खराब डाइट, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से डायबिटीज होने का खतरा ज्यादा रहता है. जब पैंक्रियाज में इंसुलिन की कमी हो जाती है, तब कोई इंसान डायबिटीज से पीड़ित होता है. डायबिटीज टाइप-1 में पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, वहीं टाइप-1 में इंसुलिन कम बनता होता है. इंसुलिन कम बनने से खून में शुगर लेवल तेजी से बढ़ने लगता है. इंसुलिन खाने को एनर्जी में बदलता है और इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.


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डायबिटीज को कंट्रोल में करने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे असरदार साबित होते हैं. जड़ी बूटियों से भी इसे कंट्रोल में रख जा सकता है. आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में गुड़हल के फूल एक ऐसा असरदार दवा है, जो शुगर का लेवल कंट्रोल में रखता है. आइए जानते हैं कैसे


गुड़हल के फूल में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों को दूर कर देते हैं. गुड़हल के फूल के सेवन से शुगर का स्तर कंट्रोल में रहता है. प्री डायबिटीज और डायबिटीज के मरीज डेली गुड़हल के फूल का सेवन कर सकते हैं. ये फूल शुगर से होने वाली बीमारियों का खतरा कम करता है. डेली सुबह खाली पेट 4 से 5 गुड़हल की कली खाने से डायबिटीज की समस्या से बचा जा सकता है.


गुड़हल के फूल के अन्य फायदे


  • गुड़हल का फूल एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में असरदार साबित होते हैं.

  • एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर गुड़हल का फूल सूजन को कम करने में असरदार साबित होते हैं.

  • गुड़हल का फूल से वजन को भी आसानी से कम किया जा सकता है.

  • गुड़हल को खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम किया जा सकता है.

  • गुड़हल के फूल से स्किन में निखार आता है.


गुड़हल के फूल का सेवन कैसे करें 


  • गुड़हल के सूखे फूलों को मिक्सी में पीस लें और सूखा पाउडर तैयार कर लें. इस पाउडर का आप रोजाना सेवन कर सकते हैं.

  • गुड़हल के फूल की चाय भी बनाकर पी सकते हैं.

  • गुड़हल के पत्ते आप डायरेक्ट चबाकर भी खा सकते हैं.


Disclaimer:
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.