नई दिल्ली : एक निजी अस्पताल के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दिल के रोगियों में डेंगू से उनकी हृदय संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। फोर्टिस हेल्थकेयर ने पिछले तीन महीने में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अस्पतालों में भर्ती किये गये 150 रोगियों पर यह अध्ययन किया।


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इसमें यह दावा भी किया गया है कि डेंगू बुखार के साथ भर्ती कराये गये रोगियों की इलेक्ट्रो कार्डियोग्राफ और इकोकार्डियोग्राफ (ईसीजी और ईको) की रीडिंग बदल गयी जबकि उन्हें पहले से दिल की कोई समस्या नहीं थी।


फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के क्लीनिकल रिसर्च एंड एकेडेमिक्स के डीन और कार्यकारी निदेशक उपेंद्र कौल के अनुसार, ‘हमारा अध्ययन बताता है कि डेंगू हृदय रोगियों की दिक्कत दोगुनी कर सकता है और यह वेक्टर जनित बीमारी ऐसे रोगियों में गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।’ 


उन्होंने कहा, ‘ऐसा भी होता है कि अकसर हृदय रोगी एस्प्रिन ले रहे होते हैं। लेकिन इन रोगियों में एस्प्रिन लेना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह प्लेटलेट की संख्या कम करता है और रक्तस्राव भी हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि अनुसंधान में केवल उन डेंगू रोगियों का उल्लेख है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी।


अस्पताल की ओर से जारी अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार सीने में परेशानी, सांस लेने में कठिनाई, अनावश्यक थकान के साथ डेंगू बुखार आने वालों को अपना ईसीजी या ईको करा लेना चाहिए ताकि किसी तरह की हृदय संबंधी आशंका को समाप्त किया जा सके। इसमें कहा गया है कि अगर शुरूआत में ही इस तरह के बदलाव पता चल जाए तो पहले स्तर पर समस्या से निपटा जा सकता है और हृदय रोग के बढने को टाला जा सकता है।