श्रीलंका में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. राष्ट्रीय डेंगू नियंत्रण इकाई (एनडीसीयू) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल यानी 2023 में अब तक श्रीलंका में डेंगू से 50 लोगों की जान ले ली है. देश में अब तक डेंगू के 84,038 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से 7,550 मामले अकेले दिसंबर में सामने आए.


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कोलंबो जिले में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जहां 17,803 रोगियों का इलाज चल रहा है. इसके बाद गमपाहा जिला है, जहां 15,817 रोगी हैं. जाफना जिले में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, जहां 7,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं. श्रीलंकाई स्वास्थ्य अधिकारियों ने बरसात के मौसम में इस बीमारी के फैलने की चेतावनी दी है. उन्होंने लोगों से अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों को साफ रखने और मच्छरों के पनपने से रोकने के लिए उपाय करने का आग्रह किया है.


एक्सपर्ट ने लोगों से आग्रह किया कि यदि उन्हें तेज बुखार, पेट दर्द, चक्कर आना, अनियंत्रित उल्टी और यूरीन में कमी के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत सावधान हो जाएं. महामारी एक्सपर्ट ने कहा कि डेंगू हेमोरेजिक फीवर (डीएचएफ) जानलेवा हो सकता है, ऐसे में सभी मरीजों को आराम करने की आवश्यकता होती है और उन्हें कहीं भी जाने से बचना चाहिए. इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं से अगर बुखार आए तो व तुरंत अस्पताल में जाकर दिखाएं.


डेंगू के लक्षण
डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है. इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और चकत्ते हैं. गंभीर मामलों में, डेंगू हेमोरेजिक बुखार का कारण बन सकता है, जो घातक हो सकता है.


डेंगू से बचाव के उपाय
- मच्छरों को काटने से बचें. इसके लिए लंबे कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छर भगाने वाली दवाएं लगाएं.
- अपने घरों और आसपास के इलाकों में पानी जमा न होने दें.
- डेंगू के लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.


श्रीलंकाई सरकार ने डेंगू से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें मच्छरों को मारने के लिए दवाओं का छिड़काव, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना और अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराना शामिल हैं.