Black Hole's Corona: सूर्य का कोरोना हमें यदा-कदा ही दिखता है, ब्लैक होल का कोरोना देख पाना तो और भी मुश्किल है. वैज्ञानिकों ने पहली बार बताया है कि ब्लैक होल का कोरोना कैसा होता है.
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Science News in Hindi: क्या आपने कभी पूर्ण ग्रहण ग्रहण देखा है? अगर हां, तो चंद्रमा के चारों तरफ एक चमकदार प्रकाश का आभामंडल भी जरूर देखा होगा. इसे कोरोना कहते हैं और यह सूर्य का फैला हुआ बाहरी वायुमंडल है. हालांकि, यह इतना पतला है कि हम इसे पृथ्वी पर निर्वात मानेंगे, लेकिन असल में इसका तापमान लाखों डिग्री सेल्सियस है. इसी वजह से यह पूर्ण ग्रहण के दौरान दिखाई देता है. ब्लैक होल के बारे में हमारी समझ कहती है कि उनका भी कोरोना होना चाहिए. सूर्य के कोरोना की तरह ब्लैक होल के कोरोना को भी देख पाना मुश्किल है. The Astrophysical Journal में छपी एक नई स्टडी इसी मुश्किल को दूर करने की कोशिश करती है.
ब्लैक होल का कोरोना क्या है?
वैज्ञानिक मानते हैं कि किसी भी सक्रिय ब्लैक होल के चारों तरफ गैस और धूल का एक डोनट के आकार का टोरस होता है. इसी में ब्लैक होल के रोटेशनल प्लेन से अलाइन्ड गर्म पदार्थ की एक एक्रेशन डिस्क होती है. ब्लैक होल के ध्रुवीय इलाकों से लगभग प्रकाश की गति से आयनित गैसों के जेट्स निकलते हैं. यह मॉडल वैज्ञानिकों द्वारा देखे जाने वाले तरह-तरह के एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई (AGN) की व्याख्या करेगा, क्योंकि हमारे सापेक्ष ब्लैक होल का ओरिएंटेशन AGN के रूप को बदलता है.
मॉडल के अनुसार, एक्रेशन डिस्क का सबसे अंदरूनी क्षेत्र वैक्यूम घनत्व के पास बेहद सुपरहीटेड क्षेत्र होना चाहिए, जो ब्लैक होल में प्रवाहित होता है. यह सूर्य के कोरोना जैसा है लेकिन इसका तापमान लाखों डिग्री नहीं, बल्कि अरबों डिग्री सेल्सियस है. लेकिन चूंकि यह बहुत अधिक फैला हुआ है, इसका प्रकाश एक्रेशन डिस्क के प्रकाश से दब जाता है.
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स्टडी में क्या पता चला?
नई स्टडी में, वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल के कोरोना से आतीं एक्स-रे किरणों को पकड़ा और उनमें एक पैटर्न ढूंढ पाए. डेटा के आधार पर उन्होंने पाया कि कोरोना, ब्लैक होल को सूर्य के कोरोना के समान गोले में घेरने के बजाय, एक्रेशन डिस्क की तरह एक डिस्क में घेरता है.