्रिकेट का खेल अपने खिलाड़ियों से सबसे अच्छी शारीरिक फिटनेस, चुस्ती और मानसिक सहनशक्ति की मांग करता है. हालांकि, प्रोफेशनल क्रिकेटर्स की गजब की फिटनेस के बावजूद, मैच के दौरान क्रैम्प की घटनाएं एक लगातार समस्या बनी हुई हैं. बीते 7 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया बनाम अफगानिस्तान मैच के दौरान, ऑस्ट्रेलिया टीम के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने अपने जांग की मसल्स, सिन, हेमस्ट्रिंग और पैर की उंगलियों में क्रैम्प का सामना किया. इसके बाद भी वो पिच पर खड़े रहे और दोहरा शतक जमाते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई.
इसी तरह, 15 नवंबर को भारत बनाम न्यूजीलैंड सेमीफाइनल के दौरान, विराट कोहली को क्रैम्प से जूझते हुए देखा गया था. हालांकि, उन्होंने खेलना जारी रखा और वनडे में अपना 50 शतक जड़ा. मुंबई की उमस में क्रैम्प के कारण भारत के ओपनर बल्लेबाज शुभमन गिल भी 79 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हो गए थे. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इतने फिट होने के बाद भी क्रिकेटर्स को क्रैम्प का सामना क्यों करना पड़ता है? चलिए पता करते हैं.
क्या है क्रैम्प?
क्रैम्प अनैच्छिक और अचानक मांसपेशियों में संकुचन हैं, जो तेज दर्द और अस्थायी गतिहीनता का कारण बन सकते हैं. वे विभिन्न कारकों जैसे निर्जलीकरण, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, मांसपेशियों की थकान और ज्यादा मेहनत के कारण होते हैं. क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें सूरज के नीचे या गर्म और ह्यूमिडिटी की परिस्थितियों में लंबे समय तक खेलना होता है, जिससे क्रैम्प की संभावना काफी बढ़ जाती है.
डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
क्रिकेटरों में क्रैम्प का एक प्राइमरी कारण निर्जलीकरण यानि डिहाइड्रेशन है. मैदान पर घंटों समय बिताने पर अत्यधिक पसीना और तरल पदार्थ की कमी हो सकती है. फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम का यह नुकसान मांसपेशियों के उचित काम के लिए आवश्यक संतुलन को बाधित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप क्रैम्प होती है.
मांसपेशियों में थकान और ज्यादा परिश्रम
क्रिकेट का एक ऐसा नेचर है, जिसमें विस्फोटक गतिविधियां, बार-बार होने वाले एक्शन और खेलने का अधिक समय मांसपेशियों की थकान और अत्यधिक परिश्रम का कारण बन सकती है. विशेष रूप से गेंदबाजों को उनके बार-बार एक्शन के कारण ज्यादा खिचाव का अनुभव होता है. जैसे-जैसे मांसपेशियां थकती हैं, वे क्रैम्प के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं. शुभमन गिल को हाल ही में हुए डेंगू हुआ था, जिसके चलते उनके मांसपेशियों के द्रव्यमान में कमी का अनुभव हुआ है. इसलिए, उनको क्रैम्प आया होगा.
इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
मैचों से पहले, दौरान और बाद में हाइड्रेशन लेवल को बनाए रखना महत्वपूर्ण है. खोए हुए तरल पदार्थों और मिनरल्स को बदलने के लिए खिलाड़ियों को इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर ड्रिंक्स सहित पर्याप्त तरल पदार्थों का सेवन करने की आवश्यकता है. मैचों से पहले उचित स्ट्रेचिंग रूटीन और वार्म-अप एक्सरसाइज खेल की मांगों के लिए मांसपेशियों को तैयार करने में मदद करते हैं, जिससे क्रैम्प का खतरा कम हो जाता है. मैच और ट्रेनिंग सत्रों के बीच पर्याप्त आराम मांसपेशियों को ठीक होने देता है और थकान से प्रेरित क्रैम्प की संभावना को कम करता है. टीमों में अक्सर फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स डॉक्टर होते हैं, जो क्रैम्प के मामले में तत्काल देखभाल प्रदान करते हैं और साथ ही निवारक उपायों पर भी सलाह देते हैं.