अगर आपको लगातार थकान रहती है, अचानक वजन कम हो रहा है और बार-बार पेशाब आता है, तो ये डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं. लेकिन चिंता की बात सिर्फ इतनी ही नहीं है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने टाइप 2 डायबिटीज और गर्भाशय (uterine) के कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के बीच एक लिंक की चेतावनी दी है. इससे ये स्पष्ट होता है कि डायबिटीज का मैनेजमेंट सिर्फ ब्लड शुगर को कंट्रोल करने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह गंभीर समस्याओं, जैसे गर्भाशय के कैंसर के खतरे को कम करने के बारे में भी है.


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ICMR के अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि डायबिटीज से एंडोमेट्रियल कैंसर (EC) का खतरा काफी बढ़ जाता है. असल में, ICMR के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर होने का खतरा दोगुना हो जाता है. शोध से पता चलता है कि डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर का लेवल एंडोमेट्रियल कैंसर सेल्स के विकास और फैलने में योगदान दे सकता है.


अपने आप को कैसे बचाएं?
अच्छी बात ये है कि डायबिटीज को कंट्रोल करके और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप इस खतरे को कम कर सकती हैं. आइए जानते हैं आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकती हैं:
* अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें: यह डायबिटीज कंट्रोल करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है. अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित सेवन करें और हेल्दी डाइट लें.
वजन कम करें: अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने का प्रयास करें. हेल्दी वजन बनाए रखने से एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा कम हो सकता है.
नियमित व्यायाम करें: शारीरिक रूप से एक्टिल रहना न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि यह आपके पूरे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है.
धूम्रपान से बचें: धूम्रपान न सिर्फ आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह कई तरह के कैंसर के खतरे को भी बढ़ा सकता है.
नियमित जांच करवाएं: अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवाएं, खासकर अगर आपको डायबिटीज है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.